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घर पर पत्थर बरसने की कहानी न पुलिस के गले उतरी, न हमारे और न आपके

साहब हमें भूत से बचा लीजिए. भूत हम पर पत्थर बरसा रहा है, वो हमारी जान का दुश्मन बन गया है. कुछ ऐसी ही गुहार परिवार ने पुलिस से लगाई है.

अचानक पत्थर बरस रहे
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Published : Aug 9, 2019, 12:01 AM IST

जशपुर: परिवार ने थाना प्रभारी से लगाई है, कि उनके घर में अचानक पत्थर बरस रहे हैं. इन लोगों का कहना है कि वो जहां भी जाते हैं भूत वहां पहुंच जाता है और उनपर पत्थरों की बारिश करने लगता है. अब जैसे ये बात आपके गले नहीं उतर रही, वैसे ही पुलिस के गले भी नहीं उतर रही है. इस परिवार का कहना है कि वो ठिकाने बदल-बदलकर थक गए लेकिन पत्थर मारने वाले ने उनका पीछा नहीं छोड़ा. वो जहां भी जाते हैं अदृश्य पत्थरबाज वहां पहुंच कर पत्थरों की बारिश करने लगता है.

घर में अचानक पत्थर बरस रहे


थम नहीं रही पत्थर की बारिश: पीड़ित
फरियादियों का कहना है कि पिछले एक साल में वो आधा दर्जन से ज्यादा बार ठिकाना बदल चुके हैं, लेकिन पत्थरों की बारिश है कि थमने का नाम नहीं ले रही है. खुद को पीड़ित बता रहे इस परिवार की बात हमारे साथ-साथ पुलिस के भी समझ नहीं आ रही है.


पुलिस से लगाई सुरक्षा की गुहार
गांव में रहने वाले लोग भी परिवार पर पत्थर बरसने की बात को सही ठहरा रहे हैं, लेकिन यह कोई नहीं बता पा रहा है कि, आखिर ये पत्थर आ कहां से रहे हैं. परिवार ने ओझा से उपाय कराए, घर पर पहरा बरसाया, लेकिन जब कोई उपाय काम न आया तो पीड़ित परिवार ने थाना पहुंचकर पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई है.

पंडा के घर भी बरसे पत्थर: पीड़ित
अचानक हो रही पत्थरबाजी से परेशान होकर गांव के कुछ लोग अपनी बहन के घर शंकरगढ़ के खरकोना चले गए. लेकिन उन्हें वहां भी राहत नहीं मिली और पत्थरबाजी बदस्तूर जारी रही. इसके बाद परिवार के लोग वहां से भागकर झांपीदरहा आ गए, लेकिन पत्थरों के बरसने का सिलसिला वहां भी जारी रहा. थक हारकर परिवार ने बगीचा के गम्हरिया में एक बैगा के घर रहने पहुंचे उन्होंने सोचा की बैगा के पास मौजूद शक्तियों के कवच से भूत यहां नहीं आ पाएगा. लेकिन ये क्या घर से चला झोंका यहां भी आ पहुंचा और पंडा के घर भी पत्थरों से हमले शुरू हो गए. इस घटना की वजह से परिवार परेशान हैं. उसपर भूखों मरने की नौबत तक आ गई है.

पुलिस ने कही ये बात
जब कहीं से कोई मदद नहीं मिली तो पीड़ित परिवार ने थक-हारकर पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई. पुलिस ने भूत की ओर से हमला करने की बात को सिरे से नकारते हुए मामले को आसमाजिक तत्व और आपसी रंजिश से जुड़ा हुआ बता रही है.

रंजिश या अंधविश्वास
21वीं सदी में जहां विज्ञान तरक्की के नए आयाम गढ़ ऐसे वक्त में भूत प्रेत की बात पर अंधविश्वास से ज्यादा कुछ और नहीं लगती. अब देखना यह है कि पत्थरबाजी की इस मिस्ट्री को पुलिस कितने दिनों में सुलझा पाती है. नोट: ETV भारत इस तरह के अंधविश्वास का समर्थन नहीं करता है.

