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छत्तीसगढ़ के इस स्कूल के बच्चे है 'जीनियस', 10वीं में हर कोई हुआ फर्स्ट डिवीजन से पास - cg news

कवर्धा के शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला के दसवीं क्लास में पढ़ने वाले सभी छात्र-छात्राएं बोर्ड परीक्षा में फर्स्ट डिवीजन से पास हुए हैं.

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Published : May 17, 2019, 12:00 AM IST

कवर्धा: तस्वीरों में दिख रहे ये छात्र दिखने में भले ही साधारण हों... लेकिन इन्होंने जो कीर्तिमान रचा है, वो बेहद ही खास है. जिले के पंडरिया विकासखंड के कांपदाह में संचालित शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला के दसवीं क्लास में पढ़ने वाले सभी छात्र-छात्राएं बोर्ड परीक्षा में फर्स्ट डिवीजन से पास हुए हैं.

पैकेज

छात्रों को शिक्षकों का दिया श्रेय
छात्र अपनी इस उपल्ब्धि का श्रेय स्कूल के टीचर्स को दे रहे हैं. छात्रों का कहना है कि साल में ऐसा कोई दिन नहीं बीता जब स्कूल में पढ़ाई न हुई हो. यहां रविवार और त्योहारों की छुट्टियों में भी एक्सट्रा क्लास लगाई जाती है. यही नहीं हर दिन पढाई के साथ-साथ एक्सट्रा क्लास भी लगाई जाती है.

गर्मी की छुट्टियों में लगाई जाएगी एक्ट्रा क्लास
स्कूल के प्रिंसिपल का कहना है कि उनका लक्ष्य था कि स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं का नाम मेरिट लिस्ट में आए, लेकिन उनका यह सपना अधूरा रह गया. अगले साल स्कूल के छात्र-छात्राएं 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा की मेरिट लिस्ट में आएं, इसके लिए वो अभी से कोशिश कर रहे हैं. इसके लिए गर्मी की छुट्टियों में एक्सट्रा क्लास लगाई जाएगी.

फूले नहीं समां रहे अभिभावक
छात्रों की इस उपलब्धि पर उनके अभिभावक फूले नहीं समा रहे हैं. एक ओर जहां लोगों ने शिक्षा को व्यवसाय का जरिया बना रखा है. ऐसे में कवर्धा के कांपदाह शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक किसी मिसाल से कम नहीं हैं.

कवर्धा: तस्वीरों में दिख रहे ये छात्र दिखने में भले ही साधारण हों... लेकिन इन्होंने जो कीर्तिमान रचा है, वो बेहद ही खास है. जिले के पंडरिया विकासखंड के कांपदाह में संचालित शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला के दसवीं क्लास में पढ़ने वाले सभी छात्र-छात्राएं बोर्ड परीक्षा में फर्स्ट डिवीजन से पास हुए हैं.

पैकेज

छात्रों को शिक्षकों का दिया श्रेय
छात्र अपनी इस उपल्ब्धि का श्रेय स्कूल के टीचर्स को दे रहे हैं. छात्रों का कहना है कि साल में ऐसा कोई दिन नहीं बीता जब स्कूल में पढ़ाई न हुई हो. यहां रविवार और त्योहारों की छुट्टियों में भी एक्सट्रा क्लास लगाई जाती है. यही नहीं हर दिन पढाई के साथ-साथ एक्सट्रा क्लास भी लगाई जाती है.

गर्मी की छुट्टियों में लगाई जाएगी एक्ट्रा क्लास
स्कूल के प्रिंसिपल का कहना है कि उनका लक्ष्य था कि स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं का नाम मेरिट लिस्ट में आए, लेकिन उनका यह सपना अधूरा रह गया. अगले साल स्कूल के छात्र-छात्राएं 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा की मेरिट लिस्ट में आएं, इसके लिए वो अभी से कोशिश कर रहे हैं. इसके लिए गर्मी की छुट्टियों में एक्सट्रा क्लास लगाई जाएगी.

फूले नहीं समां रहे अभिभावक
छात्रों की इस उपलब्धि पर उनके अभिभावक फूले नहीं समा रहे हैं. एक ओर जहां लोगों ने शिक्षा को व्यवसाय का जरिया बना रखा है. ऐसे में कवर्धा के कांपदाह शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक किसी मिसाल से कम नहीं हैं.

