ETV Bharat / state

अंधकार में KSK पावर प्लांट और मजदूरों का भविष्य

सीमेंट प्लांट बंद होने के बाद अब KSK पावर प्लांट के अस्तित्व पर गहरा संकट मंडरा रहा है. प्लांट को बचाने के लिए शासन-प्रशासन क्या कर रहा है, इस बारे में यहां रहने वाले लोगों को कोई जानकारी नहीं मिल रही है.

केएसके पावर प्लांट की चिंता को लेकर मजदूर कर रहे आंदोलन
author img

By

Published : Oct 20, 2019, 10:56 PM IST

Updated : Oct 21, 2019, 9:42 AM IST

जांजगीर-चांपा : अकलतरा इलाके से एक और बड़े उद्योग के छिनने का खतरा मंडरा रहा है. सरकारी सीमेंट प्लांट बंद होने के बाद अब KSK पावर प्लांट के अस्तित्व पर गहरा संकट मंडरा रहा है. मजदूर जहां एक ओर आंदोलन कर रहे हैं, वहीं प्लांट की हालत खस्ता है. वहां प्लांट को बचाने के लिए शासन-प्रशासन क्या कर रहा है, इस बारे में यहां रहने वाले लोगों को कोई जानकारी नहीं मिल रही है.

केएसके पावर प्लांट की चिंता को लेकर मजदूर कर रहे आंदोलन

3600 मेगावॉट बिजली उत्पादन की परियोजना वाला KSK महानदी पावर प्लांट पिछले पांच साल से मजदूरों से टकराव की समस्या झेल रहा है, यही कारण है कि आज प्लांट की हालत खस्ता हो गई है. फिलहाल KSK महानदी पावर प्लांट कंपनी का कर्ज नान परफॉर्मिंग एसेट (NPA) की श्रेणी में आने के बाद, यह रिजर्व बैंक के अंडरटेकिंग में है.

रिजर्व बैंक अगर प्लांट को किसी दूसरी कंपनी को बेचता भी है तो प्लांट को चालू हालत में रखना आवश्यक है, लेकिन ऐसे समय में प्लांट के मजदूर स्ट्राइक पर हैं, इस स्थिति में शासन, प्रशासन और प्लांट प्रबंधन को वक्त के हिसाब से काम करना होगा, नहीं तो स्थानीय रोजगार को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. यह पहली बार नहीं है, जब किसी प्लांट को स्थानीय समस्या के कारण तालाबंदी का शिकार होना पड़ा है. इससे पहले KSK पावर प्लांट के पास मौजूद निजी सीमेंट प्लांट भी बंद हो गया था, जिसकी कीमत लोगों को आज भी चुकानी पड़ रही है.

पुरानी स्थिति को दोहराता देख स्थानीय नेता चिंतित नजर आ रहे हैं, जबकि श्रम मंत्री शिव कुमार डहरिया का कहना है कि 'प्लांट के अंदर गुंडागर्दी नहीं चलेगी, इस पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी'. वहीं इस मामले में जिला प्रशासन का कहना है कि, जेल में बंद आंदोलनकारी मजदूरों को सोमवार से रिहा करना शुरू कर दिया जाएगा और प्लांट के साथ मजदूरों के हित को लेकर पूरी गंभीरता से ठोस कदम उठाया जाएगा. इस मामले में स्थानीय नेताओं का साफ कहना है कि 'पावर प्लांट के अस्तित्व को बचाने के लिए हर संभव कोशिश होनी चाहिए'.

इस पूरे मामले में आगे की स्थिति को लेकर हर स्तर पर सतर्कता बरतनी चाहिए, क्योंकि पावर प्लांट में हजारों स्थानीय लोगों को रोजगार मिला है. अगर प्लांट का अस्तित्व खतरे में पड़ेगा तो स्थानीय रोजगार भी खत्म होगा.