जशपुर: परिवार ने थाना प्रभारी से लगाई है, कि उनके घर में अचानक पत्थर बरस रहे हैं. इन लोगों का कहना है कि वो जहां भी जाते हैं भूत वहां पहुंच जाता है और उनपर पत्थरों की बारिश करने लगता है. अब जैसे ये बात आपके गले नहीं उतर रही, वैसे ही पुलिस के गले भी नहीं उतर रही है. इस परिवार का कहना है कि वो ठिकाने बदल-बदलकर थक गए लेकिन पत्थर मारने वाले ने उनका पीछा नहीं छोड़ा. वो जहां भी जाते हैं अदृश्य पत्थरबाज वहां पहुंच कर पत्थरों की बारिश करने लगता है.

घर में अचानक पत्थर बरस रहे


थम नहीं रही पत्थर की बारिश: पीड़ित
फरियादियों का कहना है कि पिछले एक साल में वो आधा दर्जन से ज्यादा बार ठिकाना बदल चुके हैं, लेकिन पत्थरों की बारिश है कि थमने का नाम नहीं ले रही है. खुद को पीड़ित बता रहे इस परिवार की बात हमारे साथ-साथ पुलिस के भी समझ नहीं आ रही है.


पुलिस से लगाई सुरक्षा की गुहार
गांव में रहने वाले लोग भी परिवार पर पत्थर बरसने की बात को सही ठहरा रहे हैं, लेकिन यह कोई नहीं बता पा रहा है कि, आखिर ये पत्थर आ कहां से रहे हैं. परिवार ने ओझा से उपाय कराए, घर पर पहरा बरसाया, लेकिन जब कोई उपाय काम न आया तो पीड़ित परिवार ने थाना पहुंचकर पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई है.

पंडा के घर भी बरसे पत्थर: पीड़ित
अचानक हो रही पत्थरबाजी से परेशान होकर गांव के कुछ लोग अपनी बहन के घर शंकरगढ़ के खरकोना चले गए. लेकिन उन्हें वहां भी राहत नहीं मिली और पत्थरबाजी बदस्तूर जारी रही. इसके बाद परिवार के लोग वहां से भागकर झांपीदरहा आ गए, लेकिन पत्थरों के बरसने का सिलसिला वहां भी जारी रहा. थक हारकर परिवार ने बगीचा के गम्हरिया में एक बैगा के घर रहने पहुंचे उन्होंने सोचा की बैगा के पास मौजूद शक्तियों के कवच से भूत यहां नहीं आ पाएगा. लेकिन ये क्या घर से चला झोंका यहां भी आ पहुंचा और पंडा के घर भी पत्थरों से हमले शुरू हो गए. इस घटना की वजह से परिवार परेशान हैं. उसपर भूखों मरने की नौबत तक आ गई है.

पुलिस ने कही ये बात
जब कहीं से कोई मदद नहीं मिली तो पीड़ित परिवार ने थक-हारकर पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई. पुलिस ने भूत की ओर से हमला करने की बात को सिरे से नकारते हुए मामले को आसमाजिक तत्व और आपसी रंजिश से जुड़ा हुआ बता रही है.

रंजिश या अंधविश्वास
21वीं सदी में जहां विज्ञान तरक्की के नए आयाम गढ़ ऐसे वक्त में भूत प्रेत की बात पर अंधविश्वास से ज्यादा कुछ और नहीं लगती. अब देखना यह है कि पत्थरबाजी की इस मिस्ट्री को पुलिस कितने दिनों में सुलझा पाती है. नोट: ETV भारत इस तरह के अंधविश्वास का समर्थन नहीं करता है.

