जशपुर : जिले में विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) के अवसर पर सामाजिक वानिकी को बढ़ावा देने और पर्यावरण संरक्षण के साथ ही पर्यावरण के प्रति लोगों में जन जागरूकता लाने के उद्देश्य से समाजिक वानिकी कार्यक्रम की शुरुआत की गई है. कार्यक्रम के तहत शहर में बाकी नदी के तट पर फलादार और छायादार पौधे लगाए गए हैं. इस दौरान जशपुर और कुनकुरी विधायक सहित जिला प्रशासन के आला अधिकारियों मौजूद थे.
जिले में समाजिक वानिकी को बढ़वा देने के उदेश्य से विश्व पर्यावरण दिवस पर पौधे लगाकर इस कार्यक्रम की शुरुआत की गई. इस अवसर पर कुनकुरी विधायक ने कहा कि जिले में लगातार हो रही जंगल की कटाई और तेजी से खत्म होते जंगलों को बचाने के लिए समाजिक वानिकी कार्यक्रम की शुरुआत की गई है.
विधायक ने कहा जंगलों पर निर्भर है ग्रामीण आबादी
विधायक ने कहा कि आदिवासी अंचल होने की वजह से ग्रामीण आबादी जंगलों पर निर्भर रहती है. इसके साथ ही अवैध कटाई से जंगल तेजी से खत्म होते जा रहे हैं. जशपुर जिला हरे जंगलों, पहाड़ों , नदी-नालों और झरनों की बदौलत जाना जाता है. यहां पर्यटन की भी प्रचुर संभावना है. उस दिशा में भी काम हो रहा है. उन्होंने आगे कहा कि सामाजिक वानिकी कार्यक्रम से जंगलों के संरक्षण का काम किया जाएगा. विधायक ने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत अमलतास, बेल, जामुन, अर्जुन, जैसे कई तरह के पौधे लगाए जा रहे हैं.
वन मंडलाधिकारी ने दी जानकारी
वन मंडलाधिकारी श्रीकृष्ण जाधव ने बताया कि विश्व पर्यावरण दिवस अवसर पर 'टाइम फॉर नेचर' थीम के तहत पौधे लगाने का काम किया जा रहा है. उन्होंने आगे कहा कि प्रकृति के देखभाल के लिए और भी समय निकलना पड़ेगा. इसी कड़ी में समाजिक वानिकी की शुरुआत की जा रही है, जिसके अंतर्गत वन क्षेत्र के बाहर वनों का निर्माण किया जाएगा.
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वन मंडलाधिकारी का कहना है कि जंगलों के अवैध कटाई और जंगलों में आग लगाने के कारण जंगल खत्म होते जा रहे हैं. इस प्रयास से लोग वनों के भरोसे नहीं रहेंगे, बल्कि जो समाजिक वनों का निर्माण किया जा रहा है, उनसे ही उनकी आवश्यकताएं पूरी हो जाएंगी. कार्यक्रम के तहत जिले की खाली पड़ी राजस्व भूमि, नदियों के तट और मुख्य मार्गों के किनारे पौधरोपण किया जाएगा.