जशपुर: किसान और छत्तीसगढ़ भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष ने 20 जून को फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी. जांच के दौरान किसान के पास से सात सुसाइड नोट बरामद हुए थे, जिसमें कर्ज की वजह से जान देने की बात लिखी थी और अब इसी को मुद्दा बनाते हुए बीजेपी ने मोर्चा खोल दिया है.
मामला जशपुर जिले के चरईडांड़ का है, जहां रहने वाले भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष मोहन राम निराला ने कर्ज से परेशान होकर 20 जून को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. मृतक मोहन राम 70 वर्ष के थे. पुलिस को जांच के दौरान मौके 7 पेज का सुसाईड नोट मिला था, जिसमें मृतक किसान ने कर्ज और आर्थिक तंगी को आत्महत्या की वजह बताया था.
खुद को बताया था मौत का जिम्मेदार
हालांकि, उन्होंने खुद को अपनी मौत का जिमेदार बताया है और किसी को भी परेशान न करने की बात भी सोसाईड नोट में कहीं है. मृतक मोहन राम निराला के बेटे तोश नारायण ने बताया कि 'खेती के लिए उनके पिता ने केसीसी से 3 लाख रुपए का कर्ज लिया था, लेकिन आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से वो इसे बैंक को वापस नहीं कर पाए.
कई लोगों से ले रखा था कर्ज
वहीं मोहन राम के दूसरे बेटे सुलेश्वर राम का कहना था कि 'उनके पिता ने गांव के ही एक दो लोगों से कर्ज लिया था, इसके लिए उन्होंने अपनी जमीन को गिरवी रखा हुआ था और इस बात को लेकर पिछले कुछ दिनों से वो तनाव में थे'. इसके साथ ही मृतक की बेटी निर्मला निराला ने अपने पिता पर कर्ज होने की पुष्टि की है.
'आत्महत्या के पीछे कर्ज प्रमुख कारण'
घटना के बाद जिले में राजनीति गरमा गई है. कुनकुरी के भाजपा के पूर्व विधायक भरत साय ने बताया कि 'मोहन राम निराला की आत्महत्या के पीछे कर्ज ही मुख्य कारण है. कर्ज के बोझ की वजह से वे मानसिक रूप से परेशान थे और इसी वजह से उन्होंने आत्महत्या कर ली'. वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता ओपी साय ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि 'विधानसभा चुनाव में किसानों का कर्ज माफी को मुद्दा बनाकर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी, लेकिन सात महीने का समय गुजर जाने के बाद भी कर्ज माफी का क्या हाल है इसे मोहन राम निराला की आत्महत्या ने सामने ला दिया है'.
'कर्ज के बोझ तले दबे हैं किसान'
उन्होंने कहा कि 'प्रदेश के किसान अभी भी कर्ज को लेकर असमंजस में हैं. सरकार कह रही है कि किसानों का कर्ज माफ होना चाहिए लेकिन किसानों के पास इस माफी का कोई प्रमाण नहीं है. वहीं गैर सरकारी बैंकों के ऋणी किसान अब भी कर्ज के बोझ तले दबे हुए हैं'.
'बीजेपी के रही राजनीतिक रंग'
वहीं इस मामले में कांग्रेस ने भी पलटवार किया है. कुनकुरी से कांग्रेस विधायक यूडी मिंज ने मोहन राम निराला के आत्महत्या की घटना को दुखद बताते हुए दिवंगत मोहन राम से उनके पारिवारिक संबंध बताए हैं. उन्होंने कहा कि 'मोहन राम से अक्सर मिलना जुलना होता रहता था वे शिक्षित और जागरूक व्यक्ति थे. ऐसे में सिर्फ कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या का दावा करना गलत है'. उन्होंने कहा कि 'जांच दल गठित कर भाजपा के नेता मामले को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं'.
चल रही है कर्जमाफी की प्रक्रिया
बता दें कि किसानों को कर्ज माफी के लिए प्रदेश सरकार ने विधानसभा में संकल्प पारित किया है. इसके बाद से कर्ज माफी की प्रक्रिया लगातार चल रही है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अधिकारियों को कर्जमाफी कर किसानों का प्रमाण पत्र जारी करने और जरूरत के मुताबिक उन्हें दोबारा कर्ज देने के सख्त निर्देश दिए हैं.