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जशपुर: लॉकडाउन और बारिश ने बढ़ाई तेंदूपत्ता संग्राहकों की चिंता

जशपुर में बेमौसम हुई बारिश ने वनोपज की कई फसलों को बर्बाद कर दिया. वहीं लॉकडाउन की वजह से तेंदूपत्ता की तोड़ाई, संग्रहण और खरीदी का काम भी देरी से शुरू हुआ. अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल तेंदूपत्ता खरीदी का लक्ष्य पूरा कर पाना मुश्किल है.

jashpur tendu leaves collection
जशपुर में तेंदूपत्ता संग्राहक परेशान
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Published : May 21, 2020, 9:30 PM IST

Updated : May 22, 2020, 1:06 AM IST

जशपुर: जिले में इस साल तेंदूपत्ता की तोड़ाई, संग्रहण और खरीदी का काम कोरोना संक्रमण की वजह से प्रभावित हुआ है. हर साल 1 मई से तेंदूपत्ता तोड़ाई के साथ खरीदी का काम शुरू हो जाया करता था, लेकिन इस बार इसकी शुरुआत 15 दिन देर से हुई. जिसका असर तेंदूपत्ता संग्राहकों पर पड़ा है. संग्राहकों का कहना है कि इस साल ज्यादा कमाई नहीं हो पाएगी. वहीं अधिकारी भी मान रहे हैं कि खरीदी का लक्ष्य पूरा कर पाना मुश्किल है.

लॉकडाउन की वजह से देरी से हुई तेंदूपत्ते की खरीदी

कोरोना संकट के मद्देनजर किए गए लॉकडाउन की वजह से तेंदूपत्ता की तोड़ाई, संग्रहण और खरीदी के काम में देरी हुई है. वन विभाग के मुताबिक इस बार तेंदूपत्ता की तोड़ाई 14 मई से शुरू की गई है. तेंदुपत्ता संग्राहकों का कहना है कि इस साल बेमौसम बारिश के दौरान हुई ओलावृष्टि की वजह से वनोपज प्रभावित हुए हैं और पत्ता तोड़ाई का काम भी प्रभावित हुआ है. उनका कहना है कि इस बार ज्यादा फायदा नहीं होगा. लॉकडाउन और बदले हुए मौसम ने बड़ा नुकसान पहुंचाया है.

jashpur tendupatta news
तेंदूपत्ता

पढ़ें- तेंदू फल पक कर तैयार लेकिन लॉकडाउन की वजह से बिगड़ा बाजार

80 प्रतिशत का लक्ष्य पूरा करने की कोशिश

जशपुर SDO सुरेश गुप्ता ने बताया कि जिले में 40 हजार तेंदूपत्ता संग्राहक हैं. उन्होंने बताया कि इस साल तेंदूपत्ता खरीदी करने का टारगेट 49 हजार मानक बोरे का है. बीते साल 28 हजार मानक बोरा तेंदूपत्ता की खरीदी जिले में की गई थी. वहीं उन्होंने बताया कि इस साल बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से तेंदूपत्ता की खरीदी में इसका प्रभाव पड़ेगा. कोशिश की जाएगी कि 80 प्रतिशत तक का लक्ष्य पूरा किया जा सके.

jashpur tendupatta news
तेंदूपत्ता जमाते हुए तेंदूपत्ता संग्राहक

जशपुर: जिले में इस साल तेंदूपत्ता की तोड़ाई, संग्रहण और खरीदी का काम कोरोना संक्रमण की वजह से प्रभावित हुआ है. हर साल 1 मई से तेंदूपत्ता तोड़ाई के साथ खरीदी का काम शुरू हो जाया करता था, लेकिन इस बार इसकी शुरुआत 15 दिन देर से हुई. जिसका असर तेंदूपत्ता संग्राहकों पर पड़ा है. संग्राहकों का कहना है कि इस साल ज्यादा कमाई नहीं हो पाएगी. वहीं अधिकारी भी मान रहे हैं कि खरीदी का लक्ष्य पूरा कर पाना मुश्किल है.

लॉकडाउन की वजह से देरी से हुई तेंदूपत्ते की खरीदी

कोरोना संकट के मद्देनजर किए गए लॉकडाउन की वजह से तेंदूपत्ता की तोड़ाई, संग्रहण और खरीदी के काम में देरी हुई है. वन विभाग के मुताबिक इस बार तेंदूपत्ता की तोड़ाई 14 मई से शुरू की गई है. तेंदुपत्ता संग्राहकों का कहना है कि इस साल बेमौसम बारिश के दौरान हुई ओलावृष्टि की वजह से वनोपज प्रभावित हुए हैं और पत्ता तोड़ाई का काम भी प्रभावित हुआ है. उनका कहना है कि इस बार ज्यादा फायदा नहीं होगा. लॉकडाउन और बदले हुए मौसम ने बड़ा नुकसान पहुंचाया है.

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तेंदूपत्ता

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80 प्रतिशत का लक्ष्य पूरा करने की कोशिश

जशपुर SDO सुरेश गुप्ता ने बताया कि जिले में 40 हजार तेंदूपत्ता संग्राहक हैं. उन्होंने बताया कि इस साल तेंदूपत्ता खरीदी करने का टारगेट 49 हजार मानक बोरे का है. बीते साल 28 हजार मानक बोरा तेंदूपत्ता की खरीदी जिले में की गई थी. वहीं उन्होंने बताया कि इस साल बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से तेंदूपत्ता की खरीदी में इसका प्रभाव पड़ेगा. कोशिश की जाएगी कि 80 प्रतिशत तक का लक्ष्य पूरा किया जा सके.

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तेंदूपत्ता जमाते हुए तेंदूपत्ता संग्राहक
Last Updated : May 22, 2020, 1:06 AM IST
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