जशपुर: समान काम,समान वेतन की मांग को लेकर जिले के सैकड़ों नगर सैनिकों ने कलेक्टर को मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा है. नगर सैनिकों के मुताबिक केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने वादा किया था कि उन्हें वेतन वृद्धि और एरियर्स दिया जाएगा. लेकिन उन्हें न तो अब तक वेतन वृद्धि का लाभ मिला है और ना ही एरियर्स का, ऐसे में नगर सैनिकों को परिवार चलाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
वेतन कम होने से हो रही भारी परेशानी
सैनिकों ने बताया कि 'उनसे पुलिस और अन्य रेगुलर कर्मचारियों की तरह काम लिया जा रहा है. लेकिन मेहनताने के तौर पर महज 12 हजार 9 सौ रुपए दिए जा रहे हैं'. सरकार ने आश्वासन दिया था कि उन्हे राहत के तौर पर एरियर्स दिया जायेगा, लेकिन वो भी अब तक नही मिल पाया है.
नगर सैनिकों की कौन सुनेगा फरियाद
- नगर सैनिक विजय लक्ष्मी सिंह ने बताया कि उन्हें महज़ 12 हजार 9 सौ रुपए मिलते हैं. इतने पैसे में घर चलाना मुश्किल हो गया है.
- साथ ही नगर सैनिकों को ड्यूटी के लिए अन्य जिलों में भेजा जाता है जिसका कोई अलग से भुगतान नही होता. खुद के खर्चे पर उन्हें दौरे करने पड़ते हैं.
- कई महिला नगर सैनिकों की डयूटी हॉस्टलों में लगाई गई है. जहाँ 24 घंटे ड्यूटी करनी होती है. लिहाजा वे घर नहीं जा सकती. ऐसे में उनके परिवार बिखरने लगे है तलाक तक की नौबत आ गई है.
- महिला नगर सैनिक को मातृत्व अवकाश महज 3 माह ही दिया जाता है.
नगर सैनिकों ने एमपी शासन का दिया हवाला
अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपने पहुंचे नगर सैनिकों का कहना है कि मध्यप्रदेश में नगर सैनिकों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत वेतन वृद्धि करने के बाद 22 हजार रुपए दिए जा रहे हैं. लेकिन छत्तीसगढ़ आज भी 12 हजार 9 सौ रुपए में काम करने को मजबूर हैं जिसे बढ़ाना चाहिए.