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बर्फ का पहाड़ लांघने को तैयार बस्तर की बच्चियां, बेसिक पर्वतारोहण कोर्स कर लौटीं वापस

कांकेर (Kanker) जिला मुख्यालय से 25 किमी दूर एक खैरखेड़ा गांव (Khairkheda Village) है, जंहा निजी गोटुल खेल एकेडमी (Gotul Sports Academy) है.एकेडमी की बच्चियां (academy girls) माउन्ट एवरेस्ट प्रिप्रेसन कोर्स (Mount Everest Preparation Course) के लिए 60 दिनों का बेसिक पर्वतारोहण कोर्स और एडवांस पर्वतारोहण कोर्स (Basic Mountaineering Course and Advanced Mountaineering Course) का सफलतापूर्वक प्रशिक्षण लेकर वापस लौटी है.

Returned after doing basic mountaineering course
बेसिक पर्वतारोहण कोर्स कर लौटी वापस
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Published : Nov 24, 2021, 7:16 PM IST

Updated : Nov 24, 2021, 7:58 PM IST

कांकेर: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल प्रभावित क्षेत्र (Naxal affected area) की बच्चियां अब पर्वतारोही बनने की तैयारी में जी जान लगा रही है. दरअसल, कांकेर (Kanker) जिला मुख्यालय से 25 किमी दूर एक खैरखेड़ा गांव(Khairkheda Village) है, जंहा निजी गोटुल खेल एकेडमी (Gotul Sports Academy) है.एकेडमी की बच्चियां(academy girls) माउन्ट एवरेस्ट प्रिप्रेसन कोर्स (Mount Everest Preparation Course) के लिए 60 दिनों का बेसिक पर्वतारोहण कोर्स और एडवांस पर्वतारोहण कोर्स का (Basic Mountaineering Course and Advanced Mountaineering Course) सफलतापूर्वक प्रशिक्षण लेकर वापस लौटी है. दिलों में माउंट एवरेस्ट फतह करने का सपना लिए कांकेर सहित बस्तर क्षेत्र के सात बेटियों की टीम पर्वतरोहण की ट्रेनिंग के लिए सिक्किम रवाना हुई थी. सिक्किम नार्थ में स्थित लाखोकाँगयास पर्वत 5855 मीटर ऊंची है, जंहा इन सात लड़कियों ने ट्रेंनिग लिया, जिसमें सभी को A ग्रेड मिला. इनका लक्ष्य माउंट फतेह करना है, जिसकी ऊंचाई 8848 मीटर है.

बस्तर की बच्चियां बेसिक पर्वतारोहण कोर्स कर लौटी वापस

स्थानीय प्रशासन ने बढ़ाया हौसला

ईटीवी भारत ने ट्रेनिंग से वापस लौटी लड़कियों से खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि स्थानीय प्रशासन से हम सबका हौसला बढ़ाया था. हम पहली बार कांकेर से बाहर निकले थे.हमारे क्षेत्र में काले बड़े पत्थर बस देखे थे लेकिन वंहा तो बड़े बड़े बर्फ के पत्थर है हमारा लक्ष्य है कि हम जल्द माउंट फतेह करेंगे. बच्चियों ने बताया कि हमारा सपना है कि बस्तर को आगे बढ़ाए, नशा मुक्ति की ओर कदम बढ़ाए. बता दे कि ट्रेनिंग पूरी होने के बाद अब 2023 में होने वाले एवरेस्ट मिशन में शामिल होने का अवसर इन बच्चियों को मिलेगा. बता दें कि टीम के कोच बंशी नेताम कुछ साल पहले काला नाग पर्वत की चढ़ाई कर चुके हैं और वे अब एवरेस्ट की चढ़ाई करना चाहते हैं.

Terror funding case में सिमी के 4 आतंकियों को सजा, रायपुर कोर्ट ने सुनाया फैसला

कोच ने बताया कैसे मेहनत कर रही बच्चियां

उस विषय में कोच बंशी नेताम ने बताया कि बेसिक पर्वतारोहण और एडवांस पर्वतारोहण कोर्स हमारी टीम ने सफलता पूर्वक प्रशिक्षण प्राप्त कर वापस छत्तीसगढ़ पहुंचे है.यह प्रशिक्षण माउन्ट एवरेस्ट प्रिप्रेसन कोर्स हैं. इस कोर्स में बच्चियों ने ICE CLIMBING TECHNICAL, लेडर क्लाइंबिंग ( LEADER CLIMBING), AVALAKA HUK CLIMBING आवालाका हुक क्लाइंबिंग, FIX ROP CLIMBING TWO PITTEN अल्पाइन टेक्निक, TWO PITTENS ICE CLIMBING अल्पाइन क्लाइंबिंग, TICK TOCK ICE CLIMBING, ये सब चीजें सीखी है. अब बच्चे माउन्ट एवरेस्ट फतह करने के लिए तैयार है.

