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प्रधानमंत्री आवास योजना में कमीशनखोरी, हितग्राही को पत्नी का मंगलसूत्र बेचकर देनी पड़ी घूस !

प्रधानमंत्री आवास योजना में मकान स्वीकृत कराने के एवज में 25 हजार रुपये की रिश्वत मांगने का मामला सामने आया है. जिसके बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं ने सबंधित अधिकारी कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

Prime Minister Housing Scheme
प्रधानमंत्री आवास योजना
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Published : Aug 15, 2021, 4:47 PM IST

जसपुर: केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना में भष्टाचार का मामला सामने आया है. हितग्राहियों से मकान स्वीकृति के बाद उनके खाते में रुपये डालने के नाम पर 25 हजार रुपये लेने का मामला सामने आया है. जब इस बात की जानकारी बीजेपी कार्यकर्ताओं को लगी तो उन्होंने नगर पंचायत के सामने धरना दिया. प्रदर्शनकारियों ने रुपये वापसी की मांग और संबंधित आरोपी पर कार्रवाई की मांग की. भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि, जब तक रुपयों की वापसी और आरोपियों पर कार्रवाई नहीं होती है, वह धरने से नहीं उठेंगे.

हितग्राही का आरोप, मंगलसूत्र बेचकर दिए घूस के पैसे

जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत वार्ड क्रमांक 11 के हितग्राही दिनेश साहू का मकान स्वीकृत हुआ था. दिनेश साहू का आरोप है कि बाबू पद पर कार्यरत कर्मचारी विवेक ताम्रकार ने उनसे इस योजना की राशि को रिलीज करने के लिए घूस की मांग की. जिसके बाद विवेक ताम्रकार ने अपनी पत्नी का मंगल सूत्र बेचकर उसे पैसे दिए. तब कहीं जाकर हितग्राही के खातों में चेक के माध्यम से पैसा पहुंचा.

प्रधानमंत्री आवास योजना में कमीशनखोरी

आवास योजना की तीसरी किस्त जारी, ग्रामीणों को अब तक नहीं मिली दूसरी किस्त की राशि

पीड़ितों ने बताया कि रुपये नहीं होने की लाख मिन्नतें करने के बाद भी बाबू विवेक ताम्रकार का दिल नहीं पसीजा और आखिरकार गरीब पीड़ित परिवार को अपनी पत्नी के मंगलसूत्र को गिरवी रखना पड़ा और पैसे देने पड़े. पीड़ित ने आरोप लगाया है कि, इस अवैध उगाही में नगर पंचायत के अन्य कर्मचारी भी शामिल हैं. जिसमें विकास गुप्ता भी शामिल हैं. जिनको दो किस्तों में 15 हजार रुपये दिए हैं. पीड़ित हितग्राही का कहना है कि उन्होंने खुद बाबू विवेक ताम्रकार के हाथों में 10 हजार रुपये दिए थे.

भाजपा नेताओं ने लगाए आरोप

इधर मामले को लेकर भाजपा नेता और सांसद प्रतिनिधि विजय शर्मा ने बताया कि हितग्राहीमूलक योजनाओं में कमीशनखोरी का यह गोरख धंधा चलाया जा रहा है.भाजपा नेता उमाशंकर भगत ने बताया कि अवैध उगाही करने वाले इन कर्मचारियों को तत्काल पद से हटाकर इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए.

उन्होंने आरोप लगाया कि हितग्राहियों को तरह-तरह की बहानेबाजी कर गुमराह किया जाता है. बार- बार ऑफिस के चक्कर काटने के बाद उन से रुपयों की मांग की जाती है.

जसपुर: केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना में भष्टाचार का मामला सामने आया है. हितग्राहियों से मकान स्वीकृति के बाद उनके खाते में रुपये डालने के नाम पर 25 हजार रुपये लेने का मामला सामने आया है. जब इस बात की जानकारी बीजेपी कार्यकर्ताओं को लगी तो उन्होंने नगर पंचायत के सामने धरना दिया. प्रदर्शनकारियों ने रुपये वापसी की मांग और संबंधित आरोपी पर कार्रवाई की मांग की. भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि, जब तक रुपयों की वापसी और आरोपियों पर कार्रवाई नहीं होती है, वह धरने से नहीं उठेंगे.

हितग्राही का आरोप, मंगलसूत्र बेचकर दिए घूस के पैसे

जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत वार्ड क्रमांक 11 के हितग्राही दिनेश साहू का मकान स्वीकृत हुआ था. दिनेश साहू का आरोप है कि बाबू पद पर कार्यरत कर्मचारी विवेक ताम्रकार ने उनसे इस योजना की राशि को रिलीज करने के लिए घूस की मांग की. जिसके बाद विवेक ताम्रकार ने अपनी पत्नी का मंगल सूत्र बेचकर उसे पैसे दिए. तब कहीं जाकर हितग्राही के खातों में चेक के माध्यम से पैसा पहुंचा.

प्रधानमंत्री आवास योजना में कमीशनखोरी

आवास योजना की तीसरी किस्त जारी, ग्रामीणों को अब तक नहीं मिली दूसरी किस्त की राशि

पीड़ितों ने बताया कि रुपये नहीं होने की लाख मिन्नतें करने के बाद भी बाबू विवेक ताम्रकार का दिल नहीं पसीजा और आखिरकार गरीब पीड़ित परिवार को अपनी पत्नी के मंगलसूत्र को गिरवी रखना पड़ा और पैसे देने पड़े. पीड़ित ने आरोप लगाया है कि, इस अवैध उगाही में नगर पंचायत के अन्य कर्मचारी भी शामिल हैं. जिसमें विकास गुप्ता भी शामिल हैं. जिनको दो किस्तों में 15 हजार रुपये दिए हैं. पीड़ित हितग्राही का कहना है कि उन्होंने खुद बाबू विवेक ताम्रकार के हाथों में 10 हजार रुपये दिए थे.

भाजपा नेताओं ने लगाए आरोप

इधर मामले को लेकर भाजपा नेता और सांसद प्रतिनिधि विजय शर्मा ने बताया कि हितग्राहीमूलक योजनाओं में कमीशनखोरी का यह गोरख धंधा चलाया जा रहा है.भाजपा नेता उमाशंकर भगत ने बताया कि अवैध उगाही करने वाले इन कर्मचारियों को तत्काल पद से हटाकर इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए.

उन्होंने आरोप लगाया कि हितग्राहियों को तरह-तरह की बहानेबाजी कर गुमराह किया जाता है. बार- बार ऑफिस के चक्कर काटने के बाद उन से रुपयों की मांग की जाती है.

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