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इस गांव में काम कराना तो दूर सांसद ने काम 'बिगाड़' जरूर दिए

जावलपुर गांव के लोगों का कहना है कि, गांव को सांसद आदर्श ग्राम के लिए गोद लेने के बाद यहां किसी तरह का कोई विकास का काम नहीं हुआ. उल्टे कई ऐसे काम कर दिये गये, जो यहां के लोगों के लिए मुसीबत बन गए.

सांसद आदर्श ग्राम
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Published : Apr 5, 2019, 3:37 PM IST

जांजगीर-चांपा: सांसद आदर्श ग्राम योजना में आज हम जांजगीर चांपा की सांसद कमला देवी पाटले के गोद लिए गांव की कहानी बताने जा रहे हैं. गांव के सुभाष शुक्ला बताते हैं, चार साल पहले जांजगीर-चांपा की सांसद कमला देवी पाटले ने जावलपुर गांव को गोद लिया था. जिसके बाद गांव के विकास के लिए न जाने कितने वादे किये गए, लेकिन आज 5 साल बाद भी गांव में कोई सुधार नहीं है.

सांसद आदर्श ग्राम

आधी से ज्यादा आबादी को नहीं मिल रहा पानी

गांव के ही एक मोहन मिश्रा का कहना है कि, गांव को गोद लिए जाने के बाद गांव की स्थिति में सुधार तो दूर यहां के हालात और खराब होते चले गए. इसके पीछे मोहन मिश्रा बताते हैं, गांव में पहले लोहे का पाइप बिछा था, जिससे पूरे गांव को पानी मिलता था, लेकिन जब सांसद ने गांव को गोद लिया, पुरानी पाइप उखाड़ कर प्लास्टिक के नए पाइप लगाये गए, जो लगाने के साथ ही जगह-जगह से फटने भी लगे. इससे गांव की आधी से ज्यादा आबादी को पानी नहीं मिल रहा है. जिससे हमेशा गांव में तनाव बना रहता है.

कोई विकास का काम नहीं हुआ

जावलपुर गांव के और भी कई लोगों ने हमने बात की, तो उनका कहना था कि, गांव को सांसद आदर्श ग्राम के लिए गोद लेने के बाद यहां किसी तरह का कोई विकास का काम नहीं हुआ. उल्टे कई ऐसे काम कर दिये गये, जो यहां के लोगों के लिए मुसीबत बन गए.

स्कूल भवन जर्जर

जब हमने गांव के बच्चों से स्कूल के बारे में पूछा तो उनका कहना था कि, स्कूल भवन जर्जर है और स्कूल में खाना बनाने के लिए किचन शेड तक नहीं है. बच्चों के इस बात की स्कूल के प्रधान पाठक भी पुष्टि करते नजर आये.

सांसद ने सड़क खुदवा दी, लेकिन नई सड़क नहीं बनी

गांव के अन्य युवा अपने सांसद से खासा नाराज दिखे. कुछ युवाओं का कहना था कि, सांसद चार साल में यहां एक-दो बार ही आये हैं. उसमें भी कभी किसी ग्रामीण से सांसद ने गांव की स्थिति को लेकर कोई बात नहीं की. युवाओं ने अपने सांसद पर आरोप लगाते हुए कहा कि, विकास के नाम पर सांसद ने सड़क खुदवा दी लेकिन वहां नई सड़क आज तक नहीं बनी. इससे बच्चों को स्कूल जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं बारिश के दिनों में सड़क पर पानी जमा होने से बच्चों के लिए हमेशा खतरा बना रहता है.

2016 तक विकसित करना था गांव

सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत सांसदों को अपने क्षेत्र के कम से कम एक गांव को 2016 तक पूरी तरह विकसित करना था, लेकिन ग्रामीणों की शिकायत है कि, उनके सांसद उनके गांव में बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने में भी फेल हो गये.

जांजगीर-चांपा: सांसद आदर्श ग्राम योजना में आज हम जांजगीर चांपा की सांसद कमला देवी पाटले के गोद लिए गांव की कहानी बताने जा रहे हैं. गांव के सुभाष शुक्ला बताते हैं, चार साल पहले जांजगीर-चांपा की सांसद कमला देवी पाटले ने जावलपुर गांव को गोद लिया था. जिसके बाद गांव के विकास के लिए न जाने कितने वादे किये गए, लेकिन आज 5 साल बाद भी गांव में कोई सुधार नहीं है.

सांसद आदर्श ग्राम

आधी से ज्यादा आबादी को नहीं मिल रहा पानी

गांव के ही एक मोहन मिश्रा का कहना है कि, गांव को गोद लिए जाने के बाद गांव की स्थिति में सुधार तो दूर यहां के हालात और खराब होते चले गए. इसके पीछे मोहन मिश्रा बताते हैं, गांव में पहले लोहे का पाइप बिछा था, जिससे पूरे गांव को पानी मिलता था, लेकिन जब सांसद ने गांव को गोद लिया, पुरानी पाइप उखाड़ कर प्लास्टिक के नए पाइप लगाये गए, जो लगाने के साथ ही जगह-जगह से फटने भी लगे. इससे गांव की आधी से ज्यादा आबादी को पानी नहीं मिल रहा है. जिससे हमेशा गांव में तनाव बना रहता है.

कोई विकास का काम नहीं हुआ

जावलपुर गांव के और भी कई लोगों ने हमने बात की, तो उनका कहना था कि, गांव को सांसद आदर्श ग्राम के लिए गोद लेने के बाद यहां किसी तरह का कोई विकास का काम नहीं हुआ. उल्टे कई ऐसे काम कर दिये गये, जो यहां के लोगों के लिए मुसीबत बन गए.

स्कूल भवन जर्जर

जब हमने गांव के बच्चों से स्कूल के बारे में पूछा तो उनका कहना था कि, स्कूल भवन जर्जर है और स्कूल में खाना बनाने के लिए किचन शेड तक नहीं है. बच्चों के इस बात की स्कूल के प्रधान पाठक भी पुष्टि करते नजर आये.

सांसद ने सड़क खुदवा दी, लेकिन नई सड़क नहीं बनी

गांव के अन्य युवा अपने सांसद से खासा नाराज दिखे. कुछ युवाओं का कहना था कि, सांसद चार साल में यहां एक-दो बार ही आये हैं. उसमें भी कभी किसी ग्रामीण से सांसद ने गांव की स्थिति को लेकर कोई बात नहीं की. युवाओं ने अपने सांसद पर आरोप लगाते हुए कहा कि, विकास के नाम पर सांसद ने सड़क खुदवा दी लेकिन वहां नई सड़क आज तक नहीं बनी. इससे बच्चों को स्कूल जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं बारिश के दिनों में सड़क पर पानी जमा होने से बच्चों के लिए हमेशा खतरा बना रहता है.

2016 तक विकसित करना था गांव

सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत सांसदों को अपने क्षेत्र के कम से कम एक गांव को 2016 तक पूरी तरह विकसित करना था, लेकिन ग्रामीणों की शिकायत है कि, उनके सांसद उनके गांव में बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने में भी फेल हो गये.

Intro:जांजगीर चाम्पा:- जांजगीर-चांपा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र जिसमें कुल 8 विधानसभा क्षेत्र आते हैं जहां के वर्तमान बीजेपी सांसद कमला देवी पाटले पिछले दो पंचवर्षीय से सांसद रहे हैं और उनके गोद ग्राम जावलपुर जिसे सांसद आदर्श ग्राम कहां जाता है यह ग्राम पंचायत चर्चा में तब आया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी सांसदों को अपने संसदीय क्षेत्र में एक गांव को गोद लेने और आदर्श ग्राम की बनाने का निर्देश दिया। एक आदर्श ग्राम होने के लिए गांव में बेहतर शिक्षा व्यवस्था, स्वास्थ्य व्यवस्था, बेहतर सड़क, बिजली-पानी के साथ साथ जन जागरूकता और जनसंपर्क जरूरी है. लेकिन सांसद कमला देवी पाटले के आदर्श ग्राम जावलपुर में एक भी व्यवस्था नहीं है. जावलपुर जिला मुख्यालय से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। लेकिन वहां के हालात बद से बदतर है एक आदर्श ग्राम के लिए जरूरी होता है स्वास्थ्य शिक्षा पानी बिजली जो कि लोगों की मूलभूत सुविधाओं के लिए जरूरी होता है लेकिन यहां के स्कूलों में ना तो बाउंड्री वाल है ना ही पर्याप्त कमरे कमरों के हालात जर्जर है वहीं किचन सेट अब तक नहीं बन पाया है वहीं कन्या शाला में बाउंड्री वाल ना होने की वजह से छात्राओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है वहीं ग्रामीणों की माने तो यहां की एक और सबसे बड़ी समस्या है पानी की समस्या नहरों में भी पानी की समस्या बनी रहती है तो वहीं गर्मी के दिन होते ही पूरे गांव में पानी की सप्लाई नहीं हो पाती वहीं ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि सांसद के ठेकेदार द्वारा पुराने बिछाए गए लोहे की पाइप लाइन को निकाल कर बेच दिया गया ।वहीं प्लास्टिक की पाइप लाइन टूट-फूट होते नजर आ रहे हैं ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि सांसद गोद लेने के बाद गांव में बहुत कम ही बार आए हैं उनका कहना है कि सांसद आदर्श ग्राम होने के बावजूद भी वहां के ग्रामीणों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। या ना तो इलाज के लिए अस्पताल है ना ही पशुओं के इलाज के लिए पशु चिकित्सालय है ग्रामीणों का कहना है कि यहां पर ना तो अब तक शौचालय निर्माण की पूर्ण राशि मिली है ना ही आवास का ग्रामीणों का कहना है कि यहां पर सांसद आदर्श ग्राम बनने के बाद एक विकास हुआ है जो है अटल समरसता भवन का निर्माण हुआ है लेकिन वह भी स्कूल मैदान के अंदर जिसका कोई मतलब नहीं है। वहीं युवाओं की माने तो यहां के युवा बेरोजगार हैं। कुल मिलाकर यह कहा जाए की सांसद गोद ग्राम जबलपुर अब भी सांसद के गोद में ही है यहां क्या गांव का अब तक विकास नहीं हो पाया इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि कमला देवी पाटले के संसदीय क्षेत्र जांजगीर चाम्पा में सांसद आदर्श ग्राम योजना का यह हाल है तो अन्य गांव का हाल क्या होगा।
p2c ओपनिग हुमेश जायसवाल
बाइट :- सुभाष शुक्ला ग्रामीण
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