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स्पोर्ट्स ग्राउंड के नाम पर फूंक दिए 50 लाख रुपए, खिलाड़ी अब भी खेल से कोसों दूर

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Published : May 26, 2019, 8:32 PM IST

नगर पंचायत ने खेल मैदान के नाम पर 50 लाख से भी ज्यादा की राशि खर्च की. मैदान का नवीनीकरण होने के बावजूद ग्राउंड में कई तरह की परेशानियां खिलाड़ियों को उठानी पड़ती है.

बगीचा नगर पंचायत ने खेल मैदान

जशपुर : जिले के बगीचा नगर पंचायत ने खेल मैदान के नाम पर 50 लाख से भी ज्यादा की राशि खर्च की, लेकिन खेल मैदान आज भी खेलने लायक नहीं है. मैदान का नवीनीकरण होने के बावजूद ग्राउंड में कई तरह की परेशानियां खिलाड़ियों को उठानी पड़ती है. इसकी वजह से खिलाड़ियों ने यहां खेलना बंद कर दिया है.

बगीचा नगर पंचायत ने खेल मैदान

दरअसल, स्पोर्ट्स ग्राउंड को 50 लाख की लागत से पुनर्निर्माण किया गया. मैदान में दर्शकों के बैठने के लिए व्यवस्था की गई है. साथ ही मैदान का बाउंड्रीवाल भी बनाया गया, लेकिन अब ये मैदान सिर्फ शोपीस बनकर रह गया है.

मैदान समतल नहीं
बता दें कि इतने पैसे खर्च करने के बाद भी मैदान समतल नहीं है. इससे खिलाड़ियों के घायल होने का खतरा बना रहता है. इसके अलावा मैदान के बगल में स्थित हॉस्टल का गंदा पानी मैदान के बीच से खुली नालियों के रास्ते से होकर बह रहा है. वहीं एक सार्वजनिक चलित शौचालय को भी मैदान में रख दिया गया है. इन सबकी गंदगी और बद्बू से खिलाड़ी खासे परेशान हैं.

खेल मैदान को बना दिया राजनीतिक मैदान
इन तमाम समस्याओं के अलावा खेल के मैदान को राजनीतिक मैदान बना दिया गया है. इससे खिलाड़ियों को खेलने में बाधा उत्पन्न हो रही है. साथ ही खिलाडियों ने मैदान का समतलीकरण कर मैदान की अव्यवस्थाएं सुधारने की मांग की है.

जशपुर : जिले के बगीचा नगर पंचायत ने खेल मैदान के नाम पर 50 लाख से भी ज्यादा की राशि खर्च की, लेकिन खेल मैदान आज भी खेलने लायक नहीं है. मैदान का नवीनीकरण होने के बावजूद ग्राउंड में कई तरह की परेशानियां खिलाड़ियों को उठानी पड़ती है. इसकी वजह से खिलाड़ियों ने यहां खेलना बंद कर दिया है.

बगीचा नगर पंचायत ने खेल मैदान

दरअसल, स्पोर्ट्स ग्राउंड को 50 लाख की लागत से पुनर्निर्माण किया गया. मैदान में दर्शकों के बैठने के लिए व्यवस्था की गई है. साथ ही मैदान का बाउंड्रीवाल भी बनाया गया, लेकिन अब ये मैदान सिर्फ शोपीस बनकर रह गया है.

मैदान समतल नहीं
बता दें कि इतने पैसे खर्च करने के बाद भी मैदान समतल नहीं है. इससे खिलाड़ियों के घायल होने का खतरा बना रहता है. इसके अलावा मैदान के बगल में स्थित हॉस्टल का गंदा पानी मैदान के बीच से खुली नालियों के रास्ते से होकर बह रहा है. वहीं एक सार्वजनिक चलित शौचालय को भी मैदान में रख दिया गया है. इन सबकी गंदगी और बद्बू से खिलाड़ी खासे परेशान हैं.

खेल मैदान को बना दिया राजनीतिक मैदान
इन तमाम समस्याओं के अलावा खेल के मैदान को राजनीतिक मैदान बना दिया गया है. इससे खिलाड़ियों को खेलने में बाधा उत्पन्न हो रही है. साथ ही खिलाडियों ने मैदान का समतलीकरण कर मैदान की अव्यवस्थाएं सुधारने की मांग की है.

Intro:जशपुर जिले के बगीचा नगर पंचायत के द्वारा 50 लाख से भी ज्यादा खर्च करने के बावजूद जनपद का इकलौता खेल मैदान खेलने लायक नही।मैदान का नवीनीकरण होने के बाद ग्राउंड में कई तरह की परेशानियां खिलाड़ियों को उठानी पड़ती है जिसकी वजह से खिलाड़ियों ने अब यहाँ खेलना बन्द कर दिया है। ओर यह ग्राउंड सो पीस बन कर रह गया है,


दरअसल नगर पंचायत बगीचा का इस मैदान में 5लाख की लागत से इसका पुनर्निर्माण किया गया इस मैदान में दर्शकों के बैठने के लिए व्यवस्था की गई ,मैदान का बाउन्ड्रीवाल बनाया गया लेकिन अब ये मैंदान सिर्फ शोपीस बनकर रह गया है क्योंकि मैदान समतल नही है और यह जगह जगह उबड़-खाबड़  हैं, जिससे खिलाड़ियों के घायल होने का खतरा बना रहता है।इसके अलावा मैदान बाजू में स्थित हॉस्टल का गन्दा पानी मैदान के बीच से खुली नालियों के द्वारा बहाया जा रहा,और एक सार्वजनिक चलित शौचालय को भी मैदान में लाकर रख दिया गया है इन सबकी गंदगी और बदबू से खिलाड़ी खासे परेशान हैं ओर यहाँ खड़ा रहना मुश्किल हो रहा है।

मैदान का बाउन्ड्रीवाल बनाने के बाद अब खेल मैदान का साइज तो बढ़ गया पर विगत विधानसभा और लोकसभा चुनावो में मैदान के बीच मे राजनैतिक मंच बन गया है जो खेल में व्यवधान उतपन्न कर रहा है।जिसे खिलाड़ियों ने जल्द से जल्द हटाने की मांग की है साथ ही ख़िलाडियों ने मैदान का समतलीकरण कर मैदान की अव्यवस्थाएँ सुधारने की माँग की है।


बाईट - 1 आशु सिंह (खिलाड़ी) चश्मा लगाए हुवे
बाईट - 2 शुभम सिडाम (खिलाड़ी टोपी लगाए हुवे

तरुण प्रकाश शर्मा
जशपुर Body:GROUNDConclusion:
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