जांजगीर-चांपा: सरकार ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए लाखों रुपए खर्च कर रही है, जिससे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिले, लेकिन कटेकोनी बड़े ग्राम पंचायत में जो अस्पताल है वह कागजों में ही सिमटकर रह गया है. जबकि स्वास्थ्य विभाग का नारा है. 'मायके में रहो या ससुराल में जजकी कराओ अस्पताल में' सरकार की दावे सब उल्टा साबित हो रहा हैं. यहां पिछले 13 साल से उप स्वास्थ्य केंद्र का भवन अधूरा पड़ा हुआ है, जिससे इलाके के लोगों को इलाज के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
दरअसल, 2006-07 में लोक निर्माण विभाग ने चंद्रपुर विधानसभा क्षेत्र के कटेकोनी गांव में उप स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कराया गया था, जो आज 13 साल बाद भी उप स्वास्थ्य केंद्र का भवन अधूरा पड़ा हुआ है. इससे निर्माणाधीन उप स्वास्थ्य केंद्र में गंदगी का अंबार पसरा हुआ है. उप स्वास्थ्य केंद्र के भवन में मवेशी के लिए पैरा रखा हुआ है. जो गौठान बन चुका है, गंदगी पसरा हुआ है, भवन टूटा-फूटा पड़ा हुआ है.
ग्रामीणों को शिकायत के बाद मिला झुनझुना
इतना ही नहीं इलाके में बारिश आते ही सड़क कीचड़ से भर जाती है, जिससे मरीजों को इलाज लिए ले जाने में भारी समस्याएं होती हैं. लोगों का कहना है कि मामले को लेकर जिला स्तरीय जनसमस्या निवारण शिविर और शासन के चलाए गए ग्राम सुराज अभियानों में अवगत कराया जा चुका है, लेकिन किसी ने इलाके के ग्रामीणों की समस्या का निवारण करने के लिए नहीं सोचा.
अधूरा पड़ा उप स्वास्थ्य केंद्र
बता दें कि कटेकोनी बडे उप स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत कटेकोनी छोटे, तुरकापाली, हरदी डीह, सेमराफेह समेत कई गांव शामिल हैं, जिनको पिछले 13 वर्षों से अस्पताल बनने के बाद भी अस्पताल बीमार है. इससे लोगों को गर्भवती महिला हो या गांव के किसी मरीज को हो सबको रायगढ़ के खरसिया ले जाना पड़ता है. वहीं ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक ने बताया कि कटेकोनी बड़े उप स्वास्थ्य केंद्र में 2 कर्मचारियों की भर्ती भी कराई गई है, लेकिन भवन अधूरा है. वहां बैठे के लिए कोई जगह नहीं है, जिससे कारण ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी गांव में घूम-घूम कर देना पड़ता है.