जशपुर: जिला प्रशासन ने छत्तीसगढ़ के आदिवासी युवाओं के लिए सॉकर लीग प्रतियोगिता का आयोजन किया है. इससे आदिवासी युवाओं को बड़े स्तर पर फुटबॉल प्रतियोगिता में मौके मिलेंगे. जिला प्रशासन ने कहा कि फुटबॉल प्रतियोगिता से खिलाड़ियों में निखार आयेगा. ज्यादा से ज्यादा युवाओं को मौका देने के लिए जिले के सभी फुटबॉल खिलाड़ियों को प्रतियोगिता में शामिल किया गया है.
जशपुर: फुटबॉल से संवरेगी आदिवासी युवाओं की जिंदगी - प्रतियोगिता
जिला प्रशासन ने सॉकर लीग आयोजित कर आदिवासी खिलाड़ियों के प्रतिभा को निखारने में लगी है. प्रतियोगिता का आयोजन संकूल स्तर से लेकर जिला स्तर तक किया जा रहा है. जिसमें जिले के सभी खिलाड़ी भाग ले रहे हैं.
सॉकर लीग आयोजित
जशपुर: जिला प्रशासन ने छत्तीसगढ़ के आदिवासी युवाओं के लिए सॉकर लीग प्रतियोगिता का आयोजन किया है. इससे आदिवासी युवाओं को बड़े स्तर पर फुटबॉल प्रतियोगिता में मौके मिलेंगे. जिला प्रशासन ने कहा कि फुटबॉल प्रतियोगिता से खिलाड़ियों में निखार आयेगा. ज्यादा से ज्यादा युवाओं को मौका देने के लिए जिले के सभी फुटबॉल खिलाड़ियों को प्रतियोगिता में शामिल किया गया है.
Intro:जशपुर आदिवासी बाहुल्य जिले में फुटबॉल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जशपुर सागर लीग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है इस प्रतियोगिता में खेल प्रतिभाओं को निखार कर लाने के लिए जिले भर के फुटबॉल खिलाड़ियों को इस प्रतियोगिता में शामिल किया गया है।
Body:जिला प्रशासन द्वारा आदिवासी जिले में फुटबॉल के खेल को बढ़ावा देने एवं ग्रामीण अंचल के प्रतिभावान खिलाड़ियों को अवसर एवं प्लेटफार्म देने के उद्देश्य से जशपुर साकर लीग का आयोजन संकुल स्तर से लेकर जिला स्तर तक आयोजित किया गया है इस प्रतियोगिता में जिले भर के आठ विकास खंडों के प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं जशपुर साकर लीग चार वर्गों में खेली जा रही है इसमें जूनियर व सीनियर वर्ग बालक एवं बालिका तथा ओपन वर्ग को शामिल किया गया है।
आयोजन समिति के सदस्य एवं खेल प्रशिक्षक सरफराज आलम ने बताया कि शहर के रणजीता स्टेडियम में जिला स्तरीय स्वच्छता सागर लीग फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है जिला स्तर से पहले संकुल स्तर प्रतियोगिता आयोजित की गई थी जिसमें चयनित खिलाड़ी विकासखंड स्तर पर आए और विकास खंड स्तर से चयनित खिलाड़ी अब जिला स्तर पर अपना जौहर दिखा रहे हैं उन्होंने कहा कि इस तरह की प्रतियोगिता के माध्यम से आदिवासी क्षेत्र में खिलाड़ियों को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ने में गति मिलेगी इस आदिवासी बाहुल्य जिले के खिलाड़ी से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर भी अपना जौहर दिखाएंगे और जिले का नाम रोशन करेंगे उन्होंने बताया कि प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए आठ विकासखंड की टीम आई हुई है, प्रतियोगिता में जूनियर वर्ग में 5 वीं से लेकर 8 वीं तक के खिलाड़ी खेल रहे हैं वहीं सीनियर वर्ग बालक में 9 वीं से लेकर 12वीं तक इसमें शामिल है साथ ही सीनियर वर्ग बालिका में भी 9 वीं से लेकर 12वीं तक की शामिल है इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों के ओपन खिलाड़ियों को भी इस प्रतियोगिता में शामिल किया गया है।
Conclusion:निश्चित ही आदिवासी जिले में इस तरह के आयोजनों से यहां के आदिवासी वर्ग के खिलाड़ियों को अपनी खेल प्रतिभा निखारने का मौका मिल रहा है जिससे जिले के खिलाड़ी राज्य स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक की प्रतियोगिताओं तक पहुंच पाएंगे और जिले के साथ-साथ अपने राज्य का नाम भी रोशन करने का मौका मिलेगा।
बाइट सरफराज आलम खेल प्रशिक्षक
तरुण प्रकाश शर्मा
जशपुर
Body:जिला प्रशासन द्वारा आदिवासी जिले में फुटबॉल के खेल को बढ़ावा देने एवं ग्रामीण अंचल के प्रतिभावान खिलाड़ियों को अवसर एवं प्लेटफार्म देने के उद्देश्य से जशपुर साकर लीग का आयोजन संकुल स्तर से लेकर जिला स्तर तक आयोजित किया गया है इस प्रतियोगिता में जिले भर के आठ विकास खंडों के प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं जशपुर साकर लीग चार वर्गों में खेली जा रही है इसमें जूनियर व सीनियर वर्ग बालक एवं बालिका तथा ओपन वर्ग को शामिल किया गया है।
आयोजन समिति के सदस्य एवं खेल प्रशिक्षक सरफराज आलम ने बताया कि शहर के रणजीता स्टेडियम में जिला स्तरीय स्वच्छता सागर लीग फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है जिला स्तर से पहले संकुल स्तर प्रतियोगिता आयोजित की गई थी जिसमें चयनित खिलाड़ी विकासखंड स्तर पर आए और विकास खंड स्तर से चयनित खिलाड़ी अब जिला स्तर पर अपना जौहर दिखा रहे हैं उन्होंने कहा कि इस तरह की प्रतियोगिता के माध्यम से आदिवासी क्षेत्र में खिलाड़ियों को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ने में गति मिलेगी इस आदिवासी बाहुल्य जिले के खिलाड़ी से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर भी अपना जौहर दिखाएंगे और जिले का नाम रोशन करेंगे उन्होंने बताया कि प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए आठ विकासखंड की टीम आई हुई है, प्रतियोगिता में जूनियर वर्ग में 5 वीं से लेकर 8 वीं तक के खिलाड़ी खेल रहे हैं वहीं सीनियर वर्ग बालक में 9 वीं से लेकर 12वीं तक इसमें शामिल है साथ ही सीनियर वर्ग बालिका में भी 9 वीं से लेकर 12वीं तक की शामिल है इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों के ओपन खिलाड़ियों को भी इस प्रतियोगिता में शामिल किया गया है।
Conclusion:निश्चित ही आदिवासी जिले में इस तरह के आयोजनों से यहां के आदिवासी वर्ग के खिलाड़ियों को अपनी खेल प्रतिभा निखारने का मौका मिल रहा है जिससे जिले के खिलाड़ी राज्य स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक की प्रतियोगिताओं तक पहुंच पाएंगे और जिले के साथ-साथ अपने राज्य का नाम भी रोशन करने का मौका मिलेगा।
बाइट सरफराज आलम खेल प्रशिक्षक
तरुण प्रकाश शर्मा
जशपुर