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आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ का प्रदर्शन, सात सूत्रीय मांगों को लेकर दिया धरना - Anganwadi Women Worker protest

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ अपनी सात सूत्रीय मांग को लेकर धरना दे रही है. उनकी मांग है कि राज्य और केंद्र सरकार ने चुनाव के वक्त जो घोषणाएं की थी, उसे पूरा करे.

anganwadi
आंगनबाड़ी महिला कार्यकर्ता
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Published : Dec 22, 2020, 5:06 PM IST

कांकेर: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एक बार फिर जिले में प्रदर्शन कर रही हैं. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ जिला शाखा में अपनी सात सूत्रीय मांगों को लेकर धरना दिया है. संघ ने केन्द्र सरकार से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को सरकारी कर्मचारी घोषित करने मांग की है.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ का प्रदर्शन
संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में प्रधानमंत्री ने उनके लिए कई घोषणाएं की थी. जिसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 1500 रुपये देने की घोषणा की गई थी. सहायिका को 750 रुपये और मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 1250 रुपये प्रतिमाह मानदेय में वृद्धि करने की घोषणा की गई थी. उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार से इस राशि का एरियस के साथ जल्द भुगतान करने की मांग की है.

पढ़ें : बेमेतरा: आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की 5 सूत्रीय मांग, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, CM से की ये अपील

राज्य सरकार के घोषणा पत्र में किया गया वादा

9 नवंबर 2018 के जनघोषणा पत्र में कांग्रेस सरकार ने सभी आंगनबाड़ी केन्द्र को नर्सरी स्कूल में उन्नयन करने की बात कही थी. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने शिक्षक का दर्जा देने के साथ मानदेय दिए जाने की भी मांग की है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं ने सेवानिवृत होने पर पेंशन, ग्रेच्यूटी, समूह बीमा योजना का लाभ देने की मांग की है. श्रम कानून अनुसार न्यूनतम मजदूरी 18 हजार रुपये लागू करने की भी मांग की है.

कार्यकर्ताओं की मांग

  • आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाएं को नियुक्ति की तारीख से समान वेतन देने की मांग.
  • वरिष्ठता के आधार पर वेतन वृद्धि की मांग.
  • सुपरवाइजर भर्ती में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की उम्र का बंधन हटाने की मांग.
  • तत्कालीन भाजपा सरकार ने संघ की मांग पर सेवानिवृत होने वाले कार्यकर्ता को पचास हजार और सहायिकाओं को 25 हजार रुपये एक मुश्त भुगतान करने की मांग.
  • मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को पूर्ण आंगनबाड़ी केन्द्रों में तब्दील करने की मांग की है.

कांकेर: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एक बार फिर जिले में प्रदर्शन कर रही हैं. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ जिला शाखा में अपनी सात सूत्रीय मांगों को लेकर धरना दिया है. संघ ने केन्द्र सरकार से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को सरकारी कर्मचारी घोषित करने मांग की है.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ का प्रदर्शन
संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में प्रधानमंत्री ने उनके लिए कई घोषणाएं की थी. जिसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 1500 रुपये देने की घोषणा की गई थी. सहायिका को 750 रुपये और मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 1250 रुपये प्रतिमाह मानदेय में वृद्धि करने की घोषणा की गई थी. उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार से इस राशि का एरियस के साथ जल्द भुगतान करने की मांग की है.

पढ़ें : बेमेतरा: आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की 5 सूत्रीय मांग, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, CM से की ये अपील

राज्य सरकार के घोषणा पत्र में किया गया वादा

9 नवंबर 2018 के जनघोषणा पत्र में कांग्रेस सरकार ने सभी आंगनबाड़ी केन्द्र को नर्सरी स्कूल में उन्नयन करने की बात कही थी. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने शिक्षक का दर्जा देने के साथ मानदेय दिए जाने की भी मांग की है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं ने सेवानिवृत होने पर पेंशन, ग्रेच्यूटी, समूह बीमा योजना का लाभ देने की मांग की है. श्रम कानून अनुसार न्यूनतम मजदूरी 18 हजार रुपये लागू करने की भी मांग की है.

कार्यकर्ताओं की मांग

  • आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाएं को नियुक्ति की तारीख से समान वेतन देने की मांग.
  • वरिष्ठता के आधार पर वेतन वृद्धि की मांग.
  • सुपरवाइजर भर्ती में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की उम्र का बंधन हटाने की मांग.
  • तत्कालीन भाजपा सरकार ने संघ की मांग पर सेवानिवृत होने वाले कार्यकर्ता को पचास हजार और सहायिकाओं को 25 हजार रुपये एक मुश्त भुगतान करने की मांग.
  • मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को पूर्ण आंगनबाड़ी केन्द्रों में तब्दील करने की मांग की है.
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