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प्रशासन का सुस्त रवैया देख पंडरिया के व्यापारियों ने खुद बंद कर दी दुकानें

पंडरिया में 2 सैलून संचालकों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई थी, लेकिन प्रशासन ने यहां बैरिकेडिंग नहीं की. व्यापारियों ने कोरोना वायरस संक्रमण के प्रति जागरूकता का परिचय देते हुए खुद ही दुकानें बंद कर दी हैं.

Merchants closed shops
व्यापारियों ने खुद बंद कर दी दुकानें
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Published : Jul 17, 2020, 4:24 AM IST

Updated : Jul 17, 2020, 8:05 AM IST

कवर्धा: छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के मामले दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे हैं. ऐसे में कई इलाकों में लोगों की लापरवाही देखी जा रही है. हालांकि कई जगहों पर लोगों ने जागरूकता की मिसाल भी पेश की है. इसका एक उदाहरण पंडरिया नगर पंचायत में देखने को मिला. यहां कवर्धा, मुंगेली, बिलासपुर और मध्य प्रदेश को जोड़ने वाला पंडरिया का मुख्य चौक सुनसान हो गया है. यहां के व्यापारियों ने बिना प्रशासन के आदेश ही अपनी दुकानें कुछ दिनों के लिए बंद कर दी है.

दरअसल पंडरिया में 2 सैलून संचालकों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई थी. जिसके बाद उनके संपर्क में आए लोगों का पता लगाया जा रहा था. इस दौरान खुद से 40 लोग सामने आए हैं. लेकिन 100 से ज्यादा लोगों के संपर्क में आने का अनुमान लगाया जा रहा है. आसपास के अन्य गांव के लोगों के भी सैलून आने का अंदाजा लगाया जा रहा है. प्रशासन फिलहाल सभी का पता लगा रहा है.

पढ़ें: धमतरी: 10 साल की तुलना में 100 मिली मीटर ज्यादा बारिश, गंगरेल डैम में 19 टीएमसी पानी का भराव

खुद ही कर दिया लॉकडाउन

सामान्य तौर पर देखा जाता है कि प्रशासन लॉकडाउन लगाता है, कंटेनमेंट जोन भी घोषित करता है, लेकिन यहां चैनपुरा रोड में जहां पर सैलून संचालित होता था, उसे सील नहीं किया गया. यहां कोई बैरिकेडिंग भी नहीं लगाए गए थे, लेकिन दुकानदारों ने खुद ही जागरूकता का प्रमाण देते हुए दुकानें बंद कर दी हैं. उन्होंने SDM को भी सूचना दी है कि स्थिति नहीं सुधरने पर आगे भी दुकानें बंद रखी जा सकती है.

बता दें कि प्रदेश के कई शहरों में नजारा उल्टा देखने को मिला है. राजनांदगांव और जगदलपुर में तो प्रशासन और आम लोगों के बीच लॉकडाउन खोले जाने को लेकर विवाद की स्थिति भी बनी थी. कंटेनमेंट जोन बनाए जाने का कई इलाकों में विरोध देखने को मिला है. कई स्थानों पर लोगों ने अपने सैंपल तक देने से इंकार किया है.

कवर्धा: छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के मामले दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे हैं. ऐसे में कई इलाकों में लोगों की लापरवाही देखी जा रही है. हालांकि कई जगहों पर लोगों ने जागरूकता की मिसाल भी पेश की है. इसका एक उदाहरण पंडरिया नगर पंचायत में देखने को मिला. यहां कवर्धा, मुंगेली, बिलासपुर और मध्य प्रदेश को जोड़ने वाला पंडरिया का मुख्य चौक सुनसान हो गया है. यहां के व्यापारियों ने बिना प्रशासन के आदेश ही अपनी दुकानें कुछ दिनों के लिए बंद कर दी है.

दरअसल पंडरिया में 2 सैलून संचालकों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई थी. जिसके बाद उनके संपर्क में आए लोगों का पता लगाया जा रहा था. इस दौरान खुद से 40 लोग सामने आए हैं. लेकिन 100 से ज्यादा लोगों के संपर्क में आने का अनुमान लगाया जा रहा है. आसपास के अन्य गांव के लोगों के भी सैलून आने का अंदाजा लगाया जा रहा है. प्रशासन फिलहाल सभी का पता लगा रहा है.

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खुद ही कर दिया लॉकडाउन

सामान्य तौर पर देखा जाता है कि प्रशासन लॉकडाउन लगाता है, कंटेनमेंट जोन भी घोषित करता है, लेकिन यहां चैनपुरा रोड में जहां पर सैलून संचालित होता था, उसे सील नहीं किया गया. यहां कोई बैरिकेडिंग भी नहीं लगाए गए थे, लेकिन दुकानदारों ने खुद ही जागरूकता का प्रमाण देते हुए दुकानें बंद कर दी हैं. उन्होंने SDM को भी सूचना दी है कि स्थिति नहीं सुधरने पर आगे भी दुकानें बंद रखी जा सकती है.

बता दें कि प्रदेश के कई शहरों में नजारा उल्टा देखने को मिला है. राजनांदगांव और जगदलपुर में तो प्रशासन और आम लोगों के बीच लॉकडाउन खोले जाने को लेकर विवाद की स्थिति भी बनी थी. कंटेनमेंट जोन बनाए जाने का कई इलाकों में विरोध देखने को मिला है. कई स्थानों पर लोगों ने अपने सैंपल तक देने से इंकार किया है.

Last Updated : Jul 17, 2020, 8:05 AM IST
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