कवर्धा: इतिहास बताने वाली विरासतों को संजोना चाहिए क्योंकि उन्हीं के जरिए हमें पता चलता है कि हमारे पूर्वज कैसे थे और किस तरह से हमारा विकास हुआ है. लेकिन यहां रख-रखाव और सुरक्षा के अभाव में ऐतिहासिक बेशकीमती मूर्तियां धूल फांक रही हैं. एक चौकीदार के भरोसे जिम्मेदारों ने यहां अनमोल प्रतिमाओं को छोड़ रखा है.
कवर्धा जिले के बोडला ब्लॉक में जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर जिला प्रशासन ने 12 साल पहले खुदाई कराई थी. प्रशासन को यहां जमीन के नीचे मूर्तियां दबे होने की जानकारी मिली थी. पुरातत्व विभाग ने उस क्षेत्र की 84 एकड़ पर अपना कब्जा कर खुदाई का कार्य कराया था. इस कार्य में वहां से 1500 वर्ष पुराने मंदिर और प्राचीन मूर्तियां मिली थीं. साथ ही सोने के सिक्के भी मिले थे.
- इतिहास कर्ताओं ने बताया कि यह 1500 साल पुराने कलचुरी राजाओं के जमाने का मंदिर और मूर्तियां हैं.
- साथ ही बहुत से बर्तन और राजाओं द्वारा इस्तमाल की चीजें भी मिलीं थीं.
- खुदाई के दौरान देश-विदेश से इतिहासकार भी यहा पहुंचे थे लेकिन कुछ महीने बाद पुरातत्व विभाग ने यहां खुदाई बंद कर दी और जो मूर्तियों मिलीं उन्हें वहीं म्यूजियम बनाकर रख दिया गया.
- हालत ये है कि मूर्तियों के रख-रखाव पर ध्यान नहीं दिया जाता है. न तो जिला प्रशासन का कोई अधिकारी और न ही कोई जिम्मेदार यहां झांकने आता है.
- बेशकीमती मूर्तियों की रखवाली की जिम्मेदारी एक चौकीदारे के कंधे पर है.
- खुदाई के बाद शुरुआत में यहां पर्यटकों का आना-जाना हुआ लेकिन बाद में सुविधाओं के अभाव में पर्यटकों ने भी यहां आना-जाना बंद कर दिया.
- चौकीदार ने बताया कि पहले पर्यटक आया करते थे घूमने लेकिन खाने-पीने और ठहरने की सुविधा न होने की वजह से अब यहां कोई नहीं आता. पर्यटकों के रुकने के लिए जो भवन बनवाया गया है, वो भी जर्जर हो चुका है.
कलेक्टर ने क्या कहा ?
इस संबंध में जब ETV भारत ने कलेक्टर से बात की तो उन्होंने भी सिर्फ अंदाजा लगाते हुए कहा कि उनकी जानकारी में यहां चौकीदार तो है. कलेक्टर ने कहा कि वो यहां सुविधाओं की व्यवस्था करेंगे.