जांजगीर चांपा: जिले के पामगढ़ ब्लॉक के राहौद निवासी और मेडिकल छात्र डॉक्टर भागवत देवांगन ने सुसाइड कर लिया था. पुलिस फिलहाल जांच में जुटी हुई है, लेकिन आत्महत्या करने के पीछे का कारण अब भी अज्ञात है. गुस्साएं लोगों ने डॉ. भागवत के बॉडी को सड़क पर रखकर चक्काजाम कर दिया. इस दौरान लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन किया. बता दें पोस्टमार्टम के बाद शव को शनिवार को जबलपुर से लाया गया है.
परिजनों ने आरोप लगाया है कि मेडिकल कॉलेज के कुछ सीनियर छात्र भागवत को रैगिंग के नाम पर काफी टॉर्चर कर रहे थे, इससे वह मानसिक रूप से परेशान थे. इसे लेकर पहले भी वो सुसाइड करने जैसा कदम उठा चुका थे. कॉलेज प्रबंधन ने इस समस्या पर ध्यान न देने और लगातार रैगिंग किए जाने से परेशान भागवत देवांगन ने खुदकुशी करने जैसा कदम उठाया है.
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धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर
परिजनों की शिकायत पर मध्यप्रदेश पुलिस ने ध्यान नहीं देने पर उन्होंने शिवरीनारायण थाने में मामले की लिखित शिकायत कर अपनी मांगों को लेकर चक्काजाम किया. पामगढ़ तहसीलदार ने मौके पर पहुंचकर परिजनों को मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया. इसके बाद परिजनों ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर धरने को समाप्त किया. परिजनों का कहना है कि यदि उन्हें जल्द न्याय नहीं मिलता तो वह फिर से मामले को लेकर धरना प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे.
'आत्महत्या करने को मजबूर'
डॉ. देवांगन सुसाइड केस में भागवत के भाई ने रैगिंग करने वाले सीनियर छात्र विकाश दिवेदी, सलमान खान, अमन गौतम, सुभम शिंदे, अभिषेक गेमे अदि छात्रों का नाम लिया है. आरोप है कि इन सभी छात्रों ने भागवत देवांगन की रैगिंग लेकर मानसिक एवं शारीरिक रूप से प्रताड़ित कर उसे आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया.