सक्ती : अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने सास की हत्या मामले में आरोपी दामाद को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. घटना दो साल पुरानी है.जब अपनी बेटी का पक्ष लेकर महिला दामाद को समझाने के लिए उसके घर गई थी.लेकिन इस दौरान दामाद और सास के बीच विवाद बढ़ गया.विवाद में दामाद ने अपनी सास पर जानलेवा हमला किया था.जिसमें इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी.
कब हुई थी घटना : 13 जून 2021 को रात लगभग 8:00 बजे उमेंद बाई अपने घर में खाना बना कर खाना खाने की तैयारी कर रही थी, उसी समय उसका पति आरोपी समारु राम सिदार उर्फ गब्बर ने पत्नी को गालियां देनी शुरु की.पति के विवाद करने पर उमेंद बाई ने अपनी मां को बुलाया.जिस पर उमेंद की मां पितरबाई बेटी के साथ दामाद को समझाने आई. इस दौरान दामाद समारू राम हाथ में टांगी लेकर घूम रहा था. फिर भी पितरबाई ने समारू को समझाने की कोशिश की.लेकिन समारू नहीं माना.
सास पर किया जानलेवा हमला : समारु दोनों के साथ विवाद के बाद गाली देने लगा.इसी दौरान समारु ने पितरबाई के सिर पर टांगी से हमला कर दिया.जिससे वो घायल होकर जमीन पर गिर गई.इस घटना की सूचना जैजैपुर थाने में दी गई. पुलिस ने घटना स्थल पर पहुंचकर घायल महिला को जैजैपुर अस्पताल पहुंचाया .महिला की स्थिति गंभीर होने पर उसे डॉक्टरों ने बिलासपुर रेफर किया. लेकिन रास्ते में पितरबाई की मौत हो गई.इसके बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला बनाकर उसे गिरफ्तार किया. पुलिस ने आरोपी के पास से टांगी, अपराध करते समय पहने गए कपड़ों को जब्त किया.इसके बाद आरोपी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करके उसके खिलाफ केस चलाया गया.
आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई : दोनों पक्षों को सुनने के बाद द्वितीय अपर सत्र न्यायालय के पीठासीन अधिकारी डॉ. ममता भोजवानी ने पाया कि पति-पत्नी के मध्य हुए लड़ाई झगड़ा में मृतका हमेशा अपनी पुत्री का पक्ष लेती थी. जिसके कारण गुस्से में आरोपी ने टांगी से उसकी हत्या कर दी. न्यायाधीश डॉक्टर ममता भोजवानी ने अपने आदेश में आरोपी समारू को आजीवन कारावास और 25 हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया है.