जशपुर: जिले को धूम्रपान मुक्त जिला बनाने और तंबाकू उत्पाद का शैक्षणिक संस्थानों, शासकीय परिसरों और सार्वजनिक स्थलों में उपयोग पर प्रतिबंध लगाने जनजागरण का विशेष अभियान संचालित किया जा रहा है. जिसे लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया.
कार्यक्रम के दौरान तंबाकू नियंत्रण और जशपुर शहर को तंबाकू मुक्त बनाए जाने के संबंध में चर्चा की गई. तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. केआर खुसरो ने कहा कि 'किशोरों और युवाओं में सिगरेट, बीड़ी ,तंबाकू, गुटका, खैनी आदि के उपयोग की लत बढ़ रही है. कैंसर जैसे घातक रोग का प्रमुख कारण तंबाकू उत्पाद का सेवन है'.
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उन्होंने कहा कि 'नौनिहाल पीढ़ी इसके दुष्परिणाम से अनभिज्ञ है और बिना किसी डर के तंबाकू सेवन कर रही है'.
प्रवर्तन दल का किया गया गठन
कलेक्टर निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर ने बताया कि 'जिले में तंबाकू नियंत्रण के लिए शासन के निर्देष पर सभी पान ठेलों, गुमटियों में कोटपा एक्ट के बोर्ड औ अन्य नियमों का पालन कराने के लिए प्रवर्तन दल का गठन किया गया है'.
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200 रुपए लिया जा रहा जुर्माना
कलेक्टर ने बताया कि 'सार्वजनिक स्थानों पर धुम्रपान का सेवन प्रतिबंधित है और 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की ओर से तंबाकू का क्रय-विक्रय, शैक्षिणिक संस्थाओं के 100 मीटर के दायरे में तंबाकू और उससे जुड़े उत्पाद बेचना प्रतिबंधित है. नियमों का उल्लंघन करते पाए जाने पर 200 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा. उन्होंने बताया कि '26 जनवरी तक जशपुर शहर को तंबाकू मुक्त शहर घोषित करने का प्रयास कर रहे हैं'.
नागरिकों ने दिया धन्यवाद
शासन की इस पहल से आम नागरिक भी खुश हैं. नागरिकों का कहना है कि 'आज की युवा पीढ़ी तंबाकू के जाल में फंसती जा रही है. नागरिकों ने शासन-प्रशासन को इस नेक पहल के लिए धन्यवाद दिया है'.