ये लड़कियां थी शामिल

  • पूर्णिमा ठाकुर (पुलिस लाइन जगदलपुर)
  • फुलबत्ति सलाम (पुलिस लाइन कोंडागाँव)
  • दसमत वट्टी (बुदेली, भानबेड़ा)
  • राधिका जुर्री (झिपाटोला, खैरखेड़ा)
  • आरती कुंजाम (इमलीपारा, खैरखेड़ा)
  • चान्दनी जुर्री (इमलीपारा, खैरखेड़ा)
  • कल्पना भास्कर (खैरखेड़ा)

कांकेर: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल प्रभावित क्षेत्र (Naxal affected area) की बच्चियां अब पर्वतारोही बनने की तैयारी में जी जान लगा रही है. दरअसल, कांकेर (Kanker) जिला मुख्यालय से 25 किमी दूर एक खैरखेड़ा गांव(Khairkheda Village) है, जंहा निजी गोटुल खेल एकेडमी (Gotul Sports Academy) है.एकेडमी की बच्चियां(academy girls) माउन्ट एवरेस्ट प्रिप्रेसन कोर्स (Mount Everest Preparation Course) के लिए 60 दिनों का बेसिक पर्वतारोहण कोर्स और एडवांस पर्वतारोहण कोर्स का (Basic Mountaineering Course and Advanced Mountaineering Course) सफलतापूर्वक प्रशिक्षण लेकर वापस लौटी है. दिलों में माउंट एवरेस्ट फतह करने का सपना लिए कांकेर सहित बस्तर क्षेत्र के सात बेटियों की टीम पर्वतरोहण की ट्रेनिंग के लिए सिक्किम रवाना हुई थी. सिक्किम नार्थ में स्थित लाखोकाँगयास पर्वत 5855 मीटर ऊंची है, जंहा इन सात लड़कियों ने ट्रेंनिग लिया, जिसमें सभी को A ग्रेड मिला. इनका लक्ष्य माउंट फतेह करना है, जिसकी ऊंचाई 8848 मीटर है.

बस्तर की बच्चियां बेसिक पर्वतारोहण कोर्स कर लौटी वापस

स्थानीय प्रशासन ने बढ़ाया हौसला

ईटीवी भारत ने ट्रेनिंग से वापस लौटी लड़कियों से खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि स्थानीय प्रशासन से हम सबका हौसला बढ़ाया था. हम पहली बार कांकेर से बाहर निकले थे.हमारे क्षेत्र में काले बड़े पत्थर बस देखे थे लेकिन वंहा तो बड़े बड़े बर्फ के पत्थर है हमारा लक्ष्य है कि हम जल्द माउंट फतेह करेंगे. बच्चियों ने बताया कि हमारा सपना है कि बस्तर को आगे बढ़ाए, नशा मुक्ति की ओर कदम बढ़ाए. बता दे कि ट्रेनिंग पूरी होने के बाद अब 2023 में होने वाले एवरेस्ट मिशन में शामिल होने का अवसर इन बच्चियों को मिलेगा. बता दें कि टीम के कोच बंशी नेताम कुछ साल पहले काला नाग पर्वत की चढ़ाई कर चुके हैं और वे अब एवरेस्ट की चढ़ाई करना चाहते हैं.

Terror funding case में सिमी के 4 आतंकियों को सजा, रायपुर कोर्ट ने सुनाया फैसला

कोच ने बताया कैसे मेहनत कर रही बच्चियां

उस विषय में कोच बंशी नेताम ने बताया कि बेसिक पर्वतारोहण और एडवांस पर्वतारोहण कोर्स हमारी टीम ने सफलता पूर्वक प्रशिक्षण प्राप्त कर वापस छत्तीसगढ़ पहुंचे है.यह प्रशिक्षण माउन्ट एवरेस्ट प्रिप्रेसन कोर्स हैं. इस कोर्स में बच्चियों ने ICE CLIMBING TECHNICAL, लेडर क्लाइंबिंग ( LEADER CLIMBING), AVALAKA HUK CLIMBING आवालाका हुक क्लाइंबिंग, FIX ROP CLIMBING TWO PITTEN अल्पाइन टेक्निक, TWO PITTENS ICE CLIMBING अल्पाइन क्लाइंबिंग, TICK TOCK ICE CLIMBING, ये सब चीजें सीखी है. अब बच्चे माउन्ट एवरेस्ट फतह करने के लिए तैयार है.

ये लड़कियां थी शामिल

  • पूर्णिमा ठाकुर (पुलिस लाइन जगदलपुर)
  • फुलबत्ति सलाम (पुलिस लाइन कोंडागाँव)
  • दसमत वट्टी (बुदेली, भानबेड़ा)
  • राधिका जुर्री (झिपाटोला, खैरखेड़ा)
  • आरती कुंजाम (इमलीपारा, खैरखेड़ा)
  • चान्दनी जुर्री (इमलीपारा, खैरखेड़ा)
  • कल्पना भास्कर (खैरखेड़ा)
Last Updated : Nov 24, 2021, 7:58 PM IST
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