जांजगीर चांपा : सावन का महीना शिव के अभिषेक के लिए जाना जाता है. इस पवित्र माह शिव जलाभिषेक मात्र से प्रसन्न हो जाते हैं.जिले के कलेश्वर धाम में इन दिनों श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जा सकती (Sawan Puja at Kaleshwar Mahadev Temple in Janjgir Champa) है. दूर-दूर से श्रद्धालु यहां भोलेनाथ की पूजा अर्चना और दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं.
क्या है कलेश्वर नाथ की महिमा : चांपा के जमीदारों ने कलेश्वरनाथ मंदिर (Kaleshwar Mahadev Temple in Janjgir Champa) की स्थापना की थी. उस वक्त इस क्षेत्र में घनघोर वन हुआ करता था. ऐसा कहा जाता है कि जमींदार से स्वयं शिव ने मंदिर की स्थापना करवाई. किवदंतियों की माने तो जमींदार को पेट संबंधी बीमारी थी. लगातार वैद्य के उपचार कराने का बाद भी रोग से मुक्ति नहीं मिल रही थी.एक बार जमीदार निराश होकर जंगल में चले गए. जहां निराश बैठे जमीदार को शिव जी के बारे में जानकारी मिली. पीथमपुर से इस स्थान की तलाश करने पर स्वयं भू शिवलिंग निकला.शिवलिंग निकलते ही जमींदार को उदर रोग से मुक्ति मिली.
जमींदार के परिवार ने की स्थापना : शिवलिंग निकलने के बाद जमींदार के परिवार ने उसी स्थान में मंदिर बनवाया और तब से लेकर आज तक इस मंदिर में पूजा अर्चना की जाती है.इस स्थान पर आज भी नागा और वैष्णव संप्रदाय के साधु एक साथ पूजा करते (Glory of Kaleshwar Shiva of Janjgir Champa) हैं. सावन के साथ महाशिवरात्रि और होली के पांचवे दिन पंचमी को शिव जी की बारात निकाली जाती है ,जो छत्तीसगढ़ में अनूठी होती है, यहां नागा साधु संत का जमावड़ा रहता है.
2 साल बाद दिखी भीड़ : कोरोना वायरस के संक्रमण रोकने के लिए 2 साल से मंदिर में भक्तों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी.लेकिन अब एक बार फिर मंदिरों में भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया है.सभी शिवालयों में सावन के पहले सोमवार को श्रद्धालु शिवजी का जलाभिषेक करने के लिए लंबी कतार में अपनी बारी का इंतजार कर आस्था और विश्वास के साथ पूजा अर्चना (Worship of Shiva in Kaleshwar Shiva of Janjgir Champa) की.
मंदिर में हर मुराद होती है पूरी : बाबा कलेश्वर नाथ के मंदिर में सावन के सभी सोमवार को जलाभिषेक करने की विशेष महत्व है,श्रद्धालु यहां आ कर हसदेव नदी से जल लेकर शिव जी का जलाभिषेक करते है.साथ ही धतूरा ,कनेर फूल की माला भोले नाथ को अर्पित करते हैं. इस मंदिर में लोग अपनी वंश वृद्धि के लिए आते है और सुंदर वर की कामना के लिए कन्याएं 16 सोमवार का व्रत भी रखती है.