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जांजगीर-चांपा: 13 साल से 'बीमार' है अस्पताल, इलाज के लिए तरस रहे लोग - कटेकोनी बड़े ग्राम पंचायत

जांजगीर चांपा के चंद्रपुर इलाके के कई गांव के लोग इलाज के लिए तरस रहे हैं. उप स्वास्थ्य केंद्र के लिए आई राशि अधिकारियों ने ठेकेदारों के साथ मिलकर गटक गए.

Janjgir Champa people are craving for treatment
कागजो में संचालित हो रहा अस्पताल
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Published : Dec 25, 2019, 7:19 PM IST

Updated : Dec 25, 2019, 8:23 PM IST

जांजगीर-चांपा: सरकार ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए लाखों रुपए खर्च कर रही है, जिससे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिले, लेकिन कटेकोनी बड़े ग्राम पंचायत में जो अस्पताल है वह कागजों में ही सिमटकर रह गया है. जबकि स्वास्थ्य विभाग का नारा है. 'मायके में रहो या ससुराल में जजकी कराओ अस्पताल में' सरकार की दावे सब उल्टा साबित हो रहा हैं. यहां पिछले 13 साल से उप स्वास्थ्य केंद्र का भवन अधूरा पड़ा हुआ है, जिससे इलाके के लोगों को इलाज के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

13 साल से 'बीमार' है अस्पताल

दरअसल, 2006-07 में लोक निर्माण विभाग ने चंद्रपुर विधानसभा क्षेत्र के कटेकोनी गांव में उप स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कराया गया था, जो आज 13 साल बाद भी उप स्वास्थ्य केंद्र का भवन अधूरा पड़ा हुआ है. इससे निर्माणाधीन उप स्वास्थ्य केंद्र में गंदगी का अंबार पसरा हुआ है. उप स्वास्थ्य केंद्र के भवन में मवेशी के लिए पैरा रखा हुआ है. जो गौठान बन चुका है, गंदगी पसरा हुआ है, भवन टूटा-फूटा पड़ा हुआ है.

Janjgir Champa people are craving for treatment
13 साल से बीमार पड़ा है अस्पताल

ग्रामीणों को शिकायत के बाद मिला झुनझुना

इतना ही नहीं इलाके में बारिश आते ही सड़क कीचड़ से भर जाती है, जिससे मरीजों को इलाज लिए ले जाने में भारी समस्याएं होती हैं. लोगों का कहना है कि मामले को लेकर जिला स्तरीय जनसमस्या निवारण शिविर और शासन के चलाए गए ग्राम सुराज अभियानों में अवगत कराया जा चुका है, लेकिन किसी ने इलाके के ग्रामीणों की समस्या का निवारण करने के लिए नहीं सोचा.

अधूरा पड़ा उप स्वास्थ्य केंद्र

बता दें कि कटेकोनी बडे उप स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत कटेकोनी छोटे, तुरकापाली, हरदी डीह, सेमराफेह समेत कई गांव शामिल हैं, जिनको पिछले 13 वर्षों से अस्पताल बनने के बाद भी अस्पताल बीमार है. इससे लोगों को गर्भवती महिला हो या गांव के किसी मरीज को हो सबको रायगढ़ के खरसिया ले जाना पड़ता है. वहीं ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक ने बताया कि कटेकोनी बड़े उप स्वास्थ्य केंद्र में 2 कर्मचारियों की भर्ती भी कराई गई है, लेकिन भवन अधूरा है. वहां बैठे के लिए कोई जगह नहीं है, जिससे कारण ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी गांव में घूम-घूम कर देना पड़ता है.

जांजगीर-चांपा: सरकार ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए लाखों रुपए खर्च कर रही है, जिससे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिले, लेकिन कटेकोनी बड़े ग्राम पंचायत में जो अस्पताल है वह कागजों में ही सिमटकर रह गया है. जबकि स्वास्थ्य विभाग का नारा है. 'मायके में रहो या ससुराल में जजकी कराओ अस्पताल में' सरकार की दावे सब उल्टा साबित हो रहा हैं. यहां पिछले 13 साल से उप स्वास्थ्य केंद्र का भवन अधूरा पड़ा हुआ है, जिससे इलाके के लोगों को इलाज के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

13 साल से 'बीमार' है अस्पताल

दरअसल, 2006-07 में लोक निर्माण विभाग ने चंद्रपुर विधानसभा क्षेत्र के कटेकोनी गांव में उप स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कराया गया था, जो आज 13 साल बाद भी उप स्वास्थ्य केंद्र का भवन अधूरा पड़ा हुआ है. इससे निर्माणाधीन उप स्वास्थ्य केंद्र में गंदगी का अंबार पसरा हुआ है. उप स्वास्थ्य केंद्र के भवन में मवेशी के लिए पैरा रखा हुआ है. जो गौठान बन चुका है, गंदगी पसरा हुआ है, भवन टूटा-फूटा पड़ा हुआ है.

Janjgir Champa people are craving for treatment
13 साल से बीमार पड़ा है अस्पताल

ग्रामीणों को शिकायत के बाद मिला झुनझुना

इतना ही नहीं इलाके में बारिश आते ही सड़क कीचड़ से भर जाती है, जिससे मरीजों को इलाज लिए ले जाने में भारी समस्याएं होती हैं. लोगों का कहना है कि मामले को लेकर जिला स्तरीय जनसमस्या निवारण शिविर और शासन के चलाए गए ग्राम सुराज अभियानों में अवगत कराया जा चुका है, लेकिन किसी ने इलाके के ग्रामीणों की समस्या का निवारण करने के लिए नहीं सोचा.

