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जशपुर: किसान की आत्महत्या पर बीजेपी ने गठित किया जांच दल

किसान के फांसी लगाकर आत्महत्या करने का मामले में राजनीति की एंट्री हो गई है. बीजेपी ने मामले की जांच शुरू कर दी है.

मृतक किसान के परिजन
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Published : Jun 22, 2019, 10:55 AM IST

Updated : Jun 22, 2019, 11:08 AM IST

जशपुर: किसान और छत्तीसगढ़ भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष ने 20 जून को फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी. जांच के दौरान किसान के पास से सात सुसाइड नोट बरामद हुए थे, जिसमें कर्ज की वजह से जान देने की बात लिखी थी और अब इसी को मुद्दा बनाते हुए बीजेपी ने मोर्चा खोल दिया है.

बीजेपी ने गठित किया जांच दल


मामला जशपुर जिले के चरईडांड़ का है, जहां रहने वाले भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष मोहन राम निराला ने कर्ज से परेशान होकर 20 जून को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. मृतक मोहन राम 70 वर्ष के थे. पुलिस को जांच के दौरान मौके 7 पेज का सुसाईड नोट मिला था, जिसमें मृतक किसान ने कर्ज और आर्थिक तंगी को आत्महत्या की वजह बताया था.

खुद को बताया था मौत का जिम्मेदार
हालांकि, उन्होंने खुद को अपनी मौत का जिमेदार बताया है और किसी को भी परेशान न करने की बात भी सोसाईड नोट में कहीं है. मृतक मोहन राम निराला के बेटे तोश नारायण ने बताया कि 'खेती के लिए उनके पिता ने केसीसी से 3 लाख रुपए का कर्ज लिया था, लेकिन आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से वो इसे बैंक को वापस नहीं कर पाए.

कई लोगों से ले रखा था कर्ज
वहीं मोहन राम के दूसरे बेटे सुलेश्वर राम का कहना था कि 'उनके पिता ने गांव के ही एक दो लोगों से कर्ज लिया था, इसके लिए उन्होंने अपनी जमीन को गिरवी रखा हुआ था और इस बात को लेकर पिछले कुछ दिनों से वो तनाव में थे'. इसके साथ ही मृतक की बेटी निर्मला निराला ने अपने पिता पर कर्ज होने की पुष्टि की है.

'आत्महत्या के पीछे कर्ज प्रमुख कारण'
घटना के बाद जिले में राजनीति गरमा गई है. कुनकुरी के भाजपा के पूर्व विधायक भरत साय ने बताया कि 'मोहन राम निराला की आत्महत्या के पीछे कर्ज ही मुख्य कारण है. कर्ज के बोझ की वजह से वे मानसिक रूप से परेशान थे और इसी वजह से उन्होंने आत्महत्या कर ली'. वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता ओपी साय ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि 'विधानसभा चुनाव में किसानों का कर्ज माफी को मुद्दा बनाकर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी, लेकिन सात महीने का समय गुजर जाने के बाद भी कर्ज माफी का क्या हाल है इसे मोहन राम निराला की आत्महत्या ने सामने ला दिया है'.

'कर्ज के बोझ तले दबे हैं किसान'
उन्होंने कहा कि 'प्रदेश के किसान अभी भी कर्ज को लेकर असमंजस में हैं. सरकार कह रही है कि किसानों का कर्ज माफ होना चाहिए लेकिन किसानों के पास इस माफी का कोई प्रमाण नहीं है. वहीं गैर सरकारी बैंकों के ऋणी किसान अब भी कर्ज के बोझ तले दबे हुए हैं'.

'बीजेपी के रही राजनीतिक रंग'
वहीं इस मामले में कांग्रेस ने भी पलटवार किया है. कुनकुरी से कांग्रेस विधायक यूडी मिंज ने मोहन राम निराला के आत्महत्या की घटना को दुखद बताते हुए दिवंगत मोहन राम से उनके पारिवारिक संबंध बताए हैं. उन्होंने कहा कि 'मोहन राम से अक्सर मिलना जुलना होता रहता था वे शिक्षित और जागरूक व्यक्ति थे. ऐसे में सिर्फ कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या का दावा करना गलत है'. उन्होंने कहा कि 'जांच दल गठित कर भाजपा के नेता मामले को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं'.

चल रही है कर्जमाफी की प्रक्रिया
बता दें कि किसानों को कर्ज माफी के लिए प्रदेश सरकार ने विधानसभा में संकल्प पारित किया है. इसके बाद से कर्ज माफी की प्रक्रिया लगातार चल रही है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अधिकारियों को कर्जमाफी कर किसानों का प्रमाण पत्र जारी करने और जरूरत के मुताबिक उन्हें दोबारा कर्ज देने के सख्त निर्देश दिए हैं.

