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ये ग्रामीण महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर, कोरोना से लड़ने में दे रहीं साथ

स्व सहायता समूह की महिलाओं की ओर से सब्जी का उत्पादन किया जा रहा है. इससे उन्हें रोजगार तो मिल ही रहा है, साथ ही ॉ क्वॉरेंटाइन सेंटर में रुके मजदूरों को भोजन भी आसानी से मिल रहा है.

women selling vegetable in quarantine center
महिलाएं क्वॉरेंटाइन सेंटरों में पहुंचा रही सब्जियां
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Published : May 26, 2020, 3:14 PM IST

कवर्धाः स्व सहायता समूह की महिलाएं कोविड-19 से बचाव के लिए प्रशासन का साथ देने की कोशिश में जुटी है. ये महिलाएं क्वॉरेंटाइन और राहत शिविरों में हरी सब्जियां पहुंचाने का काम कर रही हैं और क्वॉरेंटाइन हुए प्रवासी मजदूरों कr भूख मिटा रही है.

Self group women are becoming self depends in kawardha
स्व सहायता समूह की महिलाओं की ओर से सब्जी का उत्पादन किया जा रहा है

मल्टी यूटीलिटी सेंटर राजानवागांव में महिला स्व सहायता समूह के द्वारा उत्पादित विभिन्न तरह की सब्जियों को जिले के क्वॉरेंटाइन सेंटर में उपलब्ध कराया जा रहा है. उत्पादित सब्जियों को राजाढार के राहत शिविर से लेकर भागूटोला, दशरंगपुर और अन्य जगहों पर भेजा जा रहा है, जिससे क्वॉरेंटाइन सेंटर में रुके प्रवासी श्रमिकों को राहत मिल रही है. कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कबीरधाम जिले की सभी सीमाओं और गांव में बहुत से क्वॉरेंटाइन सेंटर और राहत शिविर हैं, जिसमें प्रवासी श्रमिक रुके हैं. उनके लिए भोजन की व्यवस्था की जा रही है. ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आजीविका के साधन से जोड़ने के लिए बहुत सारी गतिविधियां संचालित की जा रही है. इसी क्रम में मल्टी यूटिलिटी सेंटर में अलग-अलग पांच महिला समूह को सब्जी उत्पादन से जोड़ा गया है.

Self group women are becoming self depends in kawardha
25 हजार से भी अधिक की सब्जी बिकी

पढ़ें:छत्तीसगढ़: 14 नए कोरोना मरीज, राजनांदगांव से 12, बेमेतरा से 2 और पॉजिटिव

समूह की सदस्य द्रोपति मानिकपुरी बताती है कि पिछले महीने से समूह की महिलाएं सब्जियों के उत्पादन में लगी हुई हैं. वे विभिन्न प्रकार की सब्जियां जैसे भिंडी, गवारफली समेत अन्य कई सब्जियों का उत्पादन कर चुकी हैं. वह कहती हैं कि महिलाएं 25 हजार से भी अधिक की सब्जी बेच चुकी हैं. द्रोपति कहती है कि उन्हें इस काम को करने में खुशी मिलती है और जिस शासन और प्रशासन ने उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए रोजगार से जोड़ा है वह उनकी मदद कर पा रही है इससे ज्यादा और क्या चाहिए. साथ ही द्रोपति ने बताया कि क्वॉरेंटाइन सेंटर में सब्जियों की डिमांड आती है तो तत्काल ही डिमांड के आधार पर महिलाओं की ओर से क्वॉरेंटाइन सेंटर और राहत शिविर में सब्जी भेजी जाती है.

कलेक्टर अवनीश कुमार शरण ने बताया कि हमने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आजीविका के साधन से जोड़ने और समूह की महिलाओं को बंजर जमीन पर खेती कर सब्जी उत्पादन करने के लिए प्रेरित किया था जिससे महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं. साथ ही प्रवासी मजदूरों की भूख भी मिटा रही हैं. कोरोना वायरस के कारण बाहर से आ रहे प्रवासी मजदूरों को गांव से बाहर स्कूल और अन्य जगहों पर क्वॉरेंटाइन किया गया है, जिनके लिए भोजन की व्यवस्था की जा रही है. उन्होंने बताया कि महिलाओं के समूह की वजह से वह क्वॉरेंटाइन सेंटर में सब्जी व्यवस्था आसानी से कर पा रहे हैं.

