जांजगीर चांपा: छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले में कोविड-19 की पहली लहर के दौरान लाखों रुपए खर्च कर आरटीपीसीआर मशीन (RTPCR machine in Janjgir Champa) खरीदी गई थी. जांच जिला में हो इसलिए मशीन खरीदी गई थी. हालांकि टेक्नीशियन की कमी के कारण ये मशीन बेजार पड़ी (Technician not available to operate ) हुई है. अब कोरोना का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन (Corona new variant Omicron) सामने आया है, जिसे लेकर देश के हर राज्य में अलर्ट जारी कर दिया गया है. लेकिन जांजगीर चांपा जिला का आरटीपीसीआर लैब आज भी शुरू नहीं हो सका है.
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टेक्नीशियन की सीधे हो सकती है भर्ती
इस मामले में कलेक्टर जितेन्द्र शुक्ला बताते हैं कि आरटीपीसीआर लैब तैयार कर लिया गया है लेकिन टेक्नीशियन नही मिलने के कारण मशीन शुरू नहीं की गई है.आरटीपीसीआर मशीन ऑपरेटर के साथ तकनीकी सहायक की खोज जारी है. जिसके सीधे भर्ती की बात का कलेक्टर दावा कर रहे हैं.
साल भर पहले मिली थी सुविधा
साल भर पहले करोना के बढ़ते कहर के बीच एक राहत दिलाने वाली खबर आई थी, जिसमे जल्द ही अपने जिले में रियल टाइम पेरीमिरेज चेन रिएक्शन (आरटीपीसीआर) जांच होने का दावा किया गया था. जिसके लिए जिला मुख्यालय स्थित पुराना अस्पताल के भवन में आरटीपीसीआर लैब बनाया भी गया. इसके लिए राज्य स्तर से जिले में लैब स्थापित करने को लेकर अनुमति दी गई है. सीजीएमएससी द्वारा लैब के आधारभूत संरचना तैयार किया गया और जांच प्रारंभ करने का भी दावा किया गया. लेकिन जैसे-जैसे कोरोना का कहर काम होता गया. लोगो के साथ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी लापरवाह होते गए और अब वायरस का नया स्वरूप आ गया है. लेकिन अब तक आरटीपीसीआर लैब की स्थापना नही हो पाई है. कलेक्टर ने कमी को स्वीकार किया और शीघ्र ही टेक्नीशियन की भर्ती कर लैब प्रारंभ करने के दावा किया.
मशीन पड़ी बेजार
जांजगीर चांपा जिला के जिला मुख्यालय में स्वास्थय विभाग की व्यवस्था इस हालत से सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि विभागीय अधिकारी लोगों के स्वास्थ्य के लिए कितने संजीदगी से काम कर रहे है.अगर वक्त रहते शासन इस और ध्यान नहीं देगी, तो लाखों की मशीन सिर्फ धूल खाने का काम करेगी और लोग जांच के आभाव में काल के गाल में समाते रहेंगे.