Intro:जशपुर साहब,हमें भूत से बचा लिजिए। भूत हम पर पत्थर बरसा रहा है। इससे बचने के लिए हम अपना घर छोड कर दर—दर भटक रहे हैं। लेकिन हम जहां भी जातें हैं,भूत वहीं आ कर हम पर पत्थर बरसाने लगता है कुछ ऐसे ही अजीबो गरीब फरियाद लेकर एक ग्रामीण परिवार समेत बगीचा थाना पहुंचा। ओर भूत के खिलाफ थाने में शिकायत करवाई गई है। शिकायतकर्ता ने भूत के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। जशपुर के बगीचा थाना क्षेत्र में अज्ञात व अदृश्य तत्वों की पत्थरबाजी से एक परिवार दर दर की ठोकर खाने को मजबूर है।पिछले एक साल में आधा दर्जन ठिकाना बदलने के बावजूद इस परिवार पर पत्थरों की मार बंद नहीं हुई।गांव के लोग भी जानते हैं कि इस परिवार पर पत्थर बरसते हैं पर कोई यह नहीं बता पाता है कि आखिर ये पत्थर कहाँ से बरस रहे हैं।सारे उपाय करने के बावजूद पीड़ित परिवार को राहत नहीं मिली जिसके बाद अब पीड़ित परिवार भूत की शिकायत लेकर  थाने पहुँच गए हैं और अपनी सुरक्षा के साथ भूत पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।


Body:यूँ तो आपने किस्सों कहानियों में भूतों के बारे में सुना होगा।जशपुर जिले में एक परिवार "भूत की पत्थरबाजी" से इस कदर परेशान है कि उसने पिछले एक साल में आधा दर्जन से अधिक ठिकाना बदल लिया इसके बावजूद उनके घर पर पत्थरबाजी कम नहीं हुई।मामला है जशपुर जिले के बगीचा थाना इलाके का जहां पंडरापाठ चौकी के अंतर्गत सुलेसा के भितवाही गांव में रामकृपाल यादव अपने माता पिता व दो बहनों के साथ रहता है।पिछले एक साल से वह अजीबोगरीब पत्थरबाजी से परेशान है।पत्थरबाजी के खौफ से यह परिवार दर दर भटकने को मजबूर है,रामकृपाल यादव के पूरे परिवार में पत्थरबाजी हो रही है।जिसमें उनके परिवार के लोग घायल भी हो चुके हैं।पिछले एक साल से वे अज्ञात तत्वों की पत्थरबाजी से परेशान हैं।खास बात यह कि पत्थर मारने वाला न तो दिखाई देता है न ही पकड़ में आता है।यह हमला कभी भी कहीं भी हो जाता है।


इस अज्ञात पत्थरबाजी से परेशान होकर परिवार के पांचो लोग अपना गांव छोड़कर कुछ दिन के लिए शंकरगढ़ के खरकोना अपनी दीदी के पास चले गए वहां भी यह समस्या बनी रही।इसके बाद वे सभी बगीचा के झांपीदरहा आ गए वहां भी पत्थर गिरने का सिलसिला कम नहीं हुआ।यहां से परेशान होकर वे बगीचा के गम्हरिया में एक बैगा पंडा के यहां शरण लेकर रहने लगे वहां भी पत्थर के हमले से उनका पूरा परिवार परेशान है।  उनके सामने भूखों मरने की नौबत आ गई है।दर दर की ठोकर खाकर वे जिंदगी से परेशान हो गए हैं।

 
Conclusion:पीड़ित परिवार इस समस्या के समाधान के लिए  हर संभव प्रयास कर चुका है इसके बाद भी पत्थर गिरने की समस्या जस की तस बनी हुई है। रामकृपाल ने अज्ञात व्यक्ति व भूत  के हमले से सुरक्षा की मांग करते हुए 'भूत" पर कार्रवाई की मांग की है। पुलिस भूत की बात को सिरे से नकार रही है थाना प्रभारी विकास शुक्ला का कहना है कि मामला असामाजिक तत्व या रंजिश से जुड़ा हुआ हो सकता है। इस संबंध में जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी। लेकिन थाने में आए भूत की इस शिकायत से पुलिस प्रशासन भी हैरान—परेशान है।


बाईट 1 - रामकृपाल यादव,पीड़ित
बाईट 2 - पीड़ित की मां
बाईट 3 - बैगा
बाईट 4 - विकास शुक्ला,थाना प्रभारी,बग़ीचा।

तरुण प्रकाश शर्मा
जशपुर
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