कांकेर : छ्त्तीसगढ़ में मतांतरण एक बड़ा मुद्दा बन चुका है. आए दिन प्रदेश में मंतातरण को लेकर हो रहे विवाद सामने आ रहे हैं. कांकेर जिले के कोरर थाना अंतर्गत मुरागांव में रविवार को मतांतरित परिवार के लोगों से मारपीट की घटना हुई है. 10 से 12 गांवों के ग्रामीणों ने सभा कर मतांतरित परिवार के लोगों से मारपीट किया है.पीड़ित परिवार के लोगों ने बताया कि ''चर्च के प्रार्थना में शामिल होने से मना किया जा रहा है.'' सोमवार सैकड़ों की संख्या में मतांतरित ग्रामीण कांकेर एसपी और कलेक्टर से शिकायत करने पहुंचे.
3 दिन में गांव खाली करने की धमकी: पीड़ितों का कहना है कि "हम लोग प्रभु येशु ईसाई धर्म मानने वाले लोग हैं. रविवार को 10 से 12 गांव के ग्रामीण इकट्ठा हुए थे. हमें घर से निकाल के ईसाई धर्म मनाते हो कहकर के मारपीट किए. गांव में 8 लोगों के साथ मारपीट की गई है. एक ग्रामीण मोटरसाइकिल से कहीं जा रहा था.उसे भी रोककर मारपीट किया गया.ईसाई समुदाय के लोगों को तीन दिनों के अंदर गांव छोड़कर जाने को कहा गया है.जिसकी शिकायत कोरर थाने में दर्ज की गई है. ''
बसपा ने एसपी को सौंपा आवेदन : पूरे मामले में कांकेर बहुजन समाज पार्टी ने भी लिखित में दोषियों पर कार्रवाई को लेकर एसपी को आवेदन दिया है. बहुजन समाज पार्टी के नेता ने कहा है '' कि मुरागांव में विशेष धर्म के लोगों के साथ मार-पीट की घटना को अंजाम दिया है. पुलिस को कार्यवाई करनी चाहिए.'' गौरतलब है कि मुरागांव में 12 परिवार 2011 से मतांतरित होकर ईसाई धर्म अपना चुके हैं. इन्हें मिशनरियों ने मतांतरित करवाया है. वहीं मारपीट करने वालों में हिंदू संगठन के लोगों के शामिल होने से इनकार किया जा रहा है, बल्कि मारपीट में आदिवासी समाज के लोगों के शामिल होने की बात कही जा रही है.
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कांकेर एसपी शलभ सिन्हा ने कहा कि '' कोरर थाना अंतर्गत मुरागांव के कुछ ग्रामीणों ने शिकायत की है. सबका मुलाहिजा करा लिया गया है. जांच जारी है. वैधानिक कार्रवाई किया जाएगा.''