अधूरा पड़ा उप स्वास्थ्य केंद्र

बता दें कि कटेकोनी बडे उप स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत कटेकोनी छोटे, तुरकापाली, हरदी डीह, सेमराफेह समेत कई गांव शामिल हैं, जिनको पिछले 13 वर्षों से अस्पताल बनने के बाद भी अस्पताल बीमार है. इससे लोगों को गर्भवती महिला हो या गांव के किसी मरीज को हो सबको रायगढ़ के खरसिया ले जाना पड़ता है. वहीं ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक ने बताया कि कटेकोनी बड़े उप स्वास्थ्य केंद्र में 2 कर्मचारियों की भर्ती भी कराई गई है, लेकिन भवन अधूरा है. वहां बैठे के लिए कोई जगह नहीं है, जिससे कारण ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी गांव में घूम-घूम कर देना पड़ता है.

Intro:स्लग:- उप स्वास्थ्य केंद्र भवन अधूरा। एंकर:- ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए जहां सरकार लाखों रुपया खर्च कर रही है परंतु ग्रामीण क्षेत्र के ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है जबकि स्वास्थ्य विभाग का नारा है ।।मायके में रहो या ससुराल में जजकी कराओ अस्पताल में ।। सरकार की दावे सब उल्टा साबित हो रहा है चंद्रपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ब्लॉक डभरा क्षेत्र के ग्राम पंचायत कटेकोनी बड़े में शासन द्वारा उप स्वास्थ्य केंद्र खोला गया है परंतु उप स्वास्थ्य केंद्र का भवन 13 वर्षों से अधूरा पड़ा हुआ है जो कागजों में उप स्वास्थ्य केंद्र चल रहा है अब उप स्वास्थ्य केंद्र के भवन में ग्रामीणों द्वारा मवेशी एवं पैरा रख रहे हैं जो गौठान बन चुका है गंदगी पसरा हुआ है भवन टूट फूट रहा है ।। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सन 2006 व 07 में लोक निर्माण विभाग के द्वारा ठेके पर निर्माण के लिए दिया गया था परंतु उप स्वास्थ्य केंद्र कटेकोनी बड़े आज तक भवन अधूरा है भवन में लेन्टर हो चुका है कमरों की प्लास्टर नहीं किया गया है नीचे फर्श नहीं हुआ है दरवाजे खिड़की नहीं लगे हैं ग्रामीण क्षेत्रों में उप स्वास्थ्य केंद्र के भवन नहीं होने से मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पा रहा है गांव के गर्भवती महिलाओं माताओं व नन्हे बच्चों के टीकाकरण के लिए बाहर ब्लॉक मुख्यालय के अस्पताल में जाना पड़ता है वहीं गर्भवती माताओं को डिलीवरी के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है किसी प्रकार की जनता को स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पा रहा है । वहीं बारिश के दिनों में ग्रामीणों को भारी परेशानी होती है कीचड़ भरे सड़क से ब्लॉक मुख्यालय मरीज को इलाज कराने के लिए ले जाते हैं वही गर्भवती महिलाओं को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है ।। जबकि उप स्वास्थ्य केंद्र कटेकोनी बड़े के अधूरा निर्माण के बारे में ग्रामीणों द्वारा कई बार जिला स्तरीय जनसमस्या निवारण शिविर एवं शासन द्वारा चलाए गए ग्राम सुराज अभियान एवं अन्य शिविरों में भी अवगत कराया जा चुका है साथ ही ग्रामीणों द्वारा क्षेत्रीय विधायक और सांसद व जिला कलेक्टर प्रशासन के अधिकारियों को भी अवगत करा चुके इसके बाद भी 13 वर्षों बाद भी भवन अधूरा पड़ा हुआ है जो समझ से परे है।। उप स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत ग्राम कटे कोनी छोटे तुरकापाली हरदी डीह सेमराफेह कटेकोनी बड़े सम्मिलित हैं इन गांवों के ग्रामीणों को किसी प्रकार की स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल रही है जबकि शासन द्वारा दो कर्मचारी आर एच ओ एम ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक महिला एवं पुरुष के पद पर पदस्थापना की गई है जब उप स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक ईश्वरी पटेल से बात किया गया तो उन्होंने बताया कि उप स्वास्थ्य केंद्र का भवन अधूरा है वहां बैठे के लिए कोई जगह नहीं है जिस कारण ग्रामीणों को स्वास्थ्य की जानकारी एवं चिकित्सा गांव में घूम-घूम कर करते हैं गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों को टीका घूम घूम कर घर घर जाकर लगाते हैं ।। वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि उप स्वास्थ्य केंद्र का भवन नहीं होने के कारण स्वास्थ्य कर्मचारी गांव में चिकित्सा सुविधा नहीं पहुंचाते हैं मरीजों को भारी परेशानी हो रही है बारिश के दिनों में डिलीवरी एवं बीमारी मरीज को बाहर ब्लॉक मुख्यालय व खरसिया रायगढ़ इलाज के लिए जाना पड़ता है ।। बाईट :- श्याम लाल जांगड़े ग्रामीण दाड़ी वाला बाईट:- गौरी महंत ग्रामीण महिला। सफेद गमछा में बाईट :- केवरा बाई ग्रामीण महिला चेक पीला साड़ी में बाईट:- ईश्वरी पटेल (आर एच ओ एम )ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक पुरुष काला कोट मेंBody:फ़Conclusion:गग
Last Updated : Dec 25, 2019, 8:23 PM IST
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