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शहीद के परिवार की आवाज, 'सरकार' नहीं बिका धान - जशपुर

जशपुर के केंदूटोली गांव में रहने वाले शहीद जवान के पिता रकबा शून्य किए जाने की वजह से धान नहीं बेच पाए. अब वे प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं कि उनका धान खरीदा जाए.

Martyr Jawan's father could not sell paddy till the last date in jashpur
सरकार की अनदेखी
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Published : Mar 3, 2020, 3:54 PM IST

जशपुर: छत्तीसगढ़ में इस साल धान खरीदी का मामला सुर्खियों में रहा है. धान खरीदी में समस्या की वजह किसानों को आंदोलन तक का रास्ता अपनाना पड़ा और किसानों का संघर्ष अब तक जारी है. इसी बीच ग्राम पंचायत धौरासांड़ के केंदूटोली में रहने वाले एक शहीद के पिता धान मंडी और अफसरों के चक्कर काटने को मजबूर हैं.

सरकार की अनदेखी

बस्तर में नक्सली हमले में शहीद हुए CRPF जवान के पिता अंतिम तारीख तक धान नहीं बेच पाए. शासन-प्रशासन की उदासीनता ऐसी कि उनका धान ब्रिकी प्रमाण पत्र ही नहीं बन पाया. अंतत: वे थक हार कर घर बैठ गए हैं.

Martyr Jawan's father could not sell paddy till the last date in jashpur
शहीद जवान

केन्दूटोली के रहने वाले रोथो राम यादव के पास साढ़े तीन एकड़ खेत है. वे धान की उपज साल 2016 से मंडी में बेचते आ रहे हैं. उनका नाम तपकरा मंडी के भगोरा उपार्जन केन्द्र में दर्ज किया गया है. खरीफ सीजन 2019-20 के लिए भी इसी उपार्जन केन्द्र में उनका नाम दर्ज किया गया था, लेकिन गिरदावरी के दौरान उनका रकबा शून्य कर दिया गया. जिसके बाद उन्होंने समस्या के समाधान के लिए स्थानीय राजस्व कर्मचारियों लेकर SDM तक से संपर्क किया, लेकिन उन्हें आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला. धान खरीदी की अंतिम तारीख 20 फरवरी गुजर गई, लेकिन धान नहीं लिया गया.

Martyr Jawan's father could not sell paddy till the last date in jashpur
पंजीयन प्रमाण पत्र

शहीद बेटे के पिता कहते हैं कि बेटे की शहादत के बाद शासन प्रशासन उनकी कुछ मदद करेगा, लेकिन सरकार बेटे की शहादत को भूल गई और पिता को दर-दर भटकने के लिए छोड़ दिया. पिता ने आरोप लगाया कि 'उन्हें उम्मीद थी कि धान बिक जाएगा लेकिन वे गैर जिम्मेदार लोगों के शिकार हो गए.'

कलेक्टर ने दिया आश्ववासन

वहीं कलेक्टर निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर का कहना है कि तकनीकी खराबी की वजह से रकबा शून्य हो गया था. शासन के निर्देश के अनुसार उनका धान खरीद लिया जायेगा.

जशपुर: छत्तीसगढ़ में इस साल धान खरीदी का मामला सुर्खियों में रहा है. धान खरीदी में समस्या की वजह किसानों को आंदोलन तक का रास्ता अपनाना पड़ा और किसानों का संघर्ष अब तक जारी है. इसी बीच ग्राम पंचायत धौरासांड़ के केंदूटोली में रहने वाले एक शहीद के पिता धान मंडी और अफसरों के चक्कर काटने को मजबूर हैं.

सरकार की अनदेखी

बस्तर में नक्सली हमले में शहीद हुए CRPF जवान के पिता अंतिम तारीख तक धान नहीं बेच पाए. शासन-प्रशासन की उदासीनता ऐसी कि उनका धान ब्रिकी प्रमाण पत्र ही नहीं बन पाया. अंतत: वे थक हार कर घर बैठ गए हैं.

Martyr Jawan's father could not sell paddy till the last date in jashpur
शहीद जवान

केन्दूटोली के रहने वाले रोथो राम यादव के पास साढ़े तीन एकड़ खेत है. वे धान की उपज साल 2016 से मंडी में बेचते आ रहे हैं. उनका नाम तपकरा मंडी के भगोरा उपार्जन केन्द्र में दर्ज किया गया है. खरीफ सीजन 2019-20 के लिए भी इसी उपार्जन केन्द्र में उनका नाम दर्ज किया गया था, लेकिन गिरदावरी के दौरान उनका रकबा शून्य कर दिया गया. जिसके बाद उन्होंने समस्या के समाधान के लिए स्थानीय राजस्व कर्मचारियों लेकर SDM तक से संपर्क किया, लेकिन उन्हें आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला. धान खरीदी की अंतिम तारीख 20 फरवरी गुजर गई, लेकिन धान नहीं लिया गया.

Martyr Jawan's father could not sell paddy till the last date in jashpur
पंजीयन प्रमाण पत्र

शहीद बेटे के पिता कहते हैं कि बेटे की शहादत के बाद शासन प्रशासन उनकी कुछ मदद करेगा, लेकिन सरकार बेटे की शहादत को भूल गई और पिता को दर-दर भटकने के लिए छोड़ दिया. पिता ने आरोप लगाया कि 'उन्हें उम्मीद थी कि धान बिक जाएगा लेकिन वे गैर जिम्मेदार लोगों के शिकार हो गए.'

कलेक्टर ने दिया आश्ववासन

वहीं कलेक्टर निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर का कहना है कि तकनीकी खराबी की वजह से रकबा शून्य हो गया था. शासन के निर्देश के अनुसार उनका धान खरीद लिया जायेगा.

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