जशपुर: किसान और छत्तीसगढ़ भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष ने 20 जून को फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी. जांच के दौरान किसान के पास से सात सुसाइड नोट बरामद हुए थे, जिसमें कर्ज की वजह से जान देने की बात लिखी थी और अब इसी को मुद्दा बनाते हुए बीजेपी ने मोर्चा खोल दिया है.

बीजेपी ने गठित किया जांच दल


मामला जशपुर जिले के चरईडांड़ का है, जहां रहने वाले भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष मोहन राम निराला ने कर्ज से परेशान होकर 20 जून को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. मृतक मोहन राम 70 वर्ष के थे. पुलिस को जांच के दौरान मौके 7 पेज का सुसाईड नोट मिला था, जिसमें मृतक किसान ने कर्ज और आर्थिक तंगी को आत्महत्या की वजह बताया था.

खुद को बताया था मौत का जिम्मेदार
हालांकि, उन्होंने खुद को अपनी मौत का जिमेदार बताया है और किसी को भी परेशान न करने की बात भी सोसाईड नोट में कहीं है. मृतक मोहन राम निराला के बेटे तोश नारायण ने बताया कि 'खेती के लिए उनके पिता ने केसीसी से 3 लाख रुपए का कर्ज लिया था, लेकिन आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से वो इसे बैंक को वापस नहीं कर पाए.

कई लोगों से ले रखा था कर्ज
वहीं मोहन राम के दूसरे बेटे सुलेश्वर राम का कहना था कि 'उनके पिता ने गांव के ही एक दो लोगों से कर्ज लिया था, इसके लिए उन्होंने अपनी जमीन को गिरवी रखा हुआ था और इस बात को लेकर पिछले कुछ दिनों से वो तनाव में थे'. इसके साथ ही मृतक की बेटी निर्मला निराला ने अपने पिता पर कर्ज होने की पुष्टि की है.

'आत्महत्या के पीछे कर्ज प्रमुख कारण'
घटना के बाद जिले में राजनीति गरमा गई है. कुनकुरी के भाजपा के पूर्व विधायक भरत साय ने बताया कि 'मोहन राम निराला की आत्महत्या के पीछे कर्ज ही मुख्य कारण है. कर्ज के बोझ की वजह से वे मानसिक रूप से परेशान थे और इसी वजह से उन्होंने आत्महत्या कर ली'. वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता ओपी साय ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि 'विधानसभा चुनाव में किसानों का कर्ज माफी को मुद्दा बनाकर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी, लेकिन सात महीने का समय गुजर जाने के बाद भी कर्ज माफी का क्या हाल है इसे मोहन राम निराला की आत्महत्या ने सामने ला दिया है'.

'कर्ज के बोझ तले दबे हैं किसान'
उन्होंने कहा कि 'प्रदेश के किसान अभी भी कर्ज को लेकर असमंजस में हैं. सरकार कह रही है कि किसानों का कर्ज माफ होना चाहिए लेकिन किसानों के पास इस माफी का कोई प्रमाण नहीं है. वहीं गैर सरकारी बैंकों के ऋणी किसान अब भी कर्ज के बोझ तले दबे हुए हैं'.

'बीजेपी के रही राजनीतिक रंग'
वहीं इस मामले में कांग्रेस ने भी पलटवार किया है. कुनकुरी से कांग्रेस विधायक यूडी मिंज ने मोहन राम निराला के आत्महत्या की घटना को दुखद बताते हुए दिवंगत मोहन राम से उनके पारिवारिक संबंध बताए हैं. उन्होंने कहा कि 'मोहन राम से अक्सर मिलना जुलना होता रहता था वे शिक्षित और जागरूक व्यक्ति थे. ऐसे में सिर्फ कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या का दावा करना गलत है'. उन्होंने कहा कि 'जांच दल गठित कर भाजपा के नेता मामले को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं'.

चल रही है कर्जमाफी की प्रक्रिया
बता दें कि किसानों को कर्ज माफी के लिए प्रदेश सरकार ने विधानसभा में संकल्प पारित किया है. इसके बाद से कर्ज माफी की प्रक्रिया लगातार चल रही है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अधिकारियों को कर्जमाफी कर किसानों का प्रमाण पत्र जारी करने और जरूरत के मुताबिक उन्हें दोबारा कर्ज देने के सख्त निर्देश दिए हैं.

