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कवर्धा: साल दर साल सिमट रहा भोरमदेव महोत्सव, आचार सहिंता के कारण इस साल फीकी रहेगी रौनक !

परंपराओं के अनुसार नवरात्रि के दो दिन पहले तेरस के दिन भोरमदेव मंदिर महोत्सव का आयोजन किया जाता है. इस साल 3 और 4 अप्रैल को दो दिवसीय महोत्सव का आयोजन किया जाएगा.

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Published : Apr 3, 2019, 12:50 PM IST

Updated : Apr 3, 2019, 2:17 PM IST

कवर्धा: छत्तीसगढ़ का खजुराहो कहे जाने वाला भोरमदेव मंदिर में हर साल भोरमदेव महोत्सव का आयोजन किया जाता है. यहां दूर-दूर से लोग मेला देखने आते हैं. भोरमदेव को राष्ट्रीय स्तर पर पहचानदिलाने के लिए 1995 में मेले का आयोजन किया गया था. तब से हर साल यहां आयोजन हो रहा है. भोरमदेव इस साल 22वां महोत्सव मनाने जा रहा है, लेकिन लोकसभा चुनाव और आचार संहिता के कारण इस साल ये महोत्सव फीका रहेगा.

भोरमदेव महोत्सव

दूर-दूर से आते हैं लोग
हिन्दू रिती रिवाज के अनुसार नवरात्रि के दो दिन पहले तेरस के दिन भोरमदेव मंदिर महोत्सव का आयोजन किया जाता है. इस साल 3और 4अप्रैल को दो दिवसीय महोत्सव का आयोजन किया जाएगा. महोत्सव में शामिल होने ग्रामीण क्षेत्र और बैगा जनजाति के लोग भारी संख्या में पहुंचते हैं. ग्रामीण अपने खाने-पीने और सोने की व्यवस्था लेकर यहां पहुंचते हैं और मेले के समापन तक वे यहीं रुकते हैं.


आईजी और कमिश्नर करेंगे दीप प्रज्वलित
बीते कुछ वर्षों से प्रशासन यहां महज रस्म आदायगी कर रहा है. तीन दिन तक चलने वाला ये कार्यक्रम अब सिर्फ दो दिन में सिमट कर रह गया है. वहीं इस साल लोकसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता के कारण न तो महोत्सव का प्रचार किया गया और न ही किसी बड़े कलाकार बुलाया गया है. इसके कारण मेले में आने वाले लोग नाराज हैं. कवर्धा कलेक्टर अवनीश शरण ने बताया कि, इस साल आचार सहिंता के कारण दुर्ग रेंज के आईजी और कमिश्नरमहोत्सव में दीप प्रज्वलित करेंगे. वहीं इस बार स्कूली बच्चों के साथ छत्तीसगढ़ी कलाकार महोत्सव में अपनी प्रस्तुती देंगे.

कवर्धा: छत्तीसगढ़ का खजुराहो कहे जाने वाला भोरमदेव मंदिर में हर साल भोरमदेव महोत्सव का आयोजन किया जाता है. यहां दूर-दूर से लोग मेला देखने आते हैं. भोरमदेव को राष्ट्रीय स्तर पर पहचानदिलाने के लिए 1995 में मेले का आयोजन किया गया था. तब से हर साल यहां आयोजन हो रहा है. भोरमदेव इस साल 22वां महोत्सव मनाने जा रहा है, लेकिन लोकसभा चुनाव और आचार संहिता के कारण इस साल ये महोत्सव फीका रहेगा.

भोरमदेव महोत्सव

दूर-दूर से आते हैं लोग
हिन्दू रिती रिवाज के अनुसार नवरात्रि के दो दिन पहले तेरस के दिन भोरमदेव मंदिर महोत्सव का आयोजन किया जाता है. इस साल 3और 4अप्रैल को दो दिवसीय महोत्सव का आयोजन किया जाएगा. महोत्सव में शामिल होने ग्रामीण क्षेत्र और बैगा जनजाति के लोग भारी संख्या में पहुंचते हैं. ग्रामीण अपने खाने-पीने और सोने की व्यवस्था लेकर यहां पहुंचते हैं और मेले के समापन तक वे यहीं रुकते हैं.


