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Corona Returns: अब भी सतर्क नहीं हुए तो भारी पड़ेगी लापरवाही - सोशल डिस्टेंसिंग का पालन

कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी लोग जागरूक नजर नहीं आ रहे हैं. लोग न तो मास्क पहन रहे हैं और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं. ऐसे में कहीं ये लापरवाही लोगों को भारी न पड़ जाए.

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जशपुर में बढ़ रहे कोरोना के मामले
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Published : Mar 23, 2021, 1:31 PM IST

जशपुर: जिले में कोरोना संक्रमण की चपेट में आने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इसके बाद भी लोग सरकार की गाइडलाइन की धज्जियां उड़ते नजर आ रहे हैं. प्रदेश सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर एक ओर स्कूल बंद कर दिए, तो वहीं दूसरी ओर बाजारों में भीड़भाड़, बसों में लापरवाही और दुकानों में ठसाठस भीड़ नजर आ रही है. बाजारों की हालत को देखते हुए लगता है मानों कोरोना का टीका आ जाने से लोग बेपरवाह हो गए हैं. कोरोना को लेकर बनाई गई गाइडलाइन सिर्फ कागजों पर ही नजर आ रही है.

जशपुर में बढ़ रहे कोरोना के केस

कोरोना को लेकर हो रही लापरवाही से संक्रमण और ज्यादा तेजी से बढ़ता जा रहा है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, जशपुर में बीते 1 हफ्ते में 138 नए मरीजों की पुष्टि हुई है, वहीं 2 लोगों की मौत भी हुई है. ये आंकड़े इसलिए भी चिंताजनक हैं, क्योंकि जिले में कोरोना जांच अब न के बराबर रह गई है. दूसरी बीमारी के इलाज के लिए अस्पताल जाने वाले मरीजों की ही सिर्फ कोरोना जांच हो रही है. इनमें से जो मरीज निकलकर सामने आ रहे हैं, उनकी पुष्टि हो पा रही है.

बाजारों में हो रही भीड़

कोरोना के सेकेंड स्ट्रेन के बढ़ते मामलों के बाद राज्य सरकार ने स्कूलों-कॉलेजों और आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद कर दिया है, लेकिन दूसरी तरफ सार्वजनिक जगहों जैसे दुकानों और हाट बाजार में सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, सैनिटाइजर जैसी चीजें अब सिर्फ कहने मात्र को रह गई हैं. इससे शासकीय कार्यालय भी अछूते नहीं हैं. सड़कों पर लोग बिना मास्क लागए घूमते नजर आ रहे हैं. दुकानों में और यात्री बसों में भी जरूरत से ज्यादा भीड़ नजर आ रही है.

कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर प्रशासन का मास्क चेकिंग अभियान

जागरूकता की कमी

स्थानीय निवासी तारकेश्वर सिंह का कहना है कि लोग कोरोना संक्रमण के खतरे को पूरी तरह से भूल चुके हैं. लोग न मास्क का उपयोग कर रहे हैं और न ही शारीरिक दूरी का पालन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि लोगों में जागरूकता की कमी है. उन्होंने कहा कि बाजारों में भीड़ हो रही है, पर कोई मास्क नहीं पहनता. प्रशासन को कोरोना के नियम का पालन कराने के लिए सख्ती बरतनी चाहिए.

कोरोना के नियम को लेकर दुविधा में सरकार

वरिष्ठ पत्रकार रविन्द्र थवाईत का कहना है कि सरकार ही कोरोना को लेकर बनाए गए नियमों को लेकर दुविधा में है. एक ओर सरकार कोरोना के नियम बनाकर उसे कड़ाई से पालन करने की बात करती है, तो दूसरी ओर सरकारी आयोजनों में नियमों को ताक पर रखकर बिना मास्क, शारीरिक दूरी के पालन किए बिना भीड़ जुटाई जाती है. उन्होंने कहा कि अगर कोरोना की गाइडलाइन का कड़ाई से पालन करवाना है, तो स्पष्ट नीति बनाई जानी चाहिए, फिर उसका पालन कराया जाना चाहिए. सड़कों से लेकर पूरे शहर में भीड़ पर कोई नियंत्रण नहीं है.

काटा जा रहा चालान

नगर पालिका क्षेत्र में कोरोना को लेकर लोग बिल्कुल भी गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं. मुख्य नगरपालिका अधिकारी बसंत बुनकर का कहना है कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए शहर में लाउडस्पीकर के जरिए अनाउंसमेंट किया जा रहा है. कोरोना से बचाव की अपील की जा रही है. इसके साथ ही शहर के मुख्य चौक-चौराहों पर बिना मास्क के घूमने वाले लोगों पर चालानी कार्रवाई भी की जा रही है. उन्होंने बताया कि अब चालान का शुल्क भी 100 से बढ़ाकर 200 रुपये कर दिया गया है. इसके अलावा झारखंड के लोदाम बॉर्डर और ओडिशा के लावाककेरा बॉर्डर पर स्वास्थ्य विभाग की टीम भी लगाई गई है, जो आने-जाने वालों की जांच कर रही है.

जशपुर: जिले में कोरोना संक्रमण की चपेट में आने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इसके बाद भी लोग सरकार की गाइडलाइन की धज्जियां उड़ते नजर आ रहे हैं. प्रदेश सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर एक ओर स्कूल बंद कर दिए, तो वहीं दूसरी ओर बाजारों में भीड़भाड़, बसों में लापरवाही और दुकानों में ठसाठस भीड़ नजर आ रही है. बाजारों की हालत को देखते हुए लगता है मानों कोरोना का टीका आ जाने से लोग बेपरवाह हो गए हैं. कोरोना को लेकर बनाई गई गाइडलाइन सिर्फ कागजों पर ही नजर आ रही है.

जशपुर में बढ़ रहे कोरोना के केस

कोरोना को लेकर हो रही लापरवाही से संक्रमण और ज्यादा तेजी से बढ़ता जा रहा है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, जशपुर में बीते 1 हफ्ते में 138 नए मरीजों की पुष्टि हुई है, वहीं 2 लोगों की मौत भी हुई है. ये आंकड़े इसलिए भी चिंताजनक हैं, क्योंकि जिले में कोरोना जांच अब न के बराबर रह गई है. दूसरी बीमारी के इलाज के लिए अस्पताल जाने वाले मरीजों की ही सिर्फ कोरोना जांच हो रही है. इनमें से जो मरीज निकलकर सामने आ रहे हैं, उनकी पुष्टि हो पा रही है.

बाजारों में हो रही भीड़

कोरोना के सेकेंड स्ट्रेन के बढ़ते मामलों के बाद राज्य सरकार ने स्कूलों-कॉलेजों और आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद कर दिया है, लेकिन दूसरी तरफ सार्वजनिक जगहों जैसे दुकानों और हाट बाजार में सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, सैनिटाइजर जैसी चीजें अब सिर्फ कहने मात्र को रह गई हैं. इससे शासकीय कार्यालय भी अछूते नहीं हैं. सड़कों पर लोग बिना मास्क लागए घूमते नजर आ रहे हैं. दुकानों में और यात्री बसों में भी जरूरत से ज्यादा भीड़ नजर आ रही है.

कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर प्रशासन का मास्क चेकिंग अभियान

जागरूकता की कमी

स्थानीय निवासी तारकेश्वर सिंह का कहना है कि लोग कोरोना संक्रमण के खतरे को पूरी तरह से भूल चुके हैं. लोग न मास्क का उपयोग कर रहे हैं और न ही शारीरिक दूरी का पालन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि लोगों में जागरूकता की कमी है. उन्होंने कहा कि बाजारों में भीड़ हो रही है, पर कोई मास्क नहीं पहनता. प्रशासन को कोरोना के नियम का पालन कराने के लिए सख्ती बरतनी चाहिए.

कोरोना के नियम को लेकर दुविधा में सरकार

वरिष्ठ पत्रकार रविन्द्र थवाईत का कहना है कि सरकार ही कोरोना को लेकर बनाए गए नियमों को लेकर दुविधा में है. एक ओर सरकार कोरोना के नियम बनाकर उसे कड़ाई से पालन करने की बात करती है, तो दूसरी ओर सरकारी आयोजनों में नियमों को ताक पर रखकर बिना मास्क, शारीरिक दूरी के पालन किए बिना भीड़ जुटाई जाती है. उन्होंने कहा कि अगर कोरोना की गाइडलाइन का कड़ाई से पालन करवाना है, तो स्पष्ट नीति बनाई जानी चाहिए, फिर उसका पालन कराया जाना चाहिए. सड़कों से लेकर पूरे शहर में भीड़ पर कोई नियंत्रण नहीं है.

काटा जा रहा चालान

नगर पालिका क्षेत्र में कोरोना को लेकर लोग बिल्कुल भी गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं. मुख्य नगरपालिका अधिकारी बसंत बुनकर का कहना है कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए शहर में लाउडस्पीकर के जरिए अनाउंसमेंट किया जा रहा है. कोरोना से बचाव की अपील की जा रही है. इसके साथ ही शहर के मुख्य चौक-चौराहों पर बिना मास्क के घूमने वाले लोगों पर चालानी कार्रवाई भी की जा रही है. उन्होंने बताया कि अब चालान का शुल्क भी 100 से बढ़ाकर 200 रुपये कर दिया गया है. इसके अलावा झारखंड के लोदाम बॉर्डर और ओडिशा के लावाककेरा बॉर्डर पर स्वास्थ्य विभाग की टीम भी लगाई गई है, जो आने-जाने वालों की जांच कर रही है.

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