कवर्धा: जिले के ग्राम पंचायत राजानवागांव में बंजर जमीन को उपयोगी बनाकर महिलाओं ने खेती-बाड़ी शुरू की है. सब्जियों के उत्पादन से महिलाओं में हौसला बढ़ा है. छत्तीसगढ़ सरकार की 'सुराजी गांव योजना' नरवा, गरवा, घुरुवा और बाड़ी विकास योजना से मिली सहायता से अब महिलाओं की आमदनी भी शुरू हो गई है.
![women of Kawardha are working hard and growing vegetables in barren land](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-kwd-01-banjar-jamin-me-kheti-foto-cg10015_30042020121400_3004f_1588229040_141.jpg)
कवर्धा जिले की ग्राम पंचायत राजानवागांव 'सुराजी गांव' की परिकल्पना को साकार करता हुआ आगे बढ़ रहा है. कोरोना वायरस की रोकथाम और उसके नियंत्रण के लिए जारी लाॅकडाउन की इस विकट परिस्थति में महिला स्वसहायता समूह से जुड़ी महिलाओं के लिए छत्तीसगढ़ शासन की सुराजी गांव योजना के तहत नरवा, गरवा, घुरूवा और बाड़ी विकास योजना ने जीवन को नई राह दिखाई है. महिला समूह की इस बाड़ी से अब हरी सब्जियों का उत्पादन शुरू हो गया है. महिला समूह जैविक खेती कर रही है. इस खेती से उन्हें पहले रोजगार मिला, अब आमदनी भी हरी सब्जियों के उत्पादन से होने लगा है.
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पांच महिला स्वसहायता समूह कर रहीं काम
जिले के आसपास के पांच अलग-अलग समूह को जोड़ा गया है. इन सभी समूहों को जैविक खेती करने के लिए प्रशिक्षण देकर शासकीय अनुपयोगी खाली जमीन दी गई. पांच अलग-अलग महिला स्वसहायता समूह की सदस्यों ने जिला प्रशासन की मदद से दिनरात की कड़ी मेहनत से 5 एकड़ खाली बंजर जमीन को खेती के लिए तैयार किया. इस भूमि पर अब सभी महिलाओं ने पांच अलग-अलग तरह की सब्जियां लगाई हैं, जिससे उन्हें बेहतर रोजगार मिला है.
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सब्जियों के उत्पादन से महिलाओं का बढ़ा आत्मविश्वास
महिला समूहों ने इस अनुपयोगी जमीन को खेती के लिए तैयार कर भिंडी, करेला, बरबट्टी, ककड़ी, खीरा और लौकी उगाई है. जिला पंचायत सीईओ विजय दयाराम के. ने बताया कि महिला समूह की बाड़ी से सब्जियों का उत्पादन शुरू होने से महिलाओ में आत्मविश्वास बढ़ा है.
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