Intro:जशपुर किसान ने फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली है, आत्महत्या करने वाला किसान छत्तीसगढ़ भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष है, इस दौरान उनके पास से 7 सुसाईड नोट भी बरामद हुवे, जिसमे कहा गया है कि उन्होंने कर्ज ओर आर्थिक तंगी का उल्लेख किया गया है, वही इस मामले को भाजपा ने राजनीतिक रंग देते हुवे मामले की जाँच करनी सुरु कर दी है,


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दरअसल मामला जशपुर जिले के ग्राम चरईडाँड़ का है जहाँ भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष मोहान राम निराला ने कर्ज से परेशानी होकर 20 जून को फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली, मृतक मोहन राम 70 वर्ष के थे। पुलिस को मृतक मोहनराम के पास से 7 पेज का सुसाईड नोट मिला है जिसमे मृतक किसान ने कर्ज व आर्थिक तंगी का उल्लेख किया है। हालांकि उन्होंने अपनी मौत का जिमेदार स्वयं को बताया है, और किसी को भी परेशान न करने की बात भी सोसाईड नोट में कही है,

मृतक मोहन राम निराला के पुत्र तोश नारायण ने बताया कि खेती के कार्य के लिए उनके पिता ने केसीसी से 3 लाख रुपए का लोन लिया था। लेकिन आर्थिक स्थिति ठीक नही होने की वजह से इस ऋण को वापस नही कर पा रहे थे। इसी प्रकार मृतक के दूसरे बेटे सूर्य स्वर राम का कहना था कि उनके पिता ने गांव के ही एक दो लोगों से ऋण लिया था इसके लिए उन्होंने अपनी जमीन को गिरवी रखा हुआ था इसको लेकर वे कुछ दिनों से तनाव की स्थिति में रह रहे थे वहीं मृतक की बेटी निर्मला निराला ने अपने पिता पर कर्ज होने की पुष्टि की।

इस घटना के बाद जिले की राजनीति गरमा गई है कुनकुरी के भाजपा के पूर्व विधायक भरत शाह ने बताया कि मोहन राम निराला के आत्महत्या के पीछे कर जी मुख्य कारण है कर्ज के बोझ की वजह से वे मानसिक रूप से परेशान रह रहे थे इसी परेशानी की वजह से उन्होंने आत्महत्या कर ली वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता ऑफिस आए ने कांग्रेसी पर हमला करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव में किसानों का कर्ज माफी को मुद्दा बनाकर कांग्रेश ने जीत हासिल की थी लेकिन 7 माह का समय गुजर जाने के बाद भी कर्ज माफी का क्या हाल है इसे मोहन राम निराला की आत्महत्या ने उजागर कर दिया है उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसान आप भी अपने कर्ज को लेकर असमंजस में फंसे हुए हैं सरकार कह रही है कि किसानों का कर्ज माफ होना चाहिए लेकिन किसानों के पास इस माफी का कोई प्रमाण नहीं है वहीं गैर सरकारी बैंकों के ऋणी किसान अब भी कर्ज के बोझ तले दबे हुए हैं।



Conclusion:
वहीं इस मामले में कांग्रेस ने भी पलटवार किया है कुनकुरी के कांग्रेसी विधायक न्यूड इमेज ने मोहन राम निराला के आत्महत्या की घटना को दुखद बताया है और दिवंगत मोहन राम से उनके पारिवारिक संबंध बताए उन्होंने कहा कि मोहन राम से अक्सर मिलना जुलना होता रहता था इस शिक्षित और जागरूक व्यक्ति थे ऐसे में सिर्फ कल से परेशान होकर आत्महत्या का दावा करना गलत है उन्होंने कहा कि जांच दल गठित कर भाजपा के नेता मामला को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं किसानों को कर्ज माफी कॉल के लिए प्रदेश सरकार ने विधानसभा में संकल्प पारित किया है इसके बाद से कर्ज माफी की प्रक्रिया लगातार चल रही है मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अधिकारियों को कर्ज माफी पर किसानों का प्रमाण पत्र जारी करने और जरूरत के मुताबिक उन्हें पुनः कर्ज देने का सख्त निर्देश दिया है ग्रामीण अंचल होने की वजह से जिले में कुछ किसानों को प्रमाणपत्र मिलने में विलंब अवश्य हुआ है लेकिन कर्ज माफी के अपने वायदे को कांग्रेश तेजी से पूरा कर रही है

बाइट निर्मला निराला पुत्री
बाइट तोशनारायण पुत्र
बाइट सुलेश्वर राम पुत्र
बाइट भरत साय पूर्व विधायक कुनकुरी बीजेपी
बाइट ओपी साय वरिष्ठ नेता बीजेपी
बाइट यूडी मिंज विधायक कुनकुरी कांग्रेस

तरुण प्रकाश शर्मा
जशपुर
Last Updated : Jun 22, 2019, 11:08 AM IST
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