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मंत्री मोहम्मद अकबर ने MP सरकार को 24 घंटे में लिखा दूसरा पत्र - Minister Mohammad Akbars latest statement

कवर्धा में आदिवासी की मौत मामले में मंत्री मोहम्मद अकबर ने दूसरा पत्र मध्य प्रदेश सरकार को लिखा है. अकबर ने मामले में कार्रवाई को लेकर हो रही लेटलतीफी पर ऐतराज जताया.

minister mohammad akbar wrote a second letter to mp government in 24 hours in kawardha
मंत्री मोहम्मद अकबर
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Published : Sep 15, 2020, 11:25 AM IST

कवर्धा: कैबिनेट मंत्री और कवर्धा विधायक मोहम्मद अकबर ने 24 घंटे में दूसरी चिट्ठी मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखी हैं. मोहम्मद अकबर ने पत्र में ऐतराज जताते हुए लिखा की मध्यप्रदेश पुलिस की तरफ से आदिवासी की हत्या पर अब तक कोई कदम नहीं उठाए गए है.

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मंत्री मोहम्मद अकबर और शिवराज सिंह चौहान

छत्तीसगढ़ शासन में मंत्री व कवर्धा विधायक मोहम्मद अकबर ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक और पत्र लिखा है. 24 घंटे के अंदर लिखे गए इस दूसरे पत्र में उन्होंने इस बात पर एतराज किया है कि, कवर्धा के एक बेकसूर आदिवासी की मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा हत्या करने को उन्होंने संज्ञान नहीं लिया. अकबर ने एक दिन पहले लिखे गई पत्र का हवाला देते हुए कहा है, यह मामला बेहद गंभीर है अभी तक मध्यप्रदेश सरकार द्वारा इसे लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया है.

पढ़ें: आदिवासी की मौत की जांंच के लिए मंत्री मोहम्मद अकबर ने मध्यप्रदेश सरकार को लिखा पत्र

'बेहद गंभीर मामले में भी एमपी पुलिस गंभीर नहीं'

वन मंत्री अकबर ने कहा कि 6 सितंबर को मध्यप्रदेश पुलिस ने छत्तीसगढ़ के एक निर्दोष आदिवासी की हत्या कर दी और दूसरे आदिवासी की हत्या का प्रयास किया, जो बेहद गंभीर मामला है. उन्होंने कहा कि इससे छत्तीसगढ़ के आदिवासी समाज में गुस्सा बढ़ता जा रहा है. वन मंत्री अकबर ने उनके द्वारा पहले लिखे गए पत्र पर कार्रवाई न होने पर निराशा भी जाहिर की.उन्होंने शिवराज चौहान से अनुरोध किया कि इस संवेदनशील प्रकरण में उच्च स्तरीय जांच तत्काल की जाए और छत्तीसगढ़ सरकार को इसकी जानकारी मुहैया कराई जाए.

6 सितंबर का मामला

बता दें कि 6 सितंबर को कवर्धा जिले के बोड़ला ब्लॉक में दो आदिवासी झाम सिंह और नेम सिंह मछली मारने जंगल गए थे, इस दौरान मध्यप्रदेश पुलिस ने उन्हें पकड़ने की कोशिश की और जब वे भागने लगे तो उन्हें गोली मार दी गई. जिसमें झाम सिंह की मौके पर ही मौत हो गई जबकि नेम सिंह किसी तरह जान बचाकर भाग निकला. मध्यप्रदेश पुलिस ने इस निर्दोष आदिवासी को नक्सली बता दिया. इस बीच नेम सिंह ने स्थानीय थाने में इसकी शिकायत की. जिसके बाद मामले की हकीकत सामने आई. इस घटना के सामने आने के बाद छत्तीसगढ़ के वन मंत्री और स्थानीय विधायक मोहम्मद अकबर ने कलेक्टर से मामले की रिपोर्ट तलब की. कलेक्टर ने जांच में कई ऐसे सबूत पाए जिससे इस बात का खुलासा हुआ कि मामला निर्दोश आदिवासी की हत्या का है.

कवर्धा: कैबिनेट मंत्री और कवर्धा विधायक मोहम्मद अकबर ने 24 घंटे में दूसरी चिट्ठी मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखी हैं. मोहम्मद अकबर ने पत्र में ऐतराज जताते हुए लिखा की मध्यप्रदेश पुलिस की तरफ से आदिवासी की हत्या पर अब तक कोई कदम नहीं उठाए गए है.

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मंत्री मोहम्मद अकबर और शिवराज सिंह चौहान

छत्तीसगढ़ शासन में मंत्री व कवर्धा विधायक मोहम्मद अकबर ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक और पत्र लिखा है. 24 घंटे के अंदर लिखे गए इस दूसरे पत्र में उन्होंने इस बात पर एतराज किया है कि, कवर्धा के एक बेकसूर आदिवासी की मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा हत्या करने को उन्होंने संज्ञान नहीं लिया. अकबर ने एक दिन पहले लिखे गई पत्र का हवाला देते हुए कहा है, यह मामला बेहद गंभीर है अभी तक मध्यप्रदेश सरकार द्वारा इसे लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया है.

पढ़ें: आदिवासी की मौत की जांंच के लिए मंत्री मोहम्मद अकबर ने मध्यप्रदेश सरकार को लिखा पत्र

'बेहद गंभीर मामले में भी एमपी पुलिस गंभीर नहीं'

वन मंत्री अकबर ने कहा कि 6 सितंबर को मध्यप्रदेश पुलिस ने छत्तीसगढ़ के एक निर्दोष आदिवासी की हत्या कर दी और दूसरे आदिवासी की हत्या का प्रयास किया, जो बेहद गंभीर मामला है. उन्होंने कहा कि इससे छत्तीसगढ़ के आदिवासी समाज में गुस्सा बढ़ता जा रहा है. वन मंत्री अकबर ने उनके द्वारा पहले लिखे गए पत्र पर कार्रवाई न होने पर निराशा भी जाहिर की.उन्होंने शिवराज चौहान से अनुरोध किया कि इस संवेदनशील प्रकरण में उच्च स्तरीय जांच तत्काल की जाए और छत्तीसगढ़ सरकार को इसकी जानकारी मुहैया कराई जाए.

6 सितंबर का मामला

बता दें कि 6 सितंबर को कवर्धा जिले के बोड़ला ब्लॉक में दो आदिवासी झाम सिंह और नेम सिंह मछली मारने जंगल गए थे, इस दौरान मध्यप्रदेश पुलिस ने उन्हें पकड़ने की कोशिश की और जब वे भागने लगे तो उन्हें गोली मार दी गई. जिसमें झाम सिंह की मौके पर ही मौत हो गई जबकि नेम सिंह किसी तरह जान बचाकर भाग निकला. मध्यप्रदेश पुलिस ने इस निर्दोष आदिवासी को नक्सली बता दिया. इस बीच नेम सिंह ने स्थानीय थाने में इसकी शिकायत की. जिसके बाद मामले की हकीकत सामने आई. इस घटना के सामने आने के बाद छत्तीसगढ़ के वन मंत्री और स्थानीय विधायक मोहम्मद अकबर ने कलेक्टर से मामले की रिपोर्ट तलब की. कलेक्टर ने जांच में कई ऐसे सबूत पाए जिससे इस बात का खुलासा हुआ कि मामला निर्दोश आदिवासी की हत्या का है.

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