जशपुर : पुलिस अब सड़क हादसों में घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाने वाले नागरिकों का सम्मान करेगी. अक्सर देखा जाता है कि लोग पुलिस और पूछताछ के डर से सड़क हादसे में घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाने से बचे हैं. नागरिकों के इसी डर को दूर करने के लिए जशपुर पुलिस ने ये पहल की है.
जिले में सड़क हादसों का बढ़ता हुआ ग्राफ प्रशासनिक अमले के लिए भी परेशानी का सबब हुआ है. युवाओं द्वारा खतरनाक स्टंट करने बढ़ती हुई प्रवृत्ति ने इस समस्या को और गंभीर बना दिया है.
2 साल में 350 लोगों की गई जान
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 2 साल में जिले में हुए सड़क हादसों में 350 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है.
'मददगारों को करेंगे सम्मान'
सड़क हादसों के ग्राफ को कम करने के लिए जिला प्रशासन अंधे मोड़ों और दुर्घटना संभावित स्थलों की पहचान कर इसे दुरूस्त करने का काम भी कर रही है, वहीं हादसे में घायल हुए लोगों की मदद करने वालों को पुरस्कृत करने की योजना तैयार की है.
पढ़ें :जशपुर : 36 हाथियों के दल ने मचाया उत्पात, 2 घंटे तक स्टेट हाईवे किया जाम
'हादसों को रोकने के किया जा रहा प्रयास'
पुलिस अधीक्षक शंकरलाल बघेल ने बताया कि, 'गुड सेमेरिटन योजना के तहत घायल व्यक्तियों को तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने वाले आम नागरिकों को सम्मानित किया जाएगा. हादसे रोकने के प्रयास में शाम से लेकर देर रात तक पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है'.
इस साल 171 लोगों ने गंवाई है जान
पुलिस विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक 2019 में अब तक 171 लोगों की जान जा चुकी है. यह आंकड़ा वर्ष 2018-19 में 180 था.