जांजगीर-चांपा : कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव जांजगीर चांपा के पामगढ़ विधानसभा सीट से महिला प्रत्याशी शेषराज हरबंश को टिकट दिया है. ये सीट अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित है.इस सीट पर चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस की ओर से 53 लोगों ने दावेदारी की थी.लेकिन पार्टी एक बार फिर शेषराज हरंबश पर भरोसा जताया है.इससे पहले शेषराज हरबंश साल 2013 में पामगढ़ विधानसभा से ही चुनाव लड़ चुकी हैं.
पामगढ़ में कांग्रेस की जीत का दावा : टिकट फाइनल होते ही शेषराज हरबंश ने मंदिर पहुंचकर मत्था टेका और आशीर्वाद लिया. शेषराज ने पामगढ़ क्षेत्र की मूलभूत समस्याओं को दूर करने का भरोसा दिलाया.साथ ही साथ आगामी विधानसभा चुनाव में बसपा से सीट छीनकर कांग्रेस की जीता का दावा किया. इस दौरान जब शेषराज से कांग्रेस में दूसरे दावेदारों के नाराजगी को लेकर बात पूछी गई तो शेषराज ने भरोसे के सम्मेलन का जिक्र किया.जिसमें ये संकल्प दिलाया गया था कि कांग्रेस कार्यकर्ता प्रत्याशी को जिताने के लिए एकजुट होकर काम करेंगे.
कौन हैं शेषराज हरबंश ? : शेषराज हरवंश वर्तमान में रोजगार गारंटी परिषद के सदस्य और अनुसूचित जाति महिला मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में काम कर रही हैं. इन्होंने 2008 में राजनीति में प्रवेश की और महिला कांग्रेस कमेटी के जिला अध्यक्ष के पद में सेवा दे चुकी हैं.
क्या था साल 2018 का चुनावी परिणाम : पामगढ़ विधानसभा चुनाव में साल 2018 में बसपा प्रत्याशी इंदु बंजारे ने जीत दर्ज की थी.पिछले चुनाव में राष्ट्रीय दलों के प्रत्याशियों के साथ कुल 13 प्रत्याशी मैदान में थे. कांग्रेस प्रत्याशी को पिछले चुनाव में दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा.
साल 2018 के नतीजे
बसपा- इंदु बंजारे - 50 हजार 129
कांग्रेस-गोरे लाल बर्मन- 47 हजार 64
बीजेपी-अम्बेश जांगड़े - 32हजार 676
जीत का अंतर- 3061 मत
2013 में कांग्रेस ने बनाया था प्रत्याशी : शेषराज हरबंश की बात करें तो कांग्रेस के लिए वो नया चेहरा नहीं हैं.साल 2013 में भी पार्टी ने शेषराज को टिकट दिया था. उस समय भी बीजेपी से अंबेश जांगड़े और बसपा से दूजराम बौद्ध मैदान में थे.2013 में अंबेश जांगड़े ने बसपा प्रत्याशी को हराकर सीट अपने कब्जे में की थी.
2013 के नतीजे
बीजेपी-अम्बेश जांगड़े- 45342
बसपा -दूज राम बौद्ध - 37217
कांग्रेस - शेषराज हरबंश -35457
जीत का अंतर- 8025 मत
पामगढ़ विधानसभा पहले सामान्य सीट थी. जहां 2003 में कांग्रेस के महंत राम सुन्दर दास भी प्रत्याशी थे. जिन्होंने बीजेपी के शकुंतला सिंह के साथ बसपा के लगातार 3 बार रहे विधायक दाऊ राम रत्नाकर को हराया था.