कवर्धाः स्व सहायता समूह की महिलाएं कोविड-19 से बचाव के लिए प्रशासन का साथ देने की कोशिश में जुटी है. ये महिलाएं क्वॉरेंटाइन और राहत शिविरों में हरी सब्जियां पहुंचाने का काम कर रही हैं और क्वॉरेंटाइन हुए प्रवासी मजदूरों कr भूख मिटा रही है.

Self group women are becoming self depends in kawardha
स्व सहायता समूह की महिलाओं की ओर से सब्जी का उत्पादन किया जा रहा है

मल्टी यूटीलिटी सेंटर राजानवागांव में महिला स्व सहायता समूह के द्वारा उत्पादित विभिन्न तरह की सब्जियों को जिले के क्वॉरेंटाइन सेंटर में उपलब्ध कराया जा रहा है. उत्पादित सब्जियों को राजाढार के राहत शिविर से लेकर भागूटोला, दशरंगपुर और अन्य जगहों पर भेजा जा रहा है, जिससे क्वॉरेंटाइन सेंटर में रुके प्रवासी श्रमिकों को राहत मिल रही है. कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कबीरधाम जिले की सभी सीमाओं और गांव में बहुत से क्वॉरेंटाइन सेंटर और राहत शिविर हैं, जिसमें प्रवासी श्रमिक रुके हैं. उनके लिए भोजन की व्यवस्था की जा रही है. ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आजीविका के साधन से जोड़ने के लिए बहुत सारी गतिविधियां संचालित की जा रही है. इसी क्रम में मल्टी यूटिलिटी सेंटर में अलग-अलग पांच महिला समूह को सब्जी उत्पादन से जोड़ा गया है.

Self group women are becoming self depends in kawardha
25 हजार से भी अधिक की सब्जी बिकी

पढ़ें:छत्तीसगढ़: 14 नए कोरोना मरीज, राजनांदगांव से 12, बेमेतरा से 2 और पॉजिटिव

समूह की सदस्य द्रोपति मानिकपुरी बताती है कि पिछले महीने से समूह की महिलाएं सब्जियों के उत्पादन में लगी हुई हैं. वे विभिन्न प्रकार की सब्जियां जैसे भिंडी, गवारफली समेत अन्य कई सब्जियों का उत्पादन कर चुकी हैं. वह कहती हैं कि महिलाएं 25 हजार से भी अधिक की सब्जी बेच चुकी हैं. द्रोपति कहती है कि उन्हें इस काम को करने में खुशी मिलती है और जिस शासन और प्रशासन ने उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए रोजगार से जोड़ा है वह उनकी मदद कर पा रही है इससे ज्यादा और क्या चाहिए. साथ ही द्रोपति ने बताया कि क्वॉरेंटाइन सेंटर में सब्जियों की डिमांड आती है तो तत्काल ही डिमांड के आधार पर महिलाओं की ओर से क्वॉरेंटाइन सेंटर और राहत शिविर में सब्जी भेजी जाती है.

कलेक्टर अवनीश कुमार शरण ने बताया कि हमने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आजीविका के साधन से जोड़ने और समूह की महिलाओं को बंजर जमीन पर खेती कर सब्जी उत्पादन करने के लिए प्रेरित किया था जिससे महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं. साथ ही प्रवासी मजदूरों की भूख भी मिटा रही हैं. कोरोना वायरस के कारण बाहर से आ रहे प्रवासी मजदूरों को गांव से बाहर स्कूल और अन्य जगहों पर क्वॉरेंटाइन किया गया है, जिनके लिए भोजन की व्यवस्था की जा रही है. उन्होंने बताया कि महिलाओं के समूह की वजह से वह क्वॉरेंटाइन सेंटर में सब्जी व्यवस्था आसानी से कर पा रहे हैं.

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