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नक्सल इलाकों में बाइक एंबुलेंस बनी उम्मीद, अब तक करा चुकी है 500 डिलिवरी

गर्भवती महिलाओं को तत्काल व बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जिले के कलेक्टर अवनीश शरण ने कुछ महीने पूर्व निशुल्क बाइक एम्बुलेंस सेवा की शुरुआत की थी. जो लोगों के लिए जीवनदायिनी साबित हो रही है. यह बाइक एम्बुलेंस प्रारंभ से लेकर अब तक पांच सौ से अधिक गर्भवती महिलाओं की जान बचा चुकी हैं.

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Published : Jul 28, 2019, 10:09 AM IST

निःशुल्क बाईक एम्बुलेंस सेवा

कवर्धाः जिले के दूरस्थ इलाकों में रहने वाली गर्भवती महिलाओं को तत्काल व बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जिले के कलेक्टर अवनीश शरण ने कुछ महीने पूर्व निशुल्क बाइक एम्बुलेंस सेवा की शुरुआत की थी. जो लोगों के लिए जीवनदायिनी साबित हो रही है. यह बाइक एम्बुलेंस प्रारंभ से लेकर अब तक पांच सौ से अधिक गर्भवती महिलाओं की जान बचा चुकी हैं.

निःशुल्क बाईक एम्बुलेंस सेवा

कवर्धा जिले का अधिकांश क्षेत्र वनांचल इलाके में बसता है, जहां बैगा आदिवासी समुदाय के लोग निवास करते हैं. इस इलाके में सड़कों का अभाव होने के कारण स्वास्थ्य सेवा का लाभ गरीबों को नहीं मिल पाता. ऐसे में जिले के कलेक्टर अवनीश शरण ने बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए बाइक एम्बुलेंस की शुरुआत की थी, ताकि दूरस्त इलाकों में गर्भवती महिलाओं को तत्काल सुविधा मिल सके.

गर्भवती महिलाओं का मसीहा
कवर्धा जिले के वनांचल में रहने वाला सुरेश बेलसरिया गर्भवती महिलाओं के लिए किसी फरिस्ते से कम नहीं है. सुरेश महज 6 महीने में बाइक एंबुलेंस से सैकड़ों महिलाओं की जान बचा चुका हैं. ऐसे में वनांचल के महिलाओं के साथ ही साथ जिले के कलेक्टर भी बाइक एम्बुलेंस चालक सुरेश की खूब तारीफें करते हैं.

कवर्धाः जिले के दूरस्थ इलाकों में रहने वाली गर्भवती महिलाओं को तत्काल व बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जिले के कलेक्टर अवनीश शरण ने कुछ महीने पूर्व निशुल्क बाइक एम्बुलेंस सेवा की शुरुआत की थी. जो लोगों के लिए जीवनदायिनी साबित हो रही है. यह बाइक एम्बुलेंस प्रारंभ से लेकर अब तक पांच सौ से अधिक गर्भवती महिलाओं की जान बचा चुकी हैं.

निःशुल्क बाईक एम्बुलेंस सेवा

कवर्धा जिले का अधिकांश क्षेत्र वनांचल इलाके में बसता है, जहां बैगा आदिवासी समुदाय के लोग निवास करते हैं. इस इलाके में सड़कों का अभाव होने के कारण स्वास्थ्य सेवा का लाभ गरीबों को नहीं मिल पाता. ऐसे में जिले के कलेक्टर अवनीश शरण ने बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए बाइक एम्बुलेंस की शुरुआत की थी, ताकि दूरस्त इलाकों में गर्भवती महिलाओं को तत्काल सुविधा मिल सके.

गर्भवती महिलाओं का मसीहा
कवर्धा जिले के वनांचल में रहने वाला सुरेश बेलसरिया गर्भवती महिलाओं के लिए किसी फरिस्ते से कम नहीं है. सुरेश महज 6 महीने में बाइक एंबुलेंस से सैकड़ों महिलाओं की जान बचा चुका हैं. ऐसे में वनांचल के महिलाओं के साथ ही साथ जिले के कलेक्टर भी बाइक एम्बुलेंस चालक सुरेश की खूब तारीफें करते हैं.

Intro:
कवर्धा- जिले के दूरस्थ इलाकों में रहने वाली गर्भवती महिलाओं को तत्काल व बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जिले के कलेक्टर अवनीश शरण ने कुछ माह पूर्व निशुल्क बाईक एम्बुलेंस सेवा की शुरुआत किया। लेकिन वनांचल के पहुंचविहीन इलाके के लोगों के लिए यह बाइक एम्बुलेंस जीवनदायिनी साबित हो रही है जो प्रारंभ से लेकर अब तक कुछ ही माह में 05 सौ से अधिक गर्भवती महिलाओं की जान बचा चुकी हैं।








Body:एंकर-कवर्धा जिले के अधिकांश क्षेत्र वनांचल इलाके में बसता है,जहां बैगा आदिवासी समुदाय के लोग निवास करते हैं,इस इलाके में सड़कों का अभाव है ,जिसके कारण स्वास्थ्य सेवा का लाभ इन गरीबों को नही मिल पाती। शासन द्वारा बेहतर स्वास्थ्य लाभ दिलाने के उद्देश्य से 108 एम्बुलेंस जैसी सेवा की शुरुआत की गई थी लेकिन सड़क के अभाव में वनांचल के अधिकांश गांवो में 108 एम्बुलेंस नही पहुंच पाती थी। ऐसे में जिले के कलेक्टर अवनीश शरण ने बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य कुछ माह पूर्व बाईक एम्बुलेंस की शुरुआत किया,ताकि पहुँचविहीन गांव में निवासरत गर्भवती महिलाओ को तत्काल सुविधा मिल सके। जिले में कुल 05 बाईक एम्बुलेंस संचालित है जो कुछ ही माह में अब तक 05 सौ से अधिक गर्भवती महिलाओं की जान बचाने में वरदान साबित हो रहा है।
Conclusion:कवर्धा जिले के वनांचल में रहने वाले सुरेश बेलसरिया गर्भवती महिलाओं के लिए किसी फरिस्ता से कम नही है। एक वक्त ऐसा भी था जब सुरेश बेरोजगारी की जिंदगी जीता था,लेकिन कुछ माह में सुरेश वनांचल इलाके के लोगो के बीच फरिस्ता बन गया है और उसका सबसे बड़ा कारण है बाईक एम्बुलेंस से सैकड़ों महिलाओं की जान बचाना । जी हां जब कलेक्टर ने बाईक एम्बुलेंस की शुरुआत किया तो सुरेश को चालक की नई जिम्मेदारी मिली उसके बाद से सुरेश ने अकेले ही सौ से भी अधिक गर्भवती महिलाओं को समय पर अस्पताल पहुंचा चुके हैं वो भी महज 06 माह में। ऐसे में वनांचल के महिलाओं के साथ ही साथ जिले के कलेक्टर भी बाईक एम्बुलेंस चालक सुरेश की खूब तारीफें किया साथ ही अपने फेसबुक मे भी शेयर किया है।

बाईट-01-बाईक ड्राइवर
बाईट-02-ओमप्रकाश,ग्रामीण
बाईट-03-अवनीश शरण, कलेक्टर कवर्धा
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