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कवर्धा के गली-मोहल्ले में आवारा कुत्तों का आतंक, प्रशासन बेपरवाह - कवर्धा न्यूज

शहर में कुछ महीनों से आवारा कुत्तों की संख्या काफी बढ़ गई है. कुत्तों को हर गली, हर चौराहे पर दस से पंद्रह की झुंड में देखा जा सकता है.

कवर्धा के गली-मोहल्ले में आवारा कुत्तों का आतंक, प्रशासन बेपरवाह
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Published : Aug 19, 2019, 8:26 AM IST

कवर्धाः शहर में आवारा कुत्तों के आतंक से लोगों में डर बना हुआ है. शहर के गली-मोहल्लों व चौक-चौराहों में आवारा कुत्ते आवाजाही करने वाले लोगों को काट रहे हैं. कुत्तों की बढ़ती संख्या की रोकथाम के लिए प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है.

आवारा कुत्तों से लोग में दहशत
शहर में कुछ महीनों से आवारा कुत्तों की संख्या काफी बढ़ गई है. कुत्तों को हर गली, हर चौराहे पर दस से पंद्रह की झुंड में देखा जा सकता है. लगातार कुत्तों के काटने की शिकायतें मिल रही हैं. कई कुत्तों के पागल होने की भी बात सामने आ रही है. अस्पतालों में भी कुत्ते के काटने वाले मरीजों की संख्या में इजाफा होते जा रहा है. ज्यादातर आवारा कुत्ते छोटे बच्चों को अपना शिकार बना रहे हैं

जिम्मेदार बेपरवाह

शहरवासियों का आरोप है कि शहर में लगातार आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ती जा रही है, लेकिन नगर पालिका ने इन कुत्तों को शहर से बाहर करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है.

कवर्धाः शहर में आवारा कुत्तों के आतंक से लोगों में डर बना हुआ है. शहर के गली-मोहल्लों व चौक-चौराहों में आवारा कुत्ते आवाजाही करने वाले लोगों को काट रहे हैं. कुत्तों की बढ़ती संख्या की रोकथाम के लिए प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है.

आवारा कुत्तों से लोग में दहशत
शहर में कुछ महीनों से आवारा कुत्तों की संख्या काफी बढ़ गई है. कुत्तों को हर गली, हर चौराहे पर दस से पंद्रह की झुंड में देखा जा सकता है. लगातार कुत्तों के काटने की शिकायतें मिल रही हैं. कई कुत्तों के पागल होने की भी बात सामने आ रही है. अस्पतालों में भी कुत्ते के काटने वाले मरीजों की संख्या में इजाफा होते जा रहा है. ज्यादातर आवारा कुत्ते छोटे बच्चों को अपना शिकार बना रहे हैं

जिम्मेदार बेपरवाह

शहरवासियों का आरोप है कि शहर में लगातार आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ती जा रही है, लेकिन नगर पालिका ने इन कुत्तों को शहर से बाहर करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है.

Intro:कवर्धा- नगर मे बढते आवार कुत्तों की संख्या और उनके आतंक से लोगों मे डर का कारण बना हुआ है। शहर के जिस गली जिस मोहल्ले मे जाओ कुत्तों का झूठ देख कर आपको डरा कर रख देगा।


Body:एकंर-दरअसल शहर मे कुछ महीनों से आवार कुत्तों की संख्या काफी बढ गई है इस कारण आप कुत्तों को हर गली हर चौराहे पर दस से पंद्रह कि झूंड मे नजर आ जाते है, और जहा कोई इनके पास से गुजरता है या कोई समान इनको नजर आ जाऐ ऐ झपट पडते है और अगर लोग समान झोड दे तो ठिक नही छोडा तो फिर आदमी की भी खैर नही ऐ उन्होंने भी घायल के देते है, लगातार शहर मे कुत्तों के काटने की शिकायतें मिल रही है वही कई सारे कुत्ते पागल भी हो चुके है जिसके कारण किसी भी नागरिक व बच्चों का काट देते है अनजाने मे आप गुजर रहे होंगे और कुत्ता आप पर हमला कर देगा जैसे मानों आप पर किसी ने जानलेवा हमला कर दिया हो। अस्पतालों मे भी कुत्ते के काटने के मरीज बढ चुके है। जादातर कुत्तों के शिकार बच्चे ही हो रहे है कियूकि इन कुत्तों के झूठ और भोकना देखकर बच्चे डर से भागने लगते है और ऐ उनके काट दौडा कर कट देते है, अब शहर कि स्तिथि ऐसी हो गई है लोग अपने बच्चों को घर से बहार भेजने पर डर बना रहता है।


Conclusion:बडे दुर्घटना के इंतजार मे जुम्मेवारों ।

इनकी जुम्मेदारी होती है,

कुत्तों को रैबीज का टीका लगाने का पशु चिकित्सा विभाग का होता है,
कुत्ते द्वारा घटना करने के लिए उसके मालिक के खिलाफ कारवाई करने का पुलिस को
वही कुत्तों को शहर से बहार करने की जुम्मेदारी नगरपालिका की होती है पर अब तक इन तीनों विभागों के द्वारा अब तक कोई कदम नही उठाया गया है। शायद जुम्मेदार कोई बडे घटना के इंतजार बैठे हुएं है।

बाईट- सुनिता जैसवाल, बालिका
बाईट- होरी राम , नगरवासी
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