कवर्धा: कवर्धा नगर पालिका में काम करने वाले दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को दो महीने से वेतन नहीं मिला है. वेतन को लेकर जहां कर्मचारी परेशान हैं. वेतन नहीं मिलने को लेकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रही है. कवर्धा नगर निगम में अध्यक्ष का पद अभी तक खाली है. अध्यक्ष का पद खाली होने से वेतन और विकास का काम दोनों रुका पड़ा है. नगर पालिका में काम करने वाले अफसरों का कहना है कि वत्तीय पावर नहीं होने के चलते काम वेतन नहीं मिल रहा है.
दो महीने से नहीं हुआ वेतन भुगतान: नगरपालिका की कुर्सी पर कांग्रेस का कब्जा था. 12 दिसंबर को कांग्रेस पार्षद और अध्यक्ष के बीच जमकर विवाद हुआ. विवाद इतना बढ़ा कि अध्यक्ष ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इस्तीफा देने से अध्यक्ष पद की कुर्सी खाली हो गई. कुर्सी खाली होते ही वित्तीय पावर खत्म हो गया और वेतन के भी लाले पड़ पड़ गए. नियम ये कहता है कि खाली पड़े पद को छह महीनों के भीतर भर दिया जाना चाहिए. दैनिक वेतन भोगियों को वेतन नहीं मिलने से उनका घर चलाना मुश्किल हो रहा है. मदद के वक्त में बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं.
मदद की जगह कर रहे सियासत: भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्ष का दावा है कि कांग्रेस पार्षदों की कमीशनखोरी के चलते ऐसे हालात बने. निगम में बैठे कांग्रेस के पार्षद अपना दायित्व कर्मचारियों और पब्लिक के लिए नहीं निभा रहे. बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस पार्षदों और अध्यक्ष के बीच मतभेद के चलते अध्यक्ष ने इस्तीफा दिया. कांग्रेस की अंदरुनी लड़ाई का खामियाजा अब जनता को भुगतना पड़ रहा है. कांग्रेस का आरोप है कि रिक्त पद को भरने के बजाए बीजेपी अब अध्यक्ष पद को लेकर सियासत कर रही है.