जशपुर: पिछड़ी जनजाति, पहाड़ी कोरवा और बिरहोर जनजाति के युवाओं को जिला प्रशासन की ओर से अतिथि शिक्षक के पद पर नियुक्ति दी जा रही है. जिले में अब तक कुल 100 युवाओं को नौकरी दी जा चुकी है. प्रशासन की ओर से की गई इस पहल से कोरवा और बिरहोर जनजाति के युवा अब आत्मनिर्भर होने लगे हैं. जिले के नगर पंचायत बगीचा के झापीदरहा की रहने वाली, विशेष पिछड़ी जनजाति युवती पहाड़ी कोरवा अंजनी बाई को अतिथि शिक्षक के रूप में, आदिम जाति कल्याण विभाग के अंतर्गत, प्राथमिक शाला झगरपुर में नियुक्त किया गया है.
10 हजार रुपया दिया जाता है वेतन
जिला प्रशासन की ओर से दूरस्थ अंचलों में रहने वाले विशेष पिछड़ी जनजाति, पहाड़ी कोरवा और बिरहोर परिवारों के युवाओ को खनिज न्यास निधि मद के अंतर्गत, जिले के प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों में अतिथि शिक्षक के रूप में रखा जा रहा है. इसके लिए उन्हें 10 हजार रुपए वेतन के रूप में दिया जा रहा है.
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माता-पिता की इच्छा थी कि बेटी आगे बढ़े
विशेष पिछड़ी जनजाति कुमारी अंजनी बाई ने कहा कि उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने पर प्रसन्न्ता हो रही है. वे अत्यंत गरीब परिवार से हैं और उनके परिवार में कोई भी नौकरी करने वाला नहीं है. माता पिता की इच्छा थी कि उनकी बेटी पढ़ लिखकर आगे बढ़े और अपने पैरों पर खड़ी हो सके. माता पिता इस बात से खुश हैं कि उनकी बेटी आज पढ़ लिखकर नौकरी कर ही है.
जिला प्रशासन ने 100 युवाओं को दी नौकरी
जिले प्रशासन ने पहाड़ी कोरवा और बिरहोर विकास प्राधिकरण शाखा के तहत युवाओं कों उनकी योग्यता के आधार पर, रोजगार देने के लिए सार्थक प्रयास किया है. जिला प्रशासन की ओर से जशपुर जिले में अतिथि शिक्षक और अतिथि सहायक शिक्षक के रूप में विभिन्न शासकीय प्राथमिक, मीडिल स्कूलों में करीब 100 युवाओं को रखा गया है.