जशपुर: जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने और पुरातात्विक चीजों को संरक्षित रखने के उद्देश्य से बनाए जा रहे पुरातत्व संग्राहलय का शनिवार को कलेक्टर महादेव कावरे ने निरीक्षण किया. साथ ही वहां रखी गई ऐताहासिक पुरातात्विक चीजों के बारे में जानकारी ली.
पुरातत्व संग्राहलय की तैयारी में लगे पुरातत्वविद बालेश्वर कुमार बेसरा, अंशुमाला तिर्की ने बताया कि जशपुर अतित के गर्भ में छिपा एक जनजातीय बाहुल्य जिला है. यहां कई जनजातियां आदिकाल से निवास करती आई है. उनकी कला और सांस्कृतिक धरोहर जशपुर जिला को विशिष्ट पहचान देती है.
पुरातत्वविद ने कलेक्टर को दी जानकारी
पुरातत्वविद ने कलेक्टर को संग्राहलय में रखी जाने वाली पुरातात्विक चीजों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जिले के विभिन्न जगहों से मध्यपाषाण काल से लेकर नवपाषाण काल के उपकरण और उत्तरपाषाण काल के फर्टिलिटि कल्ट और शैल चित्र भी मिले हैं, जिनका समयकाल लगभग 23 हजार से 6 हजार ईसवी वर्ष पूर्व का है.
कलेक्टर ने जल्द काम पूरा करने के दिए निर्देश
कलेक्टर महादेव कावरे ने संग्राहलय में रखी विभिन्न प्राचीन उपकरणों ब्लेड, स्क्रेपर, पाइट, सेल्ट, रिंगस्टोन, चीजल, लिथोफोनस (ठीन-ठीन पत्थर) और माहुल पत्ते से निर्मित्त गुंगु जैसे पुरातात्विक चीजों का अवलोकन किया. साथ ही संग्राहालय के निर्माण कार्यों की जानकारी लेते हुए काम को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए.
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बता दें, पुरातत्व संग्राहलय के निर्माण को लेकर विवाद भी हुआ था, जिसमें भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व लोकसभा सांसद विष्णु देव साय ने क्षेत्र में हो रही मूर्तियों की चोरी की जांच की मांग की थी. उन्होंने बन रहे पुरातत्व संग्राहलय में मूर्तियों को प्रशासन की ओर से लाकर क्षेत्र के लोगों की आस्था को ठेस पहुंचाने का आरोप भी लगाया था. पुरातत्व संग्राहलय के निरीक्षण के दौरान कलेक्टर के साथ मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत अधिकारी केएस मंडावी, पुरातत्विद की टीम के साथ अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे.