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जांजगीर चांपा में एक किसान ने घर में कैसे खोली कृषि की पाठशाला, जानिए यहां ? - Legislative Assembly Speaker Charan Das Mahant

जांजगीर चांपा में एक अंगूठाछाप किसान ने कृषि स्कूल खोला है. इस स्कूल में कृषि के गुर लोगों को सिखाए जाएंगे.

Agriculture school opened in Janjgir Champa
जांजगीर चांपा में खुला कृषि स्कूल
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Published : May 22, 2022, 11:25 PM IST

जांजगीर चांपा: जांजगीर चांपा जिले में किसानों के लिए स्कूल खुल गया (Agriculture school opened in Janjgir Champa ) है. इस स्कूल में खेती किसानी के 18 विषयों पर खेती का पाठ पढ़ाया जाएगा. जिसमें अंगूठा छाप किसान अपने अनुभव को कृषि क्षेत्र की जानकारी चाहने वालों को जानकारी देंगे. जिसके लिए न तो फीस ली जाएगी और न ही प्रशिक्षण देने वाले किसी से पेमेंट लेंगे.

दरअसल, ये स्कूल है बलौदा ब्लॉक के जाटा ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम बेहराडीह में. इस स्कूल का उद्घाटन विधान सभा अध्यक्ष चरण दास महंत और सांसद ज्योत्सना महंत ने किया है.

जांजगीर चांपा कृषि स्कूल


अंगूठा छाप किसान पढ़ाएंगे खेती का पाठ: जांजगीर चांपा जिला के बलौदा ब्लॉक के जाटा ग्राम पंचायत के आश्रित गांव के किसान दीनदयाल और उसकी टीम ने अपने गांव का नाम छत्तीसगढ़ के जैविक ग्राम के साथ देश के पहले किसान स्कूल बना कर दर्ज कर लिया है. 1000 की जनसंख्या वाले ग्राम बेहराडीह में 9 स्व-सहायता समूह है. यहां की महिला समूह नवाचार का काम करती है. जिसमें केला, अलसी के रेसा से जैकेट बनाने, भाजी के रेशे से राखी बनाने के साथ आचार-पापड़, बिजौरी और हेंडी क्राफ्ट बना कर स्वालंबी बना जा रहा है. महिला समूह और यहां के किसानों की खेती तकनीक को जानने के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी लोग आते हैं और जानकारी लेते हैं. गांव की इस उपलब्धि को एक पहचान दिलाने के लिए किसान दीनदयाल यादव ने अपने घर में ही छत्तीसगढ़ सांस्कृतिक और कृषि उपकरणों को सहेज कर रखा है.

घर को ही बनाया पाठशाला: अपने घर में ही जैविक खेती के साथ नारवा, गरुवा, घुरुवा और बाड़ी का जीवंत प्रदर्शन कर रहे हैं. कैसे खेती की जाएगी? कब क्या फसल ले? वेस्ट मटेरियल को कैसे बेस्ट बनाया जाय? इसकी तकनीकी जानकारी देने को अपने घर में ही किसान स्कूल की शुरुआत भी कर दिए हैं. इस स्कूल में खेती की जानकारी चाहने वाला हर आदमी विद्यार्थी होगा. खेती किसानी में नवाचार करने वाले अंगूठा छाप किसान भी शिक्षक बनकर अपना अनुभव साझा करेंगे. इस स्कूल में न तो वेतन मिलेगा और न ही फीस ली जाएगी. मतलब साफ है कि कृषि मित्र अब किसानी को लाभ का व्यापार बनाने का गुर सिखाएंगे.

यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में पहली बार जेरेनियम की खेती, लाखों का मुनाफा

छोटे से गांव के किसानों ने बनाया किसान स्कूल: बेहराडीह गांव में किसानों के प्रयास से संचालित किसान स्कूल के उद्घाटन में विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत और कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत पहुंची. दीनदयाल यादव के घर के अंदर बने स्कूल के जीवंत प्रदर्शन को देखा. आंगन में ही मांची लगा कर मड़वा के नीचे किसानों को संबोधित किया. उन्होंने बेहराडीह के महिला समूह द्वारा केला के रेशा और अलसी के रेशा से बने जैकेट को पूर्व प्रधान मंत्री तक पहुंचाने और खुद भी विधान सभा की आसंदी पर यही से बने जैकेट को पहन कर जाने की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस गांव ने खेती किसानी के क्षेत्र में नवाचार कर गांव को नई पहचान दिलाई है. अब किसान स्कूल देश विदेश तक पहचान बनाएगी. चरण दास महंत ने ग्रामीणों की मांग पर गौठान के कच्चा रास्ता को पक्का बनवाने और आश्रित गांव बेहरा डीह को आगामी चुनाव से पहले पूर्ण ग्राम पंचायत का दर्जा देने की घोषणा की. साथ ही महिला समूह के कच्चे उत्पाद को सुरक्षित रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज बनाने की भी सहमति दी है.

बेहराडीह के किसान दीनदयाल यादव अपने गांव के किसानों और महिलाओं को खेती का नया तरीका सीखा कर आत्म निर्भर बना रहे हैं. खेती किसानी से दूर हो रहे किसानों को अब खेती के मल्टी प्रोडक्शन ले कर कमाई का जरिया बढ़ाने की सीख देने एक नया प्रयास किया गया है. इस स्कूल से खेती के नवाचार के साथ वेस्ट मटेरियल से आय बढ़ाने का हुनर सिखाया जाएगा.

जांजगीर चांपा: जांजगीर चांपा जिले में किसानों के लिए स्कूल खुल गया (Agriculture school opened in Janjgir Champa ) है. इस स्कूल में खेती किसानी के 18 विषयों पर खेती का पाठ पढ़ाया जाएगा. जिसमें अंगूठा छाप किसान अपने अनुभव को कृषि क्षेत्र की जानकारी चाहने वालों को जानकारी देंगे. जिसके लिए न तो फीस ली जाएगी और न ही प्रशिक्षण देने वाले किसी से पेमेंट लेंगे.

दरअसल, ये स्कूल है बलौदा ब्लॉक के जाटा ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम बेहराडीह में. इस स्कूल का उद्घाटन विधान सभा अध्यक्ष चरण दास महंत और सांसद ज्योत्सना महंत ने किया है.

जांजगीर चांपा कृषि स्कूल


अंगूठा छाप किसान पढ़ाएंगे खेती का पाठ: जांजगीर चांपा जिला के बलौदा ब्लॉक के जाटा ग्राम पंचायत के आश्रित गांव के किसान दीनदयाल और उसकी टीम ने अपने गांव का नाम छत्तीसगढ़ के जैविक ग्राम के साथ देश के पहले किसान स्कूल बना कर दर्ज कर लिया है. 1000 की जनसंख्या वाले ग्राम बेहराडीह में 9 स्व-सहायता समूह है. यहां की महिला समूह नवाचार का काम करती है. जिसमें केला, अलसी के रेसा से जैकेट बनाने, भाजी के रेशे से राखी बनाने के साथ आचार-पापड़, बिजौरी और हेंडी क्राफ्ट बना कर स्वालंबी बना जा रहा है. महिला समूह और यहां के किसानों की खेती तकनीक को जानने के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी लोग आते हैं और जानकारी लेते हैं. गांव की इस उपलब्धि को एक पहचान दिलाने के लिए किसान दीनदयाल यादव ने अपने घर में ही छत्तीसगढ़ सांस्कृतिक और कृषि उपकरणों को सहेज कर रखा है.

घर को ही बनाया पाठशाला: अपने घर में ही जैविक खेती के साथ नारवा, गरुवा, घुरुवा और बाड़ी का जीवंत प्रदर्शन कर रहे हैं. कैसे खेती की जाएगी? कब क्या फसल ले? वेस्ट मटेरियल को कैसे बेस्ट बनाया जाय? इसकी तकनीकी जानकारी देने को अपने घर में ही किसान स्कूल की शुरुआत भी कर दिए हैं. इस स्कूल में खेती की जानकारी चाहने वाला हर आदमी विद्यार्थी होगा. खेती किसानी में नवाचार करने वाले अंगूठा छाप किसान भी शिक्षक बनकर अपना अनुभव साझा करेंगे. इस स्कूल में न तो वेतन मिलेगा और न ही फीस ली जाएगी. मतलब साफ है कि कृषि मित्र अब किसानी को लाभ का व्यापार बनाने का गुर सिखाएंगे.

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छोटे से गांव के किसानों ने बनाया किसान स्कूल: बेहराडीह गांव में किसानों के प्रयास से संचालित किसान स्कूल के उद्घाटन में विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत और कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत पहुंची. दीनदयाल यादव के घर के अंदर बने स्कूल के जीवंत प्रदर्शन को देखा. आंगन में ही मांची लगा कर मड़वा के नीचे किसानों को संबोधित किया. उन्होंने बेहराडीह के महिला समूह द्वारा केला के रेशा और अलसी के रेशा से बने जैकेट को पूर्व प्रधान मंत्री तक पहुंचाने और खुद भी विधान सभा की आसंदी पर यही से बने जैकेट को पहन कर जाने की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस गांव ने खेती किसानी के क्षेत्र में नवाचार कर गांव को नई पहचान दिलाई है. अब किसान स्कूल देश विदेश तक पहचान बनाएगी. चरण दास महंत ने ग्रामीणों की मांग पर गौठान के कच्चा रास्ता को पक्का बनवाने और आश्रित गांव बेहरा डीह को आगामी चुनाव से पहले पूर्ण ग्राम पंचायत का दर्जा देने की घोषणा की. साथ ही महिला समूह के कच्चे उत्पाद को सुरक्षित रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज बनाने की भी सहमति दी है.

बेहराडीह के किसान दीनदयाल यादव अपने गांव के किसानों और महिलाओं को खेती का नया तरीका सीखा कर आत्म निर्भर बना रहे हैं. खेती किसानी से दूर हो रहे किसानों को अब खेती के मल्टी प्रोडक्शन ले कर कमाई का जरिया बढ़ाने की सीख देने एक नया प्रयास किया गया है. इस स्कूल से खेती के नवाचार के साथ वेस्ट मटेरियल से आय बढ़ाने का हुनर सिखाया जाएगा.

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