कांकेर: विधानसभा चुनाव के नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे. जिला प्रशासन की टीम मतगणना को सफलतापूर्वक संपन्न कराने में जुटा है. जिले में इस बार निर्वाचन की टीम ने नायाब पहल की है. इस बार वोटों की गिनती की जिम्मेदारी महिला अधिकारी और कर्मियों के कंधों पर होगी.
आधी आबादी का दिखेगा दम: कांकेर जिले में इस बार मतगणना में 196 महिला कर्मचारियों की ड्यूटी लगी है. इन कर्मियों की ट्रेनिंग शुरू हो गई है. दरअसल कांकेर जिले में महिला मतदाताओं की संख्या अधिक है. जिले में पुरुषों की तुलना में 12607 महिला मतदाता अधिक हैं. इतना ही नहीं वोट गिराने भी जिले में इस बार पुरुषों की तुलना में 9016 महिलाएं ज्यादा पहुंची. इस तुलनात्मक अध्यन्न के बाद ही जिला प्रशासन ने मतगणना महिलाओं से कराने के बारे में सोचा.
समाज के सामने एक उदाहरण: जिला निर्वाचन पदाधिकारी और जिले की कलेक्टर प्रियंका शुक्ला ने ईटीवी से खास बातचीत में बताया कि, जिले में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब काउंटिंग की जिम्मेदारी महिलाओं को सौंपी गयी है. उन्होंने बताया कि, इससे समाज में महिला पुरुष के बीच लैंगिक समानता का संदेश देने की कोशिश भी की गई है.
ड्यूटी चार्ट कैसा है: कांकेर जिले में तीन विधानसभा हैं. लिहाजा ईवीएम से काउंटिंग के लिए 48 महिला राजपत्रित यानी व्याख्याता रैंक की महिला अधिकारियों की ड्यूटी लगी है. इसके अलावा इसी रैंक की 12 महिला अधिकारी पोस्टल बैलेट की गणना करेंगी. यानी व्याख्याता रैंक की कुल 60 महिला अधिकारी हैं. इनकी ड्यूटी सुपरवाइजर के तौर पर रहेगी. इसके अलावा 72 महिला सहायक शिक्षक और लिपिक रैंक की हैं. जिनकी काउंटिंग में ड्यूटी लगाई गई है. 72 में 48 की ड्यूटी ईवीएम से गिनती करने और 24 की ड्यूटी पोस्टल बैलेट की गणना करने में लगाया गया है. इतना ही नहीं गिनती टेबल तक EVM पहुंचाने के लिए भी 62 महिलाओं की ड्यूटी लगी है. इन सबके अलावा दो महिला अधिकारी परिणाम की घोषणा करेंगी. उनकी ड्यूटी उद्घोषक के लिए लगाई गई है.
कांकेर में पहली बार ऐसा प्रयोग: जिला निर्वाचन पदाधिकारी के मुताबिक,
"हमारी जो चुनावी पूरी प्रक्रिया है उस प्रक्रिया के माध्यम से एक उदाहरण भी समाज के सामने पेश करें. इंडिया में हमारे यहां पहले रेनबो पोलिंग स्टेशन बनाया गया था, क्योंकि तृतीय लिंग मतदाताओं को ध्यान में रखते हुए बनाया गया था, सुरक्षा बल भी वहां थर्ड जेंडर के थे, उसकी माध्यम से समाज को यहां संदेश देना चाह रहे थे कि, कुछ भी हो सभी की कार्यक्षमता बराबर होती है. काउंटिंग के माध्यम से हम यही मैसेज देना चाहते हैं.पहली बार कांकेर में ऐसा होगा. काउंटिंग महिलाओं के माध्यम से होगी." प्रियंका शुक्ला, जिला निर्वाचन पदाधिकारी
ब्लैक बोर्ड की जगह एलईडी स्क्रीन: तीनों विधानसभा के काउंटिंग हॉल में अब तक ब्लैक बोर्ड पर परिणामों को लिखा जाता रहा है, लेकिन इस बार इसमें भी बदलाव देखने को मिलेगा. तीनों कमरों में ब्लैक बोर्ड की जगह एलईडी स्क्रीन लगेगी. इसी पर नतीजों का उल्लेख होगा.