जांजगीर-चांपा: प्रदेश में प्लास्टिक के इस्तेमाल पर पहले ही प्रतिबंध लगा दिया गया है, लेकिन इसके बावजूद इस पर प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पा रही है. अब लाल किले के प्राचीर से प्लास्टिक के खिलाफ कार्रवाई पर प्रधानमंत्री के आह्वान के बाद एक बार फिर से जांजगीर सहित राज्य के सभी नगरों में प्लास्टिक के चलन पर कार्रवाई शुरू हो गई है, लेकिन क्या हम प्लास्टिक मुक्त हो पाएंगे? इस पर दुकानदार अभी भी संशय की स्थिति में हैं.
कार्रवाई के नाम पर होती है खानापूर्ति
छत्तीसगढ़ में प्लास्टिक के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई नई बात नहीं है. एक तरह से आम लोगों को इस कार्रवाई पर अब भरोसा भी नहीं रहा है, क्योंकि कुछ दिनों के लिए कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति होती है और उसके बाद फिर बाजारों में प्लास्टिक के उपयोग धड़ल्ले से शुरू हो जाते हैं.
प्रधानमंत्री ने किया प्लास्टिक मुक्त भारत का आह्वान
इस बार प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के दिन लाल किले से प्लास्टिक न इस्तेमाल करने का अनुरोध किया, जिसके बाद से हर क्षेत्र में इसे लेकर ठोस कार्रवाई करने की उम्मीद है, क्योंकि पर्यावरण मंत्रालय इस पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई के लिए तैयार दिख रहा है.
दुकानदारों का भी कहना है कि, 'जहां से प्लास्टिक कैरिबैग का उत्पादन होता है, उन पर प्रभावी कार्रवाई हो तब जाकर प्लास्टिक मुक्त होने की दिशा में हम आगे बढ़ पाएंगे.'
पर्यावरण मंत्रालय करेगा पहल
माना जा रहा है कि 2 अक्टूबर यानी महात्मा गांधी की जयंती पर पर्यावरण मंत्रालय इस पर पहल करेगा. मीडिया में ये बात आने के बाद से दुकानदारों ने भी प्लास्टिक के उपयोग पर बैन लगाने का स्वागत किया है.