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जशपुर: कोरोना से जशपुर के पूर्व विधायक लुईस बैक का निधन - chhattisgarh news

जशपुर के पूर्व विधायक लुईस बैक का कोरोना संक्रमण की चपेट में आने से निधन हो गया.

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कोरोना से जशपुर के पूर्व विधायक लुईस बैक का निधन
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Published : Sep 29, 2020, 9:17 PM IST

जशपुर: कोरोना संक्रमण की चपेट में आने से जशपुर के पूर्व विधायक लुईस बैक का इलाज के दौरान निधन हो गया. वे 87 वर्ष के थे. CMHO डॉ. पी सुथार ने बताया कि दिवंगत लुईस बैक को सांस लेने में तकलीफ होने की शिकायत पर इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था. कोविड के नियमनुसार उनकी जांच कराई गई, जिसमें उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. लेकिन इलाज के दौरान ही मौत हो गई.

लूईस बैक का जन्म 5 मार्च 1933 को तपकरा के एक साधारण से परिवार में हुआ था. उनकी शुरूआती शिक्षा समटोली (झारखंड) और कुनकुरी में पूरी हुई, जिसके बाद उन्होंने रांची के सेंट जेवियर्स कॉलेज से पॉलिटिकल सांइस में एम ए किया था. जिसके बाद उन्होंने 1960 - 62 में लोयोला स्कूल कुनकुरी में अपनी सेवाएं दीं. इसके बाद 1962 में उनहोंने सैलेस्तिना तिग्गा से विवाह किया. शादी के बाद वे लॉ की पढ़ाई के लिए जबलपुर चले गए, जहां पढ़ाई के साथ साथ उन्होंने पोस्ट ऑफिस में भी काम किया. साथ ही काम के दौरान वे सामाजिक कार्यों में भी हिस्सा लेते रहे. जिसके बाद साल 1972- 85 के बीच तीन विधानसभा चुनाव अपना लोहा मनवाया.

पढ़ें- अबूझमाड़ के बच्चों को सीखा रहे मलखम्ब का गुर, छत्तीसगढ़ विशेष टास्क फोर्स के जवान हैं मनोज प्रसाद


पुल निर्माण में निभाई अहम भूमिका

दिवंगत लूईस बैक अविभाजित मध्यप्रदेश विधानसभा क्षेत्र में जशपुर का प्रतिनिधित्व किया था. राजनीतिक सफर में उनकी सादगी के सभी मुरीद थे. 1977 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जशपुर आगमन के दौरान लोदाम के पास छत्तीसगढ़ और झारखंड की अंतर्राज्यीय सीमा को जोड़ने वाली शंख नदी के पुल निर्माण को स्वीकृती दिलाने में उनकी अहम भूमिका थी.

जूनियर्स को देते थे मार्गदर्शन

भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष नरेश नंदे ने बताया कि वे जबलपुर से कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद जशपुर में वकालत करने के दौरान वे हमेशा अपने जूनियर अधिवक्ताओं का मार्गदर्शन किया करते थे.

जशपुर: कोरोना संक्रमण की चपेट में आने से जशपुर के पूर्व विधायक लुईस बैक का इलाज के दौरान निधन हो गया. वे 87 वर्ष के थे. CMHO डॉ. पी सुथार ने बताया कि दिवंगत लुईस बैक को सांस लेने में तकलीफ होने की शिकायत पर इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था. कोविड के नियमनुसार उनकी जांच कराई गई, जिसमें उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. लेकिन इलाज के दौरान ही मौत हो गई.

लूईस बैक का जन्म 5 मार्च 1933 को तपकरा के एक साधारण से परिवार में हुआ था. उनकी शुरूआती शिक्षा समटोली (झारखंड) और कुनकुरी में पूरी हुई, जिसके बाद उन्होंने रांची के सेंट जेवियर्स कॉलेज से पॉलिटिकल सांइस में एम ए किया था. जिसके बाद उन्होंने 1960 - 62 में लोयोला स्कूल कुनकुरी में अपनी सेवाएं दीं. इसके बाद 1962 में उनहोंने सैलेस्तिना तिग्गा से विवाह किया. शादी के बाद वे लॉ की पढ़ाई के लिए जबलपुर चले गए, जहां पढ़ाई के साथ साथ उन्होंने पोस्ट ऑफिस में भी काम किया. साथ ही काम के दौरान वे सामाजिक कार्यों में भी हिस्सा लेते रहे. जिसके बाद साल 1972- 85 के बीच तीन विधानसभा चुनाव अपना लोहा मनवाया.

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पुल निर्माण में निभाई अहम भूमिका

दिवंगत लूईस बैक अविभाजित मध्यप्रदेश विधानसभा क्षेत्र में जशपुर का प्रतिनिधित्व किया था. राजनीतिक सफर में उनकी सादगी के सभी मुरीद थे. 1977 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जशपुर आगमन के दौरान लोदाम के पास छत्तीसगढ़ और झारखंड की अंतर्राज्यीय सीमा को जोड़ने वाली शंख नदी के पुल निर्माण को स्वीकृती दिलाने में उनकी अहम भूमिका थी.

जूनियर्स को देते थे मार्गदर्शन

भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष नरेश नंदे ने बताया कि वे जबलपुर से कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद जशपुर में वकालत करने के दौरान वे हमेशा अपने जूनियर अधिवक्ताओं का मार्गदर्शन किया करते थे.

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