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राज्य सरकार ने लगवाए पेड़, सरपंच ने काटकर बेच दिया - putidih janjgir champa

शासन की ओर से लगाए गए पेड़ को गांव के ही सरपंच की ओर से काटकर बेचा जा रहा है. सरपंच पर आरोप है कि वो 15 हजार रुपये में ये पेड़ों की लकड़ी बेच रहा है.

putidih  sarpanch cut down the tree at jajgir champa
पेड़ पर विवाद
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Published : May 17, 2020, 7:03 PM IST

Updated : May 18, 2020, 1:02 AM IST

जांजगीर चांपा : एक तरफ शासन की ओर से गांवों में पौधरोपण कराया जा रहा है, ताकि पर्यावरण के बचाव हो सके और जंगल हरा भरा रहे. वहीं दूसरी तरफ शासन के ही तरफ से बनाए गए चारागाह में लगे शासकीय पेड़ों को गांव के ही सरपंच द्वारा कटवाया जा रहा है. और उसे बेचा जा भी जा रहा है.

सरपंच पर पेड़ काटने का आरोप

सरपंच को प्रसाशन का कोई डर नहीं है. वहीं सरपंच की दबंगई से ग्रामीण शिकायत तक नहीं कर रहे हैं. दरअसल, जनपद पंचायत डभरा के अंतर्गत ग्राम पंचायत पुटीडीह मे छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरुवा, गरुवा, घुरवा,बारी के तहत गौठान का निर्माण किया गया. लाखों रुपये खर्च करके गौठान तैयार किया गया, ताकि गांवों के मावेशियों शासकीय चारागाह में रखा जा सके. गौठान में मवेशियों को छाया देने के लिए पेड़ भी लगा्ए गए ,जो काफी हरे भरे थे, लेकिन गांव के ही सरपंच ने उन पेड़ों कटाई करा दी. एक समय जहां दर्जनों पेड़ हुआ करते थे, लेकिन आज उस जगह खाली पड़ी है.

putidih  sarpanch cut down the tree at jajgir champa
मशीनों से पेड़ों की कटाई

पढ़ें : 250 किलोमीटर पैदल चल कर ओडिशा से छत्तीसगढ़ पहुंचा ये मजदूर परिवार

पंद्रह हजार में बेचा गया पेड़

गांव के ही खरीददार ने बताया कि 'सरपंच ने पेड़ को पंद्रह हजार में बेचा दिया है. इसलिए इनकी कटाई की जा रही है'. वहीं पंचायत के एक पंच ने भी बताया कि 'सरपंच की ओर से चारागाह में लगे शासकीय पेड़ों को बेचा गया है और बकायदा मशीन से पेड़ों की कटाई की जा रही है, जबकि नियमानुसार शासकीय पेड़ों को काटना और बेचना गलत है. पर्यावरण की रक्षा के लिए शासन पेड़ लगाने का आह्वान कर रही है, लेकिन पेड़ लगाना तो, दूर छाया के लिए लगे हुए पेड़ों को भी काटा जा रहा है. सबसे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि ग्राम के मुखिया सरपंच के की ओर से ही ऐसा किया जा रहा है.

putidih  sarpanch cut down the tree at jajgir champa
पेड़ों की कटाई

जांजगीर चांपा : एक तरफ शासन की ओर से गांवों में पौधरोपण कराया जा रहा है, ताकि पर्यावरण के बचाव हो सके और जंगल हरा भरा रहे. वहीं दूसरी तरफ शासन के ही तरफ से बनाए गए चारागाह में लगे शासकीय पेड़ों को गांव के ही सरपंच द्वारा कटवाया जा रहा है. और उसे बेचा जा भी जा रहा है.

सरपंच पर पेड़ काटने का आरोप

सरपंच को प्रसाशन का कोई डर नहीं है. वहीं सरपंच की दबंगई से ग्रामीण शिकायत तक नहीं कर रहे हैं. दरअसल, जनपद पंचायत डभरा के अंतर्गत ग्राम पंचायत पुटीडीह मे छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरुवा, गरुवा, घुरवा,बारी के तहत गौठान का निर्माण किया गया. लाखों रुपये खर्च करके गौठान तैयार किया गया, ताकि गांवों के मावेशियों शासकीय चारागाह में रखा जा सके. गौठान में मवेशियों को छाया देने के लिए पेड़ भी लगा्ए गए ,जो काफी हरे भरे थे, लेकिन गांव के ही सरपंच ने उन पेड़ों कटाई करा दी. एक समय जहां दर्जनों पेड़ हुआ करते थे, लेकिन आज उस जगह खाली पड़ी है.

putidih  sarpanch cut down the tree at jajgir champa
मशीनों से पेड़ों की कटाई

पढ़ें : 250 किलोमीटर पैदल चल कर ओडिशा से छत्तीसगढ़ पहुंचा ये मजदूर परिवार

पंद्रह हजार में बेचा गया पेड़

गांव के ही खरीददार ने बताया कि 'सरपंच ने पेड़ को पंद्रह हजार में बेचा दिया है. इसलिए इनकी कटाई की जा रही है'. वहीं पंचायत के एक पंच ने भी बताया कि 'सरपंच की ओर से चारागाह में लगे शासकीय पेड़ों को बेचा गया है और बकायदा मशीन से पेड़ों की कटाई की जा रही है, जबकि नियमानुसार शासकीय पेड़ों को काटना और बेचना गलत है. पर्यावरण की रक्षा के लिए शासन पेड़ लगाने का आह्वान कर रही है, लेकिन पेड़ लगाना तो, दूर छाया के लिए लगे हुए पेड़ों को भी काटा जा रहा है. सबसे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि ग्राम के मुखिया सरपंच के की ओर से ही ऐसा किया जा रहा है.

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पेड़ों की कटाई
Last Updated : May 18, 2020, 1:02 AM IST
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