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नई पनाहगाह की तलाश में 'लाल आतंक', खाकी ने कवर्धा में बढ़ाई चौकसी

जंगल से घिरे इलाकों में अपनी पैठ बनाने के लिए नक्सली ग्रामीणों में दहशत फैलाने का काम कर रहे हैं.

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Published : Jul 26, 2019, 5:32 PM IST

ग्रामीणों में दहशत फैलाने का काम कर रहे नक्सली, पुलिस ने बढ़ाई चौकसी.

कवर्धा: बीते दो साल से नक्सली जिले में भी अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर रहे हैं. इसी वजह से वो समय-समय पर बैनर और पोस्टर के जरिए यहां रहने वाले ग्रामीणों में दहशत फैलाने की कोशिश भी करते रहते हैं.

जंगल से घिरे इलाकों में अपनी पैठ बनाने के लिए नक्सली ग्रामीणों में दहशत फैलाने का काम कर रहे हैं.

बस्तर में पुलिस के बढ़ते दबाव से नक्सली नई जगह पर अपना गढ़ बनाने की तलाश में हैं. ज्यादातर क्षेत्र वनांचल से घिरा हुआ है और MMC जोन यानी कि मध्यप्रदेश-महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ को नक्सलियों के लिए बेहद सेफ जोन माना जाता है. यही कारण है कि बीते दो सालों में कवर्धा जिले में नक्सलियों की धमक और वारदात बढ़ी है.

नक्सलियों की संख्या पुलिस के आंकड़ों से कई गुना ज्यादा की आशंका
पुलिस कप्तान मानते हैं कि, जिले में विस्तार प्लाटून 02 और 03 के करीब 70 सक्रिय नक्सली सक्रिय हैं. पिछले दो साल में जिले में नक्सली वारदातों पर नजर डालें तो, नक्सलियों द्वारा पर्चे फेंकने, हत्या, तेंदूपत्ता फड़ संग्राहकों सहित वनांचल के शासकीय कर्मचारियों और लोगों से उगाही करने की सुगबुगाहट आती रही है, ऐसे में इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि नक्सलियों की संख्या पुलिस के आंकड़ों से कई गुना ज्यादा हो सकती है.

अतिसंवेदनशील इलाकों में नए बेस कैंप
पुलिस का मानना है कि पोस्टर चस्पा करने का उद्देश्य नक्सल विरोधी अभियान के तहत जागरूकता लाना है. पोस्टर में उन नक्सलियों की फोटो है, जो कई वारदातों में शामिल रहें हैं और इनामी भी हैं. यही कारण है कि पुलिस अब थानों के साथ साथ वनांचल के बाजार और चौंक-चौराहों में भी पोस्टर चस्पा कर रही है और वनांचल के अतिसंवेदनशील इलाकों में नए बेस कैंप बनाने की सोच रही है.

कवर्धा: बीते दो साल से नक्सली जिले में भी अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर रहे हैं. इसी वजह से वो समय-समय पर बैनर और पोस्टर के जरिए यहां रहने वाले ग्रामीणों में दहशत फैलाने की कोशिश भी करते रहते हैं.

जंगल से घिरे इलाकों में अपनी पैठ बनाने के लिए नक्सली ग्रामीणों में दहशत फैलाने का काम कर रहे हैं.

बस्तर में पुलिस के बढ़ते दबाव से नक्सली नई जगह पर अपना गढ़ बनाने की तलाश में हैं. ज्यादातर क्षेत्र वनांचल से घिरा हुआ है और MMC जोन यानी कि मध्यप्रदेश-महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ को नक्सलियों के लिए बेहद सेफ जोन माना जाता है. यही कारण है कि बीते दो सालों में कवर्धा जिले में नक्सलियों की धमक और वारदात बढ़ी है.