जांजगीर-चांपा : अकलतरा इलाके से एक और बड़े उद्योग के छिनने का खतरा मंडरा रहा है. सरकारी सीमेंट प्लांट बंद होने के बाद अब KSK पावर प्लांट के अस्तित्व पर गहरा संकट मंडरा रहा है. मजदूर जहां एक ओर आंदोलन कर रहे हैं, वहीं प्लांट की हालत खस्ता है. वहां प्लांट को बचाने के लिए शासन-प्रशासन क्या कर रहा है, इस बारे में यहां रहने वाले लोगों को कोई जानकारी नहीं मिल रही है.

केएसके पावर प्लांट की चिंता को लेकर मजदूर कर रहे आंदोलन

3600 मेगावॉट बिजली उत्पादन की परियोजना वाला KSK महानदी पावर प्लांट पिछले पांच साल से मजदूरों से टकराव की समस्या झेल रहा है, यही कारण है कि आज प्लांट की हालत खस्ता हो गई है. फिलहाल KSK महानदी पावर प्लांट कंपनी का कर्ज नान परफॉर्मिंग एसेट (NPA) की श्रेणी में आने के बाद, यह रिजर्व बैंक के अंडरटेकिंग में है.

रिजर्व बैंक अगर प्लांट को किसी दूसरी कंपनी को बेचता भी है तो प्लांट को चालू हालत में रखना आवश्यक है, लेकिन ऐसे समय में प्लांट के मजदूर स्ट्राइक पर हैं, इस स्थिति में शासन, प्रशासन और प्लांट प्रबंधन को वक्त के हिसाब से काम करना होगा, नहीं तो स्थानीय रोजगार को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. यह पहली बार नहीं है, जब किसी प्लांट को स्थानीय समस्या के कारण तालाबंदी का शिकार होना पड़ा है. इससे पहले KSK पावर प्लांट के पास मौजूद निजी सीमेंट प्लांट भी बंद हो गया था, जिसकी कीमत लोगों को आज भी चुकानी पड़ रही है.

पुरानी स्थिति को दोहराता देख स्थानीय नेता चिंतित नजर आ रहे हैं, जबकि श्रम मंत्री शिव कुमार डहरिया का कहना है कि 'प्लांट के अंदर गुंडागर्दी नहीं चलेगी, इस पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी'. वहीं इस मामले में जिला प्रशासन का कहना है कि, जेल में बंद आंदोलनकारी मजदूरों को सोमवार से रिहा करना शुरू कर दिया जाएगा और प्लांट के साथ मजदूरों के हित को लेकर पूरी गंभीरता से ठोस कदम उठाया जाएगा. इस मामले में स्थानीय नेताओं का साफ कहना है कि 'पावर प्लांट के अस्तित्व को बचाने के लिए हर संभव कोशिश होनी चाहिए'.

इस पूरे मामले में आगे की स्थिति को लेकर हर स्तर पर सतर्कता बरतनी चाहिए, क्योंकि पावर प्लांट में हजारों स्थानीय लोगों को रोजगार मिला है. अगर प्लांट का अस्तित्व खतरे में पड़ेगा तो स्थानीय रोजगार भी खत्म होगा.

Intro:cg_jnj_02_ksk_inside_spl_10030
O आंदोलनकारी मजदूरों की कल से रिहाई शुरू - एसडीएम
0 केएसके पावर प्लांट का अस्तित्व खतरे में, ऊपर से मजदूरों की समस्या पर प्रशासन का रवैया समझ से परे
0 स्थानीय नेताओं ने पावर प्लांट के अस्तित्व पर जताई गहरी चिंता, अब एक और प्लांट नहीं खोना चाहते- पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष
0 प्रशासन की जिम्मेदारी की प्लांट को बचायें, इसके लिए मजदूरों से संवाद स्थापित करना आवश्यक
0 श्रम मंत्री ने कहा कि, गुंडागर्दी करने वालों को सख्ती से निपटेगी
इंट्रो-
जांजगीर के अकलतरा क्षेत्र से एक और बड़े उद्योग छिन जाने का खतरा मंडरा रहा है। एसीसी सीमेंट के बंद होने के बाद अब केएसके पावर प्लांट के अस्तित्व पर गहरा खतरा मंडरा रहा है। मजदूर आंदोलित हैं और प्लांट की हालत खस्ता है, जबकि इतने बड़े प्लांट को बचाने के लिए शासन प्रशासन क्या कर रहा है यह अब तक लोगों को पता नहीं चल पाया है। मंत्री कहते हैं कि मजदूरों से सख्ती की जाएगी, जबकि स्थानीय नेता प्लांट के अस्तित्व पर चिंतित हैं।
बॉडी-
36 सौ मेगावाट की परियोजना वाला केएसके महानदी पावर प्लांट पिछले पांच सालों से मजदूरों से टकराव की समस्या झेल रहा है, यही कारण है कि प्लांट की हालत खस्ता है। फिलहाल केएसके महानदी पावर प्लांट कंपनी का कर्ज एनपीए यानी नान पर्फार्मिंग एसेट की श्रेणी में आने के बाद यह रिजर्व बैंक के अंडरटेकिंग में है। अब बैंक किसी दूसरी कंपनी को बेचती भी है तो प्लांट को चाळू हालत में रखना आवश्यक है। लेकिन ऐसे समय में प्लांट के मजदूर स्ट्राइक पर हैं, इस स्थिति में शासन प्रशासन और प्लांट प्रबंधन को वक्त के तकाजे के साथ काम करना होगा। नहीं तो स्थानीय रोजगार को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। यह पहली बार नहीं है, जब किसी प्लांट को स्थानीय समस्या के कारण तालाबंदी का शिकार होना पड़ा है। इससे पहले केएसके पावर प्लांट के पास ही एसीसी सीमेंट प्लांट बंद हो गया था । जिसकी कीमत लोगों को आज भी चुकानी पड़ रही है । यह स्थिति दोहराई ना जाए इसके लिए स्थानीय नेता काफी चिंतित लगते हैं, जबकि श्रम मंत्री शिव कुमार डहरिया ने कहा कि प्लांट के अंदर गुंडागर्दी नहीं चलेगी इस पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी ।इससे साफ पता चलता है कि उन्हें प्लांट की स्थिति की गंभीरता की समझ नहीं है। जबकि जिला प्रशासन ने बताया कि आंदोलनकारी मजदूरों को कल से रिहा करना शुरू कर दिया जाएगा और प्लांट के साथ मजदूरों के हित को लेकर पूरी तरीके से गंभीरता ठोस कदम उठाया जाएगा। इस मामले में स्थानीय नेताओं का साफ कहना है की हर हाल में पावर प्लांट के अस्तित्व को बचाने के लिए हर संभव कोशिश होनी चाहिए।

बाइट- 1 मंजू सिंह, पूर्व अध्यक्ष, जिला कांग्रेस कमेटी, जांजगीर चांपा

बाइट- अमर सुल्तानिया, महामंत्री, जिला भाजपा जांजगीर चांपा
बाइट- शिव कुमार डहरिया, श्रम मंत्री छत्तीसगढ़ शासन
बाइट- मेनका प्रधान, एसडीएम, जांजगीर
कंक्लुजन
इस पूरे मामले में आगे की स्थिति को लेकर हर स्तर पर सतर्कता आवश्यक है। क्योंकि पावर प्लांट में हजारों स्थानीय लोगों को रोजगार मिला हुआ है । अत: प्लांट का अस्तित्व खतरे में पड़ेगा तो स्थानीय रोजगार भी जाता रहेगा। केएसके प्लांट जो कि छत्तीसगढ़ में सबसे बड़ा है, इस प्लांट के अस्तित्व को जरा भी खतरा उत्पन्न होगा, तो निवेश बाजार में भी छत्तीसगढ़ और जांजगीर चांपा की छवि भी धूमिल होगी ।

अखिल पांडे ईटीवी भारत. जांजगीर चांपाBody:,,,Conclusion:,,,,,,
Last Updated : Oct 21, 2019, 9:42 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.