जांजगीर-चांपाः छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय आह्वान पर सात सूत्रीय मांगों को लेकर दो दिवसीय सांकेतिक हड़ताल पर थे. जिसमें जिला इकाई के पदाधिकारी के साथ ब्लॉक मुख्यालय के सभी अधिकारी और कर्मचारी धरना दे रहे थे. वहीं दो दिवसीय धरना का आज गुरुवार को अंतिम दिन है.
ब्लॉक और जिला मुख्यालय में धरना
अध्यक्ष आशीष राठौर ने बताया कि सात सूत्रीय मांगों के संबंध में 20 जनवरी से ब्लॉक और जिला मुख्यालय में धरना दिया जा रहा है. जिसमें सभी अधिकारी कर्मचारी शामिल हुए. 21 जनवरी को ब्लॉक के सभी पदाधिकारियों ने जिले में एकत्रित होकर कचहरी चौक से एसडीएम ऑफिस तक रैली निकालकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी नरेगा के अधिकारी-कर्मचारी विगत 14 सालों से अनवरत कार्यरत हैं, लेकिन आज तक उनको नियमित नहीं किया गया.
कर्मचारी नियमितीकरण के लिए कर रहे मांग
नियमितीकरण की मांग सहित अन्य मांगों को लेकर ही दो दिवसीय धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. सात सूत्री मांगों में मनरेगा के सभी अधिकारी, कर्मचारियों को जन घोषणा पत्र के आधार पर नियमितीकरण किया जाए. साथ ही शिक्षाकर्मी की भांति पंचायत कर्मी सेवा शर्ते नियमावली 2008 को लागू किया जाए. वहीं हिमाचल प्रदेश के तर्ज पर और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार समान कार्य समान वेतन का प्रावधान किया जाए. दो वर्ष पूर्ण कर चुके अधिकारी,कर्मचारियों के प्रतिवर्ष सेवा वृद्धि के प्रावधान को बंदकर मध्यप्रदेश के तर्ज पर 62 वर्ष की सेवा सुनिश्चित किया जाए. मनरेगा के सभी अधिकारी, कर्मचारियों की भांति ग्राम रोजगार सहायकों का भी वेतन ग्रेड निर्धारित किया जाए.
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सबको समान अधिकार की मांग
एनएचएम की तर्ज पर मानव संसाधन नीति का निर्धारण किया जाए. जिसमें मुख्यत वार्षिक वेतन वृद्धि, अवकाश नीति, आकस्मिक मृत्यु पर अनुग्रह भुगतान और अनुकम्पा नियुक्ति का प्रावधान का समावेश किया जाए. पांच वर्ष पूरा कर चुके अधिकारी, कर्मचारियों को ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, जिला पंचायत, राज्य में समान पद में संविलियन किया जाए, साथ ही स्थानांतरण नीति का निर्धारण किया जाए. मनरेगा अंतर्गत संविदा अवधि में किये गये कार्य अनुभव वर्ष के आधार पर प्रतियोगी परीक्षाओं में आयु सीमा में छूट और रोजगार सहायक तर्ज के पर अनुभव पर अंक प्रदान किया जाए.