नक्सलियों की संख्या पुलिस के आंकड़ों से कई गुना ज्यादा की आशंका
पुलिस कप्तान मानते हैं कि, जिले में विस्तार प्लाटून 02 और 03 के करीब 70 सक्रिय नक्सली सक्रिय हैं. पिछले दो साल में जिले में नक्सली वारदातों पर नजर डालें तो, नक्सलियों द्वारा पर्चे फेंकने, हत्या, तेंदूपत्ता फड़ संग्राहकों सहित वनांचल के शासकीय कर्मचारियों और लोगों से उगाही करने की सुगबुगाहट आती रही है, ऐसे में इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि नक्सलियों की संख्या पुलिस के आंकड़ों से कई गुना ज्यादा हो सकती है.

अतिसंवेदनशील इलाकों में नए बेस कैंप
पुलिस का मानना है कि पोस्टर चस्पा करने का उद्देश्य नक्सल विरोधी अभियान के तहत जागरूकता लाना है. पोस्टर में उन नक्सलियों की फोटो है, जो कई वारदातों में शामिल रहें हैं और इनामी भी हैं. यही कारण है कि पुलिस अब थानों के साथ साथ वनांचल के बाजार और चौंक-चौराहों में भी पोस्टर चस्पा कर रही है और वनांचल के अतिसंवेदनशील इलाकों में नए बेस कैंप बनाने की सोच रही है.

Intro:
कवर्धा-नक्सली दृष्टिकोण से कभी बेहद शांत माने जाने वाले कवर्धा जिले में बीते दो वर्षों से लगातार नक्सलियों की धमक और वारदात सामने आने से वनांचल इलाके के लोग दहशत की जिंदगी जी रहें हैं। यही कारण है कि पुलिस अब जिले में नक्सल विरोधी अभियान चलाकर लोगों को जागरूक करने के लिए सक्रिय व इनामी नक्सलियों की पोस्टर चस्पा कर रही है और नक्सलियों की सूचना देने वालों को ईनाम की घोषणा भी कर रही है

Body:एंकर-बस्तर इलाके में पुलिस की बढ़ते दबाव से नक्सली नई मांद की तलाश में है ऐसे में कवर्धा जिले का अधिकांश क्षेत्र वनांचल से घिरा हुआ है और एमएमसी जोन यानि कि मध्यप्रदेश-महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ को नक्सलियों के लिए बेहद सेफ जोन माना जाता है। यही कारण है कि बीते दो वर्षों में कवर्धा जिला में नक्सलियों की धमक और वारदात बढ़ी है। पुलिस कप्तान भी मानते हैं कि जिले में विस्तार प्लाटून 02 और 03 के लगभग 70 सक्रिय नक्सलियों की धमक है हालांकि पुलिस सिर्फ सक्रिय नक्सलियों की आंकड़ा बता रही है,लेकिन जिले में हुए पिछले दो वर्षों की नक्सली वारदातों पर नजर डाले तो लगातार पर्चे फेंककर,ग्रामीण की हत्या,तेंदूपत्ता फड़ संग्राहकों सहित वनांचल के शासकीय कर्मचारियों व लोगों से उगाही करने की सुगबुगाहट आती रही है ऐसे में इस बात से इनकार नही किया जा सकता कि नक्सलियों की संख्या पुलिस की आंकड़ो से कई गुना अधिक हो सकती है।
Conclusion:
पुलिस का मानना है कि सक्रिय नक्सलियों की पोस्टर चस्पा करने का उद्देश्य नक्सल विरोधी अभियान के तहत जागरूकता के लिए किया गया है,पोस्टर में उन नक्सलियों का फोटो है जो कई वारदातों में शामिल रहें हैं, और ईनामी भी है यही कारण है कि पुलिस अब थानों के साथ साथ वनांचल के बाजार व चौंक-चौराहों में भी पोस्टर चस्पा कर रही है,इसके अलावा वनांचल के अतिसंवेदनशील इलाके में नए बेस कैंप बनाने की सोच रही है।

बाईट-01-डॉ लालउमेंद सिंह,एसपी कवर्धा

अब देखना होगा कि पुलिस द्वारा चलाई जा रही यह पोस्टर अभियान नक्सल खात्मा एवं लोगों के मन से दहशत खत्म करने में कितना रंग लाती है।
क्लोश-पीटीसी महबुब खान कवर्धा
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