कांकेर: एक ओर राज्य और केंद्र सरकार गरीबों को घर बनाकर देने की बात करती है, तो वहीं दूसरी ओर कांकेर नरहरपुर ब्लॉक के जामगांव में 30 साल से काबिज ग्रामीणों के मकान को प्रशासन ने अवैध कब्जा बताकर तोड़ दिया, इससे 25 से 30 परिवार बेघर हो गए हैं.
मामले को लेकर ग्रामीणों ने कलेक्टर से गुहार लगाई है, इसके बाद कलेक्टर ने ग्रामीणों से जांच टीम भेजने की बात कही थी, लेकिन 2 दिन बीत जाने के बाद भी जांच टीम गांव में नहीं पहुंची है, इससे कारण ग्रामीणों की चिंता अब और बढ़ने लगी है.
छोटे-छोटे बच्चों को खाने-सोने की परेशानी
ग्रामीणों का आशियाना उजड़ने के बाद बारिश के बीच बाजार में बने शेड के नीचे सभी को रात गुजारनी पड़ी. इस दौरान छोटे-छोटे बच्चों के साथ ग्रामीणों ने जैसे-तैसे रात तो बकाट लिया, लेकिन प्रशासन से एक उम्मीद थी कि प्रशासन की टीम पहुंचेगी, तो मामला सुलझ जाएगा, लेकिन प्रशासन की टीम नहीं पहुंचने से अब ग्रामीण और चिंतित हो रहे हैं. लोगों को बच्चों के खाने-सोने की चिंता सता रही है.
ETV भारत की टीम से सुनाई दर्द
जब ETV भारत की टीम मौके पर पहुंची तो ग्रामीणों ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि रात में कुछ लोग बाजार में बने शेड के नीचे सोये थे, तो कुछ लोग दूसरों के घरों के आंगन में पनाह लिए हुए थे.
30 साल से रह रहे तो अवैध कब्जा कैसे ?
ग्रामीणों का कहना है कि यह जगह उनके परिजनों ने काबिज की थी और उनका बचपन यहां बीता है. ऐसे में यह अवैध कब्जा कैसे हो सकता है. वहीं ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत पर गलत तरह से कार्रवाई करने का आरोप लगाया है.