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कवर्धा: टोकन मिलने के बाद भी नहीं बिका धान, अब कैसे चुका पाएंगे कर्ज ? - टोकन लेने के बाद भी भटकने को मजबूर

पंडरिया इलाके के कुंडा सेवा सहकारी समिति के अंतर्गत आने वाले किसान टोकन लेने के बाद भी भटक रहे हैं. खुले आसमान के नीचे किसानों का धान सड़ रहा है, जिससे किसानों को लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है.

Paddy not sold even after farmers have token in kawardha
टोकन के बाद भी नहीं बिका धान
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Published : Feb 26, 2020, 8:04 PM IST

Updated : Feb 26, 2020, 10:11 PM IST

कवर्धा: पंडरिया इलाके के कुंडा सेवा सहकारी समिति के अंतर्गत आने वाले किसान आज भी टोकन लेने के बाद भी भटकने को मजबूर हैं. किसानों का धान बेमौसम बारिश की वजह से भीग गया है. इतना ही नहीं धान को सेवा सहकारी समिति में लाने के बाद भी खरीदा नहीं गया, जिससे किसान सिर पर हाथ रखकर अपने किस्मत को कोस रहे हैं.

टोकन मिलने के बाद भी नहीं बिका धान

दरअसल, पंडरिया इलाके के कुंडा सेवा सहकारी समिति के अंतर्गत लगभग 48 गांव आते हैं, जहां तीन धान खरीदी उपार्जन केंद्र आते हैं, जिसमें से सुकलिगोविंद, दामापुर और कुंवामालगी शामिल हैं, लेकिन यहां कई किसान आज भी ऐसे हैं, जिनके पास टोकन होने के बाद भी धान नहीं खरीदा गया. जानकारी के मुताबिक समितियों ने लगभग 30 हजार क्विंटल धान की खरीदी के लिए किसानों को टोकन वितरण किया था, लेकिन अब धान खरीदी के बजाए आनाकानी कर रहे हैं.

बारदाने की कमी के कारण नहीं हुई खरीदी

मामले में सेवा सहकारी समिति के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह खनूजा ने बताया कि 'टोकन रहित किसानों ने धान को बेचने के लिए उसे समिति में रखा है, लेकिन बारदाने की कमी की वजह से धान खरीदी नहीं हो सकी है. किसानों का धान खुले आसमान के नीचे रखने और खराब मौसम की वजह से धान भीगने लगे हैं. वहीं समिति के अध्यक्ष बारदाने की कमी को देखते हुए शासन-प्रशासन से बारदाने की जल्द व्यवस्था करने की अपील की है.

साहूकार को कहां से दें पैसे ?

किसानों से जब हमने बातचीत की, तो उन्होंने बताया कि एक सप्ताह पहले धान खरीदी के लिए टोकन दिया जा चुका है, जिसके कारण धान को खरीदी केंद्र में ले जाकर रख दिया गया है, लेकिन धान नहीं खरीदा जा रहा है, जिसके कारण अब किसानों पर कुदरत का कहर बरपना शुरू हो गया है. वहीं किसानों का कहना है कि सरकार के नुमाइंदे धान खरीदी को लेकर आनाकानी कर रहे हैं, जिससे अब उनके पास साहूकार को देने के लिए कर्ज के पैसे तक नहीं है. इसकी वजह से वह संकट के हालात में पहुंच चुके हैं.

कवर्धा: पंडरिया इलाके के कुंडा सेवा सहकारी समिति के अंतर्गत आने वाले किसान आज भी टोकन लेने के बाद भी भटकने को मजबूर हैं. किसानों का धान बेमौसम बारिश की वजह से भीग गया है. इतना ही नहीं धान को सेवा सहकारी समिति में लाने के बाद भी खरीदा नहीं गया, जिससे किसान सिर पर हाथ रखकर अपने किस्मत को कोस रहे हैं.

टोकन मिलने के बाद भी नहीं बिका धान

दरअसल, पंडरिया इलाके के कुंडा सेवा सहकारी समिति के अंतर्गत लगभग 48 गांव आते हैं, जहां तीन धान खरीदी उपार्जन केंद्र आते हैं, जिसमें से सुकलिगोविंद, दामापुर और कुंवामालगी शामिल हैं, लेकिन यहां कई किसान आज भी ऐसे हैं, जिनके पास टोकन होने के बाद भी धान नहीं खरीदा गया. जानकारी के मुताबिक समितियों ने लगभग 30 हजार क्विंटल धान की खरीदी के लिए किसानों को टोकन वितरण किया था, लेकिन अब धान खरीदी के बजाए आनाकानी कर रहे हैं.

बारदाने की कमी के कारण नहीं हुई खरीदी

मामले में सेवा सहकारी समिति के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह खनूजा ने बताया कि 'टोकन रहित किसानों ने धान को बेचने के लिए उसे समिति में रखा है, लेकिन बारदाने की कमी की वजह से धान खरीदी नहीं हो सकी है. किसानों का धान खुले आसमान के नीचे रखने और खराब मौसम की वजह से धान भीगने लगे हैं. वहीं समिति के अध्यक्ष बारदाने की कमी को देखते हुए शासन-प्रशासन से बारदाने की जल्द व्यवस्था करने की अपील की है.

साहूकार को कहां से दें पैसे ?

किसानों से जब हमने बातचीत की, तो उन्होंने बताया कि एक सप्ताह पहले धान खरीदी के लिए टोकन दिया जा चुका है, जिसके कारण धान को खरीदी केंद्र में ले जाकर रख दिया गया है, लेकिन धान नहीं खरीदा जा रहा है, जिसके कारण अब किसानों पर कुदरत का कहर बरपना शुरू हो गया है. वहीं किसानों का कहना है कि सरकार के नुमाइंदे धान खरीदी को लेकर आनाकानी कर रहे हैं, जिससे अब उनके पास साहूकार को देने के लिए कर्ज के पैसे तक नहीं है. इसकी वजह से वह संकट के हालात में पहुंच चुके हैं.

Last Updated : Feb 26, 2020, 10:11 PM IST
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