कांकेर: छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के कांकेर विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी शंकर धुर्वा को पछाड़ते हुए बीजेपी के आशाराम नेताम ने जीत हासिल की है. आशाराम नेताम ने सिर्फ 16 वोटों से चुनाव जीता है. यह सबसे कम मार्जिन वाली जीतों में से एक है.
आशाराम नेताम ने अपनी जीत का श्रेय जनता को दिया है. आशाराम नेताम का कहना है कि ''जनता ने मुझे सेवा करने का मौका दिया है. पार्टी ने भी भरोसा जताया. पीएम मोदी की कुशल नीतियों की वजह से बीजेपी ने चुनाव जीता है. 5 साल तक छत्तीसगढ़ में कुशासन रहा. जनता ने हमारे वादों पर भरोसा जताया है. हम घोषणा पत्र के वादे निभाएंगे.''
कांकेर विधानसभा सीट को जानिए: कांकेर विधानसभा सीट आदिवासी बाहुल क्षेत्र है. यहां आदिवासी वोटरों का दबदबा है. यहां प्रत्याशियों के जीत और हार का फैसला आदिवासी वोटर ही तय करते हैं. इस सीट का अधिकतर हिस्सा पहुंच विहीन होने के कारण यहां के लोग काफी आंदोलन भी करते हैं. यही कारण है कि कांकेर विधानसभा सीट को आंदोलनों का गढ़ भी कहा जाता है.
कांकेर विधानसभा सीट में विनिंग फैक्टर: कांकेर विधानसभा आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित सीट है. यहां करीब 70 फीसद आदिवासी वर्ग के मतदाता हैं. जबकि 4 फीसद अनुसूचित जाति वर्ग के मतदाता हैं. 15 फीसद मतदाता पिछड़े वर्ग से है. वहीं, 10 फीसद सामान्य वोटर्स हैं. आदिवासी वर्ग में भी गोंड जाति के लोग यहां अधिक हैं. यही कारण है कि ये जाति यहां निर्णायक की भूमिका अदा करते हैं. यानी कि कांकेर विधानसभा क्षेत्र में गोंड जाति है विनिंग फैक्टर हैं. खास बात यह है कि यहां राजनीतिक दल भी इसी जाति से अपना प्रत्याशी चुनते हैं.
एक नजर साल 2018 के विधानसभा चुनाव परिणाम पर: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 में कांकेर विधानसभा में 100 फीसद वोटिंग हुई थी. 2018 के चुनाव में कांग्रेस के शिशुपाल शोरी को 69053 वोट मिले थे, जिसका वोट प्रतिशत 51 फीसदी था. बीजेपी के हीरा मरकाम को 49249 वोट मिले. इनका वोटिंग प्रतिशत 37 फीसद था.