जांजगीर-चांपा: सांसद आदर्श ग्राम योजना में आज हम जांजगीर चांपा की सांसद कमला देवी पाटले के गोद लिए गांव की कहानी बताने जा रहे हैं. गांव के सुभाष शुक्ला बताते हैं, चार साल पहले जांजगीर-चांपा की सांसद कमला देवी पाटले ने जावलपुर गांव को गोद लिया था. जिसके बाद गांव के विकास के लिए न जाने कितने वादे किये गए, लेकिन आज 5 साल बाद भी गांव में कोई सुधार नहीं है.
आधी से ज्यादा आबादी को नहीं मिल रहा पानी
गांव के ही एक मोहन मिश्रा का कहना है कि, गांव को गोद लिए जाने के बाद गांव की स्थिति में सुधार तो दूर यहां के हालात और खराब होते चले गए. इसके पीछे मोहन मिश्रा बताते हैं, गांव में पहले लोहे का पाइप बिछा था, जिससे पूरे गांव को पानी मिलता था, लेकिन जब सांसद ने गांव को गोद लिया, पुरानी पाइप उखाड़ कर प्लास्टिक के नए पाइप लगाये गए, जो लगाने के साथ ही जगह-जगह से फटने भी लगे. इससे गांव की आधी से ज्यादा आबादी को पानी नहीं मिल रहा है. जिससे हमेशा गांव में तनाव बना रहता है.
कोई विकास का काम नहीं हुआ
जावलपुर गांव के और भी कई लोगों ने हमने बात की, तो उनका कहना था कि, गांव को सांसद आदर्श ग्राम के लिए गोद लेने के बाद यहां किसी तरह का कोई विकास का काम नहीं हुआ. उल्टे कई ऐसे काम कर दिये गये, जो यहां के लोगों के लिए मुसीबत बन गए.
स्कूल भवन जर्जर
जब हमने गांव के बच्चों से स्कूल के बारे में पूछा तो उनका कहना था कि, स्कूल भवन जर्जर है और स्कूल में खाना बनाने के लिए किचन शेड तक नहीं है. बच्चों के इस बात की स्कूल के प्रधान पाठक भी पुष्टि करते नजर आये.
सांसद ने सड़क खुदवा दी, लेकिन नई सड़क नहीं बनी
गांव के अन्य युवा अपने सांसद से खासा नाराज दिखे. कुछ युवाओं का कहना था कि, सांसद चार साल में यहां एक-दो बार ही आये हैं. उसमें भी कभी किसी ग्रामीण से सांसद ने गांव की स्थिति को लेकर कोई बात नहीं की. युवाओं ने अपने सांसद पर आरोप लगाते हुए कहा कि, विकास के नाम पर सांसद ने सड़क खुदवा दी लेकिन वहां नई सड़क आज तक नहीं बनी. इससे बच्चों को स्कूल जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं बारिश के दिनों में सड़क पर पानी जमा होने से बच्चों के लिए हमेशा खतरा बना रहता है.
2016 तक विकसित करना था गांव
सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत सांसदों को अपने क्षेत्र के कम से कम एक गांव को 2016 तक पूरी तरह विकसित करना था, लेकिन ग्रामीणों की शिकायत है कि, उनके सांसद उनके गांव में बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने में भी फेल हो गये.