जशपुर : जिले में कोरोना संक्रमण के बीच मनरेगा योजना के तहत ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है. जो उनके लिए मददगार साबित हो रहा है. लाॅकडाउन में जहां सभी काम बंद है, वहां छत्तीसगढ़ के मजदूरों के लिए मनरेगा 'संजीवनी बूटी' साबित हो रहा है. इस विषम परिस्थिति में मजदूर सोशल डिस्टेंस, मास्क और सैनिटाइजर का उपयोग कर काम में जुटे हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है. इसके साथ ही मनरेगा के तहत मजदूरों को सबसे ज्यादा काम देने वाला जिला जशपुर है. इस कारण छत्तीसगढ़ राज्य में जशपुर जिला पहले स्थान पर है.
बता दें जशपुर जिला में मनरेगा के तहत दिया जाने वाला काम और मजदूरों को रोजगार देने के मामले में यह जिला टॉप पर है. जिले ने मई में मानव दिवस सृजन के लक्ष्य को 100 फीसदी तक प्राप्त कर लिया है. मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत के.एस.मण्डावी ने बताया कि लाॅकडाउन के दौरान मनरेगा ग्रामीणों को मनरेगा के तहत काम दिया गया. जिससे ग्रामीणों की स्थिति में सुधार आया है. साथ ही सामाजिक काम के साथ साथ कृषि कार्य और जल बचाव के कामों को भी प्राथमिकता दी जा रही है. जिससे योजना का भी क्रियान्वयन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान नियमों का कड़ाई से पालन किया जाए. इसके लिए उन्होंने सचिव एवं रोजगार सहायकों को जरूरी दिशा निर्देश दिए.
पढ़ें : मनरेगा में अव्वल: सबसे ज्यादा रोजगार और काम कराने वाला राज्य बना छत्तीसगढ़
क्या कहते हैं आंकड़े
- जशपुर में मनरेगा के तहत 80 हजार श्रमिकों को प्रतिदिन मिल रहा काम
- मनरेगा के सहायक परियोजना अधिकारी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2019-20 के लक्ष्य 44 लाख 5 हजार 625 के विरूद्ध 53 लाख 46 हजार 568, 121 प्रतिशत मानव दिवस अर्जित किया था
- इस वित्तीय वर्ष में मई के लक्ष्य 1292011 के विरूद्ध 1810283 मानव दिवस अर्जित किया है
- इसी तरह जनपद पंचायत बगीचा अंतर्गत 416240 श्रमिक, जनपद पंचायत दुलदुला में 163265, जनपद पंचायत जशपुर में 172180, जनपद पंचायत कांसाबेल में 225841 मानव दिवस कार्य अर्जित किया गया है.
- जनपद पंचायत कुनकुरी में 268206, जनपद पंचायत मनोरा में 160438, जनपद पंचायत पत्थलगांव में 201556 एवं जनपद पंचायत फरसाबहार में 202787 इस प्रकार कुल 1810513 मानव दिवस अर्जित कर लिया गया है, जो लक्ष्य से 140 प्रतिशत है.
- जिले में औसतन 80 हजार से अधिक श्रमिकों को प्रतिदिन रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है.