Intro:कवर्धा जिले के सरकारी स्कुल ने प्रदेश मे किया नाम रौशन जिले के साथ-साथ प्रदेश मे सौकड़ों मंहगे व हाईफाई प्राईवेट स्कुलो को पिछा छोड गाँव के सरकारी स्कुल के शतप्रतिशत बच्चो ने 10वीं बोर्ड परीक्षा मे लाया प्रथम स्थान




Body:कवर्धा जिले के सरकारी स्कुल ने प्रदेश मे किया नाम रौशन जिले के साथ-साथ प्रदेश मे सौकड़ों मंहगे व हाईफाई प्राईवेट स्कुलो को पिछा छोड गाँव के सरकारी स्कुल के शतप्रतिशत बच्चो ने 10वीं बोर्ड परीक्षा मे लाया प्रथम स्थान



एकंर- कवर्धा जिले के विकासखंड पंडरिया मे आने वाले ग्राम कांपादाह मे संचालित शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला मे 10वीं क्लास के 62 मे 62 बच्चो ने शतप्रतिशत प्रथम स्थान प्राप्त किया है। यह रिकोर्ड पुरे प्रदेश मे सिर्फ कवर्धा जिले के कांपादाह सरकारी स्कुल मे हुआ है। इसके पिछे एक बडी मेहनत है, जो स्कुल मे शतप्रतिशत बच्चो का पास होना स्कुल व वहा पढने वाले शिक्षकों के लिए साथ ही जिला के लोगों के लिए बहुत बडी उपलब्धि है। यहा के बच्चे बताते है की, हमने पुरे एक वर्ष कडी मेहनत कि है साल के पुरे 365 दिन हमने एक भी दिन ऐसा नही बिता जब हमने पढाई ना कि हो साथ ही स्कुल मे भी हमने प्रतिदिन एक्सट्रा क्लास अटेंड किया है। और हम से भी जादा मेहनत किया है तो हमारे सर रुपचंद जैसवाल जिन्होंने अपना पुरा काम व परिवारों को त्याग कर हमे पढहाया वैसे तो सभी शिक्षकों का काम अपने स्टुडेंट्स को पढहाना ही होता है। मगर हमारे जैसवाल सर ने हमे अपने बच्चो कि तरहा शिक्षा दी साथ ही जब हम घरों मे होते तब भी हमे फोन करके पुछा करते थे या हमारे माँ-बाप को पुछा करते थे पढहाई कर रहे है या नही हमे गर्व है हमे ऐसे शिक्षा मिले जिन्होंने हमे आज इतना आगें बडहाया साथ ही पुरे प्रदेश मे हमारे स्कुल व गाँव का नाम रौशन करने मे हमारी भरपुर मदद की। वही प्रचार्य रुपचंद जैसवाल जिसकी मेहनत और लगन ने स्कुल का नाम रौशन हुआ उनका कहना है हम बच्चों को शिक्षाक बनकर नही दोस्त व पालक बनकर बढहाते है तब बच्चों के अंदर से किसी भी बातों को लेकर हिचकिचाहट खत्म होती है। और हमे उन्हें समझने मे आसानी होती है , प्रचार्य ने बताया कि हमारा इस वर्ष शतप्रतिशत व मैरिड सुची मे अपने स्कुल के बच्चों का नाम लाना था मगर मैरिड सुची मे नाम नही आ पाया हम और कोशिश करेंगे और आने वाले वर्ष मे शतप्रतिशत के साथ-साथ 10वीं व 12वीं मे मैरिड सुची मे हमारे स्कुल के बच्चों का नाम लाने की भरपुर कोशिश करेंगे , एवं उसकी तैयारी हमने अभी से सुरु भी कर दि है बच्चों को रोजाना एकस्ट्रा क्लास लागाना भी सुरु कर दिया है। हम कोशिश करेंगे आने वाला वर्ष पुरे प्रदेश मे नबर 01 मे हमारा स्कुल आऐ। शिक्षकों के मेहमान को देख गाँव वाले भी काफी खुश रहते है और स्कुल मे व्यवस्था को लेकर कोई काम होता है तो गाँव वाले मदद करते है गाँव मे काफी खुशी का माहौल है की उनके छोटे से गाँव का सरकारी स्कुल प्रदेश के हाईप्रोफाइल स्कुलों को मत दे दिया

बाईट01 सचिन कार्तिक पात्रे, छात्र
बाईट02 कविता साहू, छात्रा
बाईट03 गोविंददास मानिकपुरी, पालक
बाईट04 रुपचंद जैसवाल, प्रचार्य कांपादाह स्कुल


Conclusion:
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