जशपुर: परिवार ने थाना प्रभारी से लगाई है, कि उनके घर में अचानक पत्थर बरस रहे हैं. इन लोगों का कहना है कि वो जहां भी जाते हैं भूत वहां पहुंच जाता है और उनपर पत्थरों की बारिश करने लगता है. अब जैसे ये बात आपके गले नहीं उतर रही, वैसे ही पुलिस के गले भी नहीं उतर रही है. इस परिवार का कहना है कि वो ठिकाने बदल-बदलकर थक गए लेकिन पत्थर मारने वाले ने उनका पीछा नहीं छोड़ा. वो जहां भी जाते हैं अदृश्य पत्थरबाज वहां पहुंच कर पत्थरों की बारिश करने लगता है.
थम नहीं रही पत्थर की बारिश: पीड़ित
फरियादियों का कहना है कि पिछले एक साल में वो आधा दर्जन से ज्यादा बार ठिकाना बदल चुके हैं, लेकिन पत्थरों की बारिश है कि थमने का नाम नहीं ले रही है. खुद को पीड़ित बता रहे इस परिवार की बात हमारे साथ-साथ पुलिस के भी समझ नहीं आ रही है.
पुलिस से लगाई सुरक्षा की गुहार
गांव में रहने वाले लोग भी परिवार पर पत्थर बरसने की बात को सही ठहरा रहे हैं, लेकिन यह कोई नहीं बता पा रहा है कि, आखिर ये पत्थर आ कहां से रहे हैं. परिवार ने ओझा से उपाय कराए, घर पर पहरा बरसाया, लेकिन जब कोई उपाय काम न आया तो पीड़ित परिवार ने थाना पहुंचकर पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई है.
पंडा के घर भी बरसे पत्थर: पीड़ित
अचानक हो रही पत्थरबाजी से परेशान होकर गांव के कुछ लोग अपनी बहन के घर शंकरगढ़ के खरकोना चले गए. लेकिन उन्हें वहां भी राहत नहीं मिली और पत्थरबाजी बदस्तूर जारी रही. इसके बाद परिवार के लोग वहां से भागकर झांपीदरहा आ गए, लेकिन पत्थरों के बरसने का सिलसिला वहां भी जारी रहा. थक हारकर परिवार ने बगीचा के गम्हरिया में एक बैगा के घर रहने पहुंचे उन्होंने सोचा की बैगा के पास मौजूद शक्तियों के कवच से भूत यहां नहीं आ पाएगा. लेकिन ये क्या घर से चला झोंका यहां भी आ पहुंचा और पंडा के घर भी पत्थरों से हमले शुरू हो गए. इस घटना की वजह से परिवार परेशान हैं. उसपर भूखों मरने की नौबत तक आ गई है.
पुलिस ने कही ये बात
जब कहीं से कोई मदद नहीं मिली तो पीड़ित परिवार ने थक-हारकर पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई. पुलिस ने भूत की ओर से हमला करने की बात को सिरे से नकारते हुए मामले को आसमाजिक तत्व और आपसी रंजिश से जुड़ा हुआ बता रही है.
रंजिश या अंधविश्वास
21वीं सदी में जहां विज्ञान तरक्की के नए आयाम गढ़ ऐसे वक्त में भूत प्रेत की बात पर अंधविश्वास से ज्यादा कुछ और नहीं लगती. अब देखना यह है कि पत्थरबाजी की इस मिस्ट्री को पुलिस कितने दिनों में सुलझा पाती है. नोट: ETV भारत इस तरह के अंधविश्वास का समर्थन नहीं करता है.