जशपुर: हाथियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है. ताजा मामला जिले के बगीचा वन परिक्षेत्र का है. लकड़ी लेने जंगल गए ग्रामीण पर हाथी ने हमला किया. जिससे उसकी मौत हो गई. घटना स्थल के आसपास हाथियों के दल की मौजूदगी की वजह से घटना के 24 घंटे बाद शव को पुलिस ने जंगल से बाहर निकाला. पीड़ित परिजनों को वन विभाग ने 25 हजार की तात्कालिक सहायता दी है.
लकड़ी लेने गया था जंगल
घटना के संबंध में SDO आर पैकरा ने बताया कि सोमवार की सुबह करीब 5 से 6 बजे के आसपास बगीचा वन परिक्षेत्र के फुलडीह गांव का रहने वाला आगेश राम विश्वकर्मा नजदीक के जंगल में जलाउ लकड़ी लेने के लिए गया था. लेकिन जब शाम तक घर वापस नहीं लौटा तब परिजनों ने उसकी खोजबीन शुरू की. जंगल में खोजबीन के दौरान कुछ ग्रामीणों ने उसकी बुरी तरह से कुचले हुए लाश को देखा.
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शव के पास मौजूद था हाथियों का झुंड
शव के आसपास हाथियों का झुंड मौजूद होने के कारण शाम होने का इंतजार किया गया. वन विभाग के कर्मचारियों के साथ मिलकर ग्रामीणों ने दूसरी बार शव को जंगल से निकालने की कोशिश की. लेकिन हाथियों के आक्रामक रवैये को देखते हुए उन्हें खाली हाथ वापस लौटना पड़ा. रात भर शव जंगल में ही पड़ा रहा. मंगलवार सुबह भी हाथियों के हट जाने की उम्मीद के साथ ग्रामीण जंगल पहुंचे. लेकिन हाथियों की चिंघाड़ सुनकर उल्टे पैर वापस आ गए.
मंगलवार दोपहर निकाला गया शव
मंगलवार दोपहर को पुलिस के जवान, वनकर्मी और स्थानीय ग्रामीण मिलकर जंगल के अंदर घुसे थे. इस वक्त तक हाथियों का दल घटना स्थल से थोड़ा अंदर जा चुका था. पूरी सावधानी बरतते हुए शव को जंगल से बाहर निकाला गया.
25 हजार सहायता राशि
SDO ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को सौंप दिया गया है. साथ ही मृतक के परिजनों को 25 हजार रूपए की तात्कालिक सहायता राशि उपलब्ध करा दी गई है. बची हुई सहायता राशि प्रकरण तैयार होने के बाद दी जाएगी.