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जानिए कैसे राहुल को बचाने में मददगार बन रहा VLC कैमरा ?

जांजगीर के पिहरिद गांव के बोरवेल में राहुल साहू फंसा हुआ है. जिसे निकालने के लिए अत्याधुनिक मशीनों का सहारा लिया जा रहा है.इस ऑपरेशन में ऐसे कैमरे (victim location camera ) का इस्तेमाल किया गया है जिस पर पूरी टीम निर्भर है.

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बोरवेल में फंसे राहुल का रेस्क्यू ऑपरेशन
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Published : Jun 14, 2022, 4:51 PM IST

Updated : Jun 14, 2022, 4:57 PM IST

जांजगीर चांपा: जांजगीर चांपा के पिहरीद गांव के बोरवेल में फंसे राहुल साहू को पांचवां दिन (Rahul sahu Rescue Operation Updates) गुजरने को हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन कर रही टीम राहुल को सुरक्षित निकालने के लिए कोशिश कर रही है. राहुल अभी भी (Rahul Sahu trapped in borewell of Janjgir Pihrid Village) चट्टानों के बीच फंसा है. रेस्क्यू टीम अब भी चट्टान हटाने का काम कर रही है.

कैसे पहुंचेंगे राहुल तक : जांजगीर के बोरवेल में फंसे राहुल का लोकेशन रेस्क्यू टीम को पता चला है. राहुल जहां बैठा है वहां जाने के लिए रेस्क्यू टीम ने टनल बना लिया है. टनल के ऊपर के पत्थर को तोड़ा गया है. टनल के नीचे के पत्थर को तोड़कर ( fifth day rescue operation of Rahul Sahu) रास्ता बनाया जा रहा है.लेकिन इन सबके बीच जिस चीज ने राहुल और रेस्क्यू टीम को जोड़े रखा है. वो है कैमरा.जिसके जरिए राहुल की लोकेशन के साथ उसकी हालत का अंदाजा लगाया जा रहा है.इस कैमरे का नाम है विक्टिम लोकेशन कैमरा.

क्या है विक्टिम लोकेशन कैमरा :भूकंप या विस्फोट से किसी इमारत के ध्वस्त होने पर उसके अंदर फंसे लोगों को खोजना आसान नहीं होता है. लेकिन विक्टिम लोकेशन कैमरे (victim location camera ) की मदद से अंदर फंसे लोगों को खोजने में मदद मिलती है. ये अत्याधुनिक कैमरे होते हैं, जो मलबे के अंदर 10 फीट तक जाकर न सिर्फ घायलों को देख सकते हैं बल्कि उनकी आवाज को भी रिकॉर्ड करते हैं. नेशनल डिजास्टर रेस्क्यू फोर्स के पास ही इस तरह का उपकरण हैं.

how Victim Location Camera works in janjgir champa
बोरवेल में फंसे राहुल का रेस्क्यू ऑपरेशन

ये भी पढ़ें- राहुल साहू के रेस्क्यू ऑपरेशन का पांचवा दिन, चट्टान के बीच फंसी है जिंदगी

how Victim Location Camera works in janjgir champa
बोरवेल में फंसे राहुल का रेस्क्यू ऑपरेशन

कैसे करता है काम :विक्टिम लोकेशन कैमरा यह भी बताता है कि क्या जमीन के नीचे दबा इंसान जिन्दा बचा है या फिर उसकी मृत्यु हो गई है. जमीन के नीचे की हर तरह की हलचल की जानकारी इस कैमरे से मिलती है. माना जाता है कि यह कैमरे 60 फीट अंदर की जमीनी हलचल की भी बता सकता है. उसके बाद ही आपदा प्रबंधन की टीम उस स्थान को लोकेट करती है और इंसान को निकालने की कोशिश करती है.

जांजगीर चांपा: जांजगीर चांपा के पिहरीद गांव के बोरवेल में फंसे राहुल साहू को पांचवां दिन (Rahul sahu Rescue Operation Updates) गुजरने को हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन कर रही टीम राहुल को सुरक्षित निकालने के लिए कोशिश कर रही है. राहुल अभी भी (Rahul Sahu trapped in borewell of Janjgir Pihrid Village) चट्टानों के बीच फंसा है. रेस्क्यू टीम अब भी चट्टान हटाने का काम कर रही है.

कैसे पहुंचेंगे राहुल तक : जांजगीर के बोरवेल में फंसे राहुल का लोकेशन रेस्क्यू टीम को पता चला है. राहुल जहां बैठा है वहां जाने के लिए रेस्क्यू टीम ने टनल बना लिया है. टनल के ऊपर के पत्थर को तोड़ा गया है. टनल के नीचे के पत्थर को तोड़कर ( fifth day rescue operation of Rahul Sahu) रास्ता बनाया जा रहा है.लेकिन इन सबके बीच जिस चीज ने राहुल और रेस्क्यू टीम को जोड़े रखा है. वो है कैमरा.जिसके जरिए राहुल की लोकेशन के साथ उसकी हालत का अंदाजा लगाया जा रहा है.इस कैमरे का नाम है विक्टिम लोकेशन कैमरा.

क्या है विक्टिम लोकेशन कैमरा :भूकंप या विस्फोट से किसी इमारत के ध्वस्त होने पर उसके अंदर फंसे लोगों को खोजना आसान नहीं होता है. लेकिन विक्टिम लोकेशन कैमरे (victim location camera ) की मदद से अंदर फंसे लोगों को खोजने में मदद मिलती है. ये अत्याधुनिक कैमरे होते हैं, जो मलबे के अंदर 10 फीट तक जाकर न सिर्फ घायलों को देख सकते हैं बल्कि उनकी आवाज को भी रिकॉर्ड करते हैं. नेशनल डिजास्टर रेस्क्यू फोर्स के पास ही इस तरह का उपकरण हैं.

how Victim Location Camera works in janjgir champa
बोरवेल में फंसे राहुल का रेस्क्यू ऑपरेशन

ये भी पढ़ें- राहुल साहू के रेस्क्यू ऑपरेशन का पांचवा दिन, चट्टान के बीच फंसी है जिंदगी

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बोरवेल में फंसे राहुल का रेस्क्यू ऑपरेशन

कैसे करता है काम :विक्टिम लोकेशन कैमरा यह भी बताता है कि क्या जमीन के नीचे दबा इंसान जिन्दा बचा है या फिर उसकी मृत्यु हो गई है. जमीन के नीचे की हर तरह की हलचल की जानकारी इस कैमरे से मिलती है. माना जाता है कि यह कैमरे 60 फीट अंदर की जमीनी हलचल की भी बता सकता है. उसके बाद ही आपदा प्रबंधन की टीम उस स्थान को लोकेट करती है और इंसान को निकालने की कोशिश करती है.

Last Updated : Jun 14, 2022, 4:57 PM IST
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