आईजी और कमिश्नर करेंगे दीप प्रज्वलित
बीते कुछ वर्षों से प्रशासन यहां महज रस्म आदायगी कर रहा है. तीन दिन तक चलने वाला ये कार्यक्रम अब सिर्फ दो दिन में सिमट कर रह गया है. वहीं इस साल लोकसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता के कारण न तो महोत्सव का प्रचार किया गया और न ही किसी बड़े कलाकार बुलाया गया है. इसके कारण मेले में आने वाले लोग नाराज हैं. कवर्धा कलेक्टर अवनीश शरण ने बताया कि, इस साल आचार सहिंता के कारण दुर्ग रेंज के आईजी और कमिश्नरमहोत्सव में दीप प्रज्वलित करेंगे. वहीं इस बार स्कूली बच्चों के साथ छत्तीसगढ़ी कलाकार महोत्सव में अपनी प्रस्तुती देंगे.

Intro:आचार सहिंता के चलते भोरमदेव महोत्सव फिका , नही होगे बालीवूड के कलाकार छत्तीसगढ़ी कलाकार व स्कुली बच्चे करगे संस्कृति कार्यक्रम।


Body:महबुब खान , कवर्धा


छत्तीसगढ़ के खजुराहों कहा जाने वाला भोरमदेव मंदिर मे 3-4 मार्च को होने वाली भोरमदेव महोत्सव के आयोजन कि तैयारी मे जुटी है प्रशासन , आचार सहिता के चलते फिकी रहेगी भोरमदेव महोत्सव नही होंगे कोई भी मुब्बाईया कलाकार छत्तीसगढ़ी कार्यक्रम व स्कुली बच्चो से कार्यक्रम का होगा आयोजन।



एकंर- कवर्धा जिला मे इस्थित भोरमदेव मंदिर मे हिन्दू रिती रिवाज के अनुसार नवरात्रि के दो दिन पहले तेरस के दिन भोरमदेव मंदिर महोत्सव का आयोजन किया जाता है भोरमदेव महोत्सव लगभग सन् 1995 से आयोजित किया जा रहा था पहले तीन दिनो किया जाता था कार्यक्रम किस महोत्सव-मेला मे लोग दुर -दुर से देखने आया करते थे यहा तक ग्रामीण क्षेत्र के लोग व बैगा जनजाति के लोग यहा एक दिन पहले से पहुंच जाया करते थे व मेला समाप्त होने के बाद जाया करते थे भोजन बना कि व सोने बिछाने कि व्यवस्था के साथ आते थे इस मेले मे दुर-दुर से व्यापारी भी आ कर अपनी दुकान लगा कर अपनी रोजी रोटी कमाते ते । मगर कुछ वर्षों से भोरमदेव महोत्सव नाम का ही रह गया है प्रशासन यहा सिर्फ रस्में आदाईगी कर रही है यहा तक की तीनो का कार्यक्रम को दो दिन मे ही सिमटा दिया गया है। इस वर्ष तो हद ही हो गई जब कोई भी बडे कलाकार को नही बुलाया गया ना तो महोत्सव का कोई प्रचार किया गया दिन से जादा रात मे लगती थी मेले मे भीड कियूकि रात मे होने वाले कार्यक्रम को देखने हर वर्ग के लोग जाया करते थे अब लोगो मे इस बात कि मायुसी नजर आ रही है । वही कवर्धा कलेक्टर अवनीश शरण से बात करने पर आचार सहिंता का हवाला देते हुऐ बताया कि इस बार दुर्ग रेंज के आईजी एवं कमिशनर सहाब करेगे महोत्सव मे दीप प्रजोलित एवं छत्तीसगढ़ी कलाकारो को इस बार मौका दिया गया है महोत्सव मे एवं स्कुली बच्चे भी करेगे संस्कृति कार्यक्रम।

बाईट01 अवनीश कुमार शरण , कलेक्टर कवर्धा


Conclusion:
Last Updated : Apr 3, 2019, 2:17 PM IST
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