कांकेर: हितग्राहियों के हक की राशि का गबन करने वाले लिपिक को मुख्य न्याययिक मजिस्ट्रेट ने 3 साल कारावास और 2 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. बता दें कि मामला 2013 का है, कृषि विभाग के दफ्तर में पदस्थ लिपिक ने चेक में किसानों के नाम के साथ हेरफेर कर 2 लाख 27 हजार रुपये का गबन किया था.
कृषि विभाग की ओर से किसानों को कृषि उपकरण खरीदने के लिए राशि दी जानी थी, उसमें लिपिक भूपेंद्र गंगासागर के ओर से चेक में हेरफर कर सभी चेक को जेपरा के ग्रामीण हुमन कुमार पटेल के नाम कर दिया था और पंजाब नेशनल बैंक में फर्जी दस्तावेज के सहारे एकाउंट खोल रुपये निकाल लिए थे, बैंक की ओर से एक ही हितग्राही के नाम से बार-बार चेक लगाए जाने को लेकर गड़बड़ी की आशंका के तहत कृषि विभाग के उप संचालक को इससे अवगत करवाया गया , जिसके बाद कृषि विभाग के उप संचालक ने जांच दल गठित कर मामले की जांच कराई है.
मजिस्ट्रेट ने सुनाई 3 साल की सजा
लिपिक भूपेंद्र गंगासागर की ओर से पंजाब नेशनल बैंक और देना बैंक के सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ था, फुटेज देखने पर उसकी गतिविधि संदिग्ध लगीं, उप संचालक ने मामले की शिकायत कांकेर थाना में दर्ज कराई है. मामले की जांच के दौरान लिपिक भूपेंद्र गंगा सागर को दोषी पाते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट चित्रलेखा सोनवानी ने 3 साल जेल की सजा सुनाने के साथ ही 2 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है.