कांकेर: कांकेर में शराब खरीदने वाले लोगों ने बताया कि "शराब दुकानदार शराब की बोतलों में जो सरकारी दर लिखा हुआ है, उसको नेलपॉलिश से मिटा रहे हैं. जिस शराब की कीमत 210 रुपए है. उस पर 20 रुपए ज्यादा लिया जा रहा है. प्लेसमेंट एजेंसी के संचालक अधिक दामों में शराब बेचकर लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं और सरकारी राजस्व की हानि हो रही है."
प्रिंट रेट को नेलपॉलिश से मिटाया जा रहा: इसे लेकर कांकेर बीजेपी जिला अध्यक्ष सतीश लाटिया कहते हैं, "पूरे जिले में जितने भी शराब दुकान संचालित हो रहे हैं. वहां प्रिंट रेट को नेलपॉलिश से मिटा दिया जा रहा है, ताकि अधिक दर पर शराब की बिक्री की जा सके. एक तरह से लाखों के फर्जीवाड़े को अंजाम दिया जा रहा है. जनता को लूटा जा रहा है. कांग्रेस सरकार का शराब फर्जीवाड़ा भी जल्द सामने आएगा. कांकेर में इसे बन्द नहीं किया गया, तो भारतीय जनता पार्टी आंदोलन करेगी."
आबकारी अधिकारी मामले की जांच की बात कर रहे: मामले को लेकर कांकेर में संचलित शराब दुकान के मैनेजर लक्ष्मी साहू फोन पर कहते हैं कि "कौन सा मेरे दुकान में ही किया जा रहा है, पूरे जिले में है. अधिक रेट तो नहीं लेते, लेकिन नेलपॉलिश या मार्कर से रेट पास मार्क करते है. हालांकि आबकारी खलखो पूरे मामले में जांच कर प्लेसमेंट एजेंसी के संचालक के ऊपर कार्रवाई की बात कह रहे हैं."
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अंतागढ़ शराब दुकान मामले से उछला मुद्दा: हाल ही में जिले के अंतागढ़ शराब दुकान की एक वीडियो वायरल हुआ था. जिसके व्यूज लाखों में जा रहे है और वीडियो खूब शेयर हो रहा है. वीडियो कांकेर जिले के अंतागढ़ शराब दुकान का बताया जा रहा है. वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि कुछ लोग शराब लेने पहुंचे हैं. जिनसे प्रत्येक शराब की बोतल के पीछे 10 से 20 रुपये अधिक लिया जा रहा है. विरोध के बाद एक कर्मचारी वीडियो में प्रिंट रेट से अधिक दाम लेने की बात कबूल करता हुआ भी नजर आ रहा है. शराब की बोतलों से प्रिंट रेट भी गायब नजर आ रहे हैं. गुस्साए लोगों ने इसका वीडियो बनाया, जिसमें वह स्थानीय प्रशासन सहित जनप्रतिनिधियों के प्रति गुस्से में नजर